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आर्थिक समीक्षा 2024-25 नोट्स

आर्थिक समीक्षा 2024-25

सकल राष्ट्रीय आय (GNI) एवं निवल राष्ट्रीय आय (NNI)

मूल्य

सकल राष्ट्रीय आय

निवल राष्ट्रीय आय

2023-24
CR.

2024-25
CR.

2023-24
CR.

2024-25
CR.

प्रचलित

29104354

31909037

25696663

28182828

स्थिर (2011-12)

17125892

18198409

14890760

15820014

वृद्धि दर %

प्रचलित

9.5

9.6

9.6

9.7

स्थिर (2011-12)

8.2

6.3

8.3

6.2

प्रतिव्यक्ति आय निवल राष्ट्रीय आय (NNI) पर

 

2023-24

2024-25

प्रचलित

वृद्धि दर %

1,84,205 रुपये

8.7

2,00,162 रुपये

8.7

स्थिर (2011-12)  वृद्धि दर %

106744 रुपये
7.4

112358 रुपये
5.3

● आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) एक वार्षिक दस्तावेज होता है, जो किसी देश की सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और इसमें देश की आर्थिक स्थिति, विकास दर, वित्तीय नीतियों, राजकोषीय घाटे, महंगाई, व्यापार, कृषि, उद्योग, रोजगार, सामाजिक कल्याण योजनाओं आदि का व्यापक विश्लेषण किया जाता है। यह रिपोर्ट आगामी केंद्रीय बजट (Union Budget) से ठीक पहले सरकार द्वारा जारी की जाती है और अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिति को समझने में सहायक होती है।

आर्थिक समीक्षा के प्रमुख उद्देश्य:
1. वर्तमान आर्थिक स्थिति का विश्लेषण – यह पिछले वर्ष की आर्थिक गतिविधियों, विकास दर और प्रमुख आर्थिक संकेतकों (जैसे GDP, मुद्रास्फीति, राजस्व संग्रह) की समीक्षा करता है।

2. नीतिगत सुझाव – यह सरकार को आर्थिक सुधारों, नीतिगत सुधारों और संभावित चुनौतियों पर सुझाव प्रदान करता है।

3. अर्थव्यवस्था की मजबूती और कमजोरियों की पहचान –सरकार की उपलब्धियों और उन क्षेत्रों की पहचान की जाती है जहाँ सुधार की आवश्यकता होती है।

4. विकास और सामाजिक समावेशन – इसमें समाज के सभी वर्गों के विकास, गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है।

5. भविष्य की रणनीति का निर्धारण – संभावित सुधारों, नई योजनाओं और नीतिगत पहलुओं का मार्गदर्शन दिया जाता है, जो आगामी बजट में शामिल हो सकते हैं।

आर्थिक समीक्षा की प्रमुख विशेषताएँ:

1. सरकार का दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है – इसे वित्त मंत्रालय के अधीन आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Adviser - CEA) की टीम तैयार करती है।

2. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का विश्लेषण करती है – इसमें कृषि, उद्योग, सेवा क्षेत्र, विदेशी निवेश, बुनियादी ढाँचा, सामाजिक योजनाएँ, पर्यावरणीय प्रभाव आदि को शामिल किया जाता है।

3. दो भागों में प्रकाशित की जाती हैं–
भाग-1: नीतिगत सुझावों और दीर्घकालिक आर्थिक रणनीतियों पर केंद्रित होता है।
भाग-2: आर्थिक आँकड़ों, मौजूदा आर्थिक परिदृश्य और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण करता है।

भारत में आर्थिक समीक्षा:
● 1950-51 में भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था, जो शुरू में केंद्रीय बजट दस्तावेजों के एक घटक के रूप में था। 1964 से इसे बजट से अलग करके एक दिन पहले पेश किया जाता है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के नेतृत्व में तैयार किया जाता है जो वर्तमान में डॉ. अनंत नागेश्वरन है।

1. वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (2024-25)

वैश्विक GDP वृद्धि दर:
• वर्ष 2024 में 3.2% और 2025 में 3.3% की वृद्धि दर रहने का अनुमान।
• वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.3% से बढ़ी है। 
• अमेरिका और यूरोप में धीमी वृद्धि, जबकि एशियाई बाजारों में तेजी।
• विभिन्न देशों की मौद्रिक नीतियों और राजनीतिक घटनाओं के कारण व्यापार नीतियों में बदलाव आए।
• अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अगले पाँच वर्षों में औसतन 3.2 प्रतिशत की दर से वैश्विक वृद्धि होने का अनुमान जताया है जो पिछले वर्षों में तय मानकों के अनुरूप ही है।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन (2024-25) में स्थिर बना हुआ है-

विकास दर 
• राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वित्त वर्ष 2024-25 के पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर-
• कृषि क्षेत्र: 3.8% वृद्धि।

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