बुनियादी संरचना से मूलभूत सुविधाओं का उन्नयन
ऊर्जा
आर्थिक विकास में ऊर्जा की भूमिका
● ऊर्जा कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों को मजबूत बनाती है।
● बिजली नेटवर्क ग्रामीण और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करता है।
● 2030 तक ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और दक्षता बढ़ाने की योजना।
नवीकरणीय ऊर्जा और आधुनिक बुनियादी ढाँचा
● कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का 50% उपयोग करने का लक्ष्य।
● बिजली वितरण, डिजिटल बुनियादी ढाँचे और ऊर्जा भंडारण में सुधार।
● हरित ऊर्जा निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा।
ऊर्जा की अधिष्ठापित क्षमता (Installed Capacity)
● मार्च 2024 तक 24,783.64 मेगावॉट → दिसंबर, 2024 तक 26,325.19 मेगावॉट।
● प्रमुख ऊर्जा स्रोत: तापीय, जलविद्युत, गैस, पवन, सौर और बायोमास।
● राजस्थान सौर ऊर्जा में अग्रणी, दिसंबर, 2024 तक सौर ऊर्जा क्षमता 5,482.66 मेगावॉट।
●पवन ऊर्जा क्षमता 4,414.12 मेगावॉट, कुल नवीकरणीय ऊर्जा का 37.59%।
क्र. सं. | विवरण | 2023-24 | 2024-25 (दिसंबर तक) |
1. राज्य की स्वयं / भागीदारी की परियोजनाएँ | |||
(अ) | तापीय | 7830.00 | 7830.00 |
(ब) | जल विद्युत | 1017.29 | 1017.29 |
(स) | गैस | 600.50 | 600.50 |
योग (1) |
9447.79 |
9447.79 | |
2. केन्द्रीय परियोजनाओं से राज्य को आवंटित | |||
(अ) | तापीय | 1916.37 | 1916.37 |
(ब) | जल विद्युत | 740.66 | 740.66 |
(स) | गैस | 0.00* | 0.00 |
(द) | परमाणु | 456.74 | 456.74 |
योग (2) | 3113.77 | 3113.77 | |
3. आरआरईसी, आरएसएमएमएल एवं निजी क्षेत्र पवन ऊर्जा / बायोमास / सौर ऊर्जा परियोजनाएँ | |||
(अ) | पवन | 4359.63 | 4414.12 |
(ब) | बायोमास | 109.95 | 124.85 |
(स) | सौर ऊर्जा (कुसुम पीपीए के साथ) | 4010.50 | 5482.66 |
(द) | तापीय / जल विद्युत | 3742.00 | 3742.00 |
योग (3) | 12222.08 | 13763.63 | |
सकल योग (1+2+3) | 24783.64 | 26325.19 |
ऊर्जा उत्पादन और विकास
● वर्ष 2020-24 के दौरान ऊर्जा उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 4.08%।
● सौर ऊर्जा में 20.57% और पवन ऊर्जा में 5.30% की वार्षिक वृद्धि।
● 2030 तक सौर और पवन ऊर्जा में भारी विस्तार की योजना।
● ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की संभावनाओं की खोज।
प्रसारण तंत्र प्रणाली
● मार्च 2017: 36,079 सर्किट किमी → दिसंबर 2024: 44,638 सर्किट किमी (23.72% वृद्धि)।
● ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार और हरित ऊर्जा क्षेत्रों का विकास।
ऊर्जा उपलब्धता और उपभोग
● 2020-21 में 8,561.36 करोड़ यूनिट से 2023-24 में 10,948.74 करोड़ यूनिट तक बढ़ी है जो 27.87% की वृद्धि दर्शाति है।
● विद्युत आपूर्ति, उद्योग, कृषि और शहरी विकास में सुधार।
वितरण प्रणाली
● राजस्थान में मार्च, 2024 तक उपभोक्ताओं की संख्या 190.61 लाख थी, जो 2.94 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दिसम्बर, 2024 तक 196.22 लाख तक पहुँच गई है।
● दिसम्बर, 2024 तक 43,965 गाँवों का विद्युतीकरण पूरा, 1.14 लाख ढाणियों और 108.09 लाख ग्रामीण घरों को बिजली मिली।
कृषि कनेक्शन
● दिसंबर, 2024 तक 72,373 कृषि कनेक्शन जारी।
● ₹22,755.22 करोड़ का टैरिफ अनुदान किसानों को प्रदान किया गया।
सोलर पंप एवं पॉवर प्लांट पहल
● पीएम-कुसुम योजना के तहत् 602 मेगावॉट क्षमता के 489 सोलर प्लांट्स के पीपीए।
● योजना के दूसरे चरण में 1,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा का लक्ष्य।
● 4,00,000 पंप सेटों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की योजना।
घर-घर सौर ऊर्जा
● 13 फरवरी, 2024 को "प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" शुरू।
● 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाकर 300 यूनिट मुफ्त बिजली।
● पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से अधिकतम ₹78,000 (3 किलोवॉट या उससे अधिक) का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
● राजस्थान में 5 लाख घरों के लिए सोलर रूफटॉप योजना का लक्ष्य।
● दिसम्बर, 2024 तक 22,657 उपभोक्ताओं के लिए 111.77 मेगावॉट सोलर रूफटॉप क्षमता स्थापित की जा चुकी है।
कृषि क्षेत्र को निःशुल्क बिजली
● "मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना" के तहत् किसानों को हर महीने 2,000 यूनिट तक मुफ्त बिजली।
● 18.59 लाख कृषि उपभोक्ताओं को ₹16,709.24 करोड़ का अनुदान दिया गया।
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए लाभ
● 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 200 यूनिट तक आंशिक छूट।
● 62.10 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को शून्य राशि के बिल जारी।
● कुल ₹7,940.42 करोड़ का अनुदान वितरित।
पॉवर ट्रांसमिशन दक्षता सुधार
● स्मार्ट ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली (STNAMS) लागू।
● 14,320 किमी OPGW फाइबर नेटवर्क और 3 कमांड सेंटर स्थापित।
निजी क्षेत्र की भागीदारी
● 132 केवी के 225 सब-स्टेशनों का निजी रखरखाव (₹45 लाख प्रति सब-स्टेशन की बचत)।
● 400 केवी के 2 GSS (अलवर व डीडवाना) PPP मॉडल में विकसित।
● निजी भागीदारी से 2,786 मेगावॉट बिजली उत्पादन।
अक्षय ऊर्जा
● भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य।
● सौर और पवन ऊर्जा संसाधनों का भरपूर उपयोग।
● राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड (RRECL) प्रमुख एजेंसी।
1. सौर ऊर्जा उत्पादन
● राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षमता 142 गीगावाट (MNRE के अनुसार)।
● 22,676 मेगावॉट ग्राउंड माउंटेड सौर संयंत्र स्थापित (दिसंबर, 2024 तक)।
● 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में योगदान।
● सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोमास व ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा।
2. सोलर पार्क एवं मेगा प्रोजेक्ट्स
● भड़ला, जोधपुर में 2,245 मेगावॉट का सोलर पार्क।
● फलोदी-पोकरण (750 मेगावॉट ), फतेहगढ़,(1500 मेगावॉट ) नोख, (925 मेगावॉट), पूगल (2450 मेगावॉट), बोडाना, जैसलमेर (2000) आदि में बड़े सोलर पार्क।
3. रूफटॉप सोलर योजना (RESCO व HAM मॉडल)
● सरकारी भवनों पर 1.2 मेगावॉट रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित।
● 1,000 मेगावॉट ग्रिड-कनेक्टेड RTS परियोजना के लिए बोली आमंत्रित।
4. पवन ऊर्जा कार्यक्रम
● अनुमानित क्षमता 284 गीगावाट (NIWE के अनुसार)।
● 5,209 मेगावॉट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित (दिसंबर, 2024 तक)।
5. बायोमास ऊर्जा
● 128.45 मेगावॉट क्षमता के 14 बायोमास संयंत्र।
● बायोमास एवं वेस्ट टू एनर्जी नीति 2023 लागू।
6. ग्रीन हाइड्रोजन
● 2030 तक 2,000 केटीपीए उत्पादन लक्ष्य।
● 70,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पंजीकृत।
7. ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता
● ऊर्जा बचत तकनीकों को बढ़ावा।
● पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छ ऊर्जा उपयोग को प्राथमिकता।
सड़क
भौगोलिक चुनौतियाँ:
● राजस्थान का बड़ा हिस्सा मरुस्थलीय है और कोई समुद्री तट नहीं है, जिससे सड़क आधारभूत संरचना विकसित करना चुनौतीपूर्ण है।
● सड़क नेटवर्क विस्तार: 1949 में 13,553 किमी से बढ़कर मार्च 2024 तक 3,17,121 किमी हो गया।
● सड़क घनत्व 92.66 किमी प्रति 100 वर्ग किमी तक पहुँच गया है जबकि राष्ट्रीय औसत 165.24 किमी प्रति 100 वर्ग किमी(बेसिक रोड स्टैटिस्टिक्स 2018-19 के अनुसार) है।
● राज्य में सड़कों की लंबाई (31 मार्च, 2024 तक) :-
राष्ट्रीय राजमार्ग – 10790 किमी. |
राज्य राजमार्ग – 17376 किमी. |
मुख्य जिला सड़कें – 14372 किमी. |
अन्य जिला सड़कें – 68265 किमी. |
ग्रामीण सड़कें – 206318 किमी. |
कुल सड़कों की लंबाई 3,17,121 किलोमीटरहै। |
● 3,17,121 किलोमीटर में से 187634 किलोमीटर सड़कों का रख रखाव सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है।
महत्त्वपूर्ण ग्रीन कॉरिडोर:
● दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे और अमृतसर-जामनगर ग्रीन कॉरिडोर परिवहन को कुशल बना रहे हैं।
● खनन क्षेत्र के लिए टिकाऊ कंक्रीट सड़कों को प्राथमिकता दी जा रही है।
रेलवे क्रॉसिंग सुरक्षा:
● रोड ओवर ब्रिज (ROB) और रोड अंडर ब्रिज (RUB) का निर्माण बढ़ाया जा रहा है।
● बाढ़ प्रबंधन के लिए उच्च स्तरीय पुलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग विकास:
● जयपुर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन में बदला जाएगा, जिससे यात्रा समय घटकर 3 घंटे रह जाएगा।
● 47 राष्ट्रीय राजमार्गों और 23 राज्य राजमार्गों के विकास के लिए रणनीति बनाई गई।
● अगले 5 वर्षों में ₹10,000 करोड़ का निवेश होगा।
पीएमजीएसवाई-III (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना):
● 8,662.50 किमी ग्रामीण सड़कों के उन्नयन की योजना।
● अब तक ₹3,619.67 करोड़ की लागत से 8,249.40 किमी सड़कें पूरी।
प्रधानमंत्री-जनमन योजना:
● बाराँ जिले की 38 बस्तियों को 98.69 किमी नई सड़कों से जोड़ा जाएगा।
● कुल लागत ₹68.87 करोड़, अब तक 0.45 किमी सड़क निर्माण हुआ।
तकनीकी नवाचार:
● AI-आधारित ट्रैफिक प्रबंधन, GNSS टोलिंग, और पर्यावरण-अनुकूल सड़क निर्माण की पहल।
● फ्लाईओवर, बाईपास और रेलवे क्रॉसिंग के उन्मूलन पर विशेष ध्यान।
राजस्व अर्जन
● वर्ष 2024-25 में दिसम्बर, 2024 तक ₹4,977.32 करोड़ राजस्व अर्जन हुआ है।
परिवहन
● वर्ष 2023-24 के अप्रैल से दिसंबर तक कुल 12,76,657 वाहन पंजीकृत किए गए हैं।
● यात्रियों की सुरक्षा के लिए बसों में वाहन ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) और पैनिक बटन लगाए गए हैं।
● महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में रियायत 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है और महिला दिवस पर महिलाओं के लिए बस द्वारा यात्रा मुफ्त कर दी गई है।
रेलवे
रेलवे विद्युतीकरण:
● कुल 5,703 रेल किलोमीटर (97%) ब्रॉड गेज मार्ग विद्युतीकृत।
● 2014 के बाद 5,568 आरकेएम का विद्युतीकरण, पहले की तुलना में 18 गुना वृद्धि।
● विद्युतीकरण से ईंधन लागत में कमी, तेज़ संचालन और लॉजिस्टिक क्षमताओं में वृद्धि।
रेलवे आधारभूत विकास:
● 1,544 किमी ट्रैक डबलिंग, गेज परिवर्तन और नई लाइनों का निर्माण जारी।
● 555 किमी नई रेलवे लाइन निर्माण (₹12,480 करोड़ लागत)।
● 832 किमी ट्रैक डबलिंग (₹8,204 करोड़) और 152 किमी गेज परिवर्तन (₹1,716 करोड़)।
● 2024-25 में 100 किमी नई लाइन और डबलिंग का लक्ष्य।
बजट और निवेश:
● 2024-25 में रेलवे परियोजनाओं के लिए ₹9,959 करोड़ का बजट।
● 2009-14 की तुलना में 15 गुना अधिक निवेश।
डाक एवं दूरसंचार सेवाएँ
● नवंबर, 2024 के अन्त तक राज्य में कुल डाकघरों की संख्या 11,044 और सितंबर, 2024 तक टेलीकॉम उपभोक्ताओं की संख्या 6.59 करोड़ थी।
शहरी एवं ग्रामीण जल आपूर्ति
शहरी जल आपूर्ति
●राज्य में 256 शहरी/कस्बे, जिनमें सभी जिला मुख्यालय शामिल।
●सभी को पाइपलाइन आधारित पेयजल आपूर्ति प्रणाली से जल उपलब्ध।
जल स्रोत:
● 85 कस्बे सतही जल स्रोतों पर निर्भर।
● 89 कस्बे भूजल स्रोतों पर निर्भर।
● 82 कस्बे सतही एवं भूजल स्रोतों के मिश्रण पर निर्भर।
●जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा, उदयपुर स्थायी सतही जल स्रोतों से जल प्राप्त करते हैं।
●अन्य नगरों में भूजल दोहन एवं संरक्षण की कमी से जल संकट।
●राज्य सरकार द्वारा भूजल आधारित योजनाओं को सतही जल स्रोतों में बदलने की नीति अपनाई गई।
अमृत 2.0 योजना
● 1 अक्टूबर, 2021 को भारत सरकार द्वारा प्रारंभ।
● वर्ष 2025-26 तक ‘हर घर नल’ लक्ष्य।
● 183 नगरीय निकायों में ₹5,123.06 करोड़ के कार्य स्वीकृत।
● 175 नगरों में टेंडर आमंत्रित, शेष प्रक्रियाधीन।
ग्रामीण जल आपूर्ति
जल जीवन मिशन (JJM) – 15 अगस्त, 2019 से शुरू।
● 2026 तक सभी ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) द्वारा जल आपूर्ति लक्ष्य।
● वित्तीय हिस्सेदारी: केंद्र 50% - राज्य 50%।
● ₹93,427 करोड़ की लागत स्वीकृत – 11,159 एकल ग्राम योजनाएँ, 139 वृहद पेयजल परियोजनाएँ।
● अब तक 47.92 लाख ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन से लाभ।
● 31 जनवरी, 2025 तक ₹25,856 करोड़ व्यय।
● 3 फरवरी, 2025 तक 59.61 लाख घरेलू नल कनेक्शन प्रदान।
ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाएँ (RWSS)
● राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन एवं राज्य योजनाओं से बजट।
● 2024-25 में ₹4,337 करोड़ व्यय।
● 2024-25 में 1,012 ट्यूबवेल व 1,268 हैंडपंप स्थापित।
● 1,64,684 हैंडपंपों का रखरखाव व मरम्मत।
पेयजल परिवहन
● गर्मियों में जल आपूर्ति हेतु परिवहन व्यवस्था।
● 2024-25 में 15,417 गाँवों/ढाणियों में जल परिवहन सुविधा।
वृहद पेयजल परियोजनाएँ
● राजस्थान के प्रमुख जल स्रोतों से जल आपूर्ति
● इंदिरा गाँधी नहर – 5,719 ग्राम, 39 कस्बे
● चंबल नदी – 4,899 ग्राम, 29 कस्बे
● नर्मदा नदी – 902 ग्राम, 3 कस्बे
● बीसलपुर बाँध – 3,109 ग्राम, 22 कस्बे
● जवाई बाँध – 811 ग्राम, 10 कस्बे
● 120 वृहद पेयजल परियोजनाओं के लिए ₹39,362.64 करोड़ निवेश स्वीकृत।
कार्यान्वित / चालू बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएँ
परियोजना का नाम | वित्त पोषित |
1. राजस्थान शहरी क्षेत्र विकास कार्यक्रम (चरण-तृतीय) नवम्बर, 2015 से मार्च, 2025 | एशियन विकास बैंक (ADB) |
2. राजस्थान मध्यम नगरीय क्षेत्र विकास परियोजना (चरण-चतुर्थ) (ट्राँच- II जनवरी, 2021 से नवम्बर, 2028) | एशियन विकास बैंक (ADB) |
3. राजस्थान मध्यम नगरीय क्षेत्र विकास परियोजना (चरण-चतुर्थ) (ट्राँच-II अप्रैल, 2023 से मई, 2028) | एशियन विकास बैंक (ADB) |
4. राजस्थान राज्य राजमार्ग निवेश कार्यक्रम-प्रथम (ट्राँच-II) दिसम्बर, 2019 से मार्च, 2025 | एशियन विकास बैंक (ADB) |
5. राजस्थान राज्य राजमार्ग निवेश कार्यक्रम प्रथम (ट्राँच-III) दिसम्बर, 2022 से सितम्बर, 2026 | एशियन विकास बैंक (ADB) |
6. राजस्थान राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम-द्वितीय (ट्राँच-1) अक्टूबर, 2019 से दिसम्बर, 2024 | विश्व बैंक |
7. राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना अप्रैल, 2017 से मार्च, 2028 | जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) |
8. मरू क्षेत्र के लिये राजस्थान जल क्षेत्र पुर्नसंरचना 8 परियोजना (ट्राँच प्रथम व द्वितीय) मई, 2018 से फरवरी, 2025 | न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) |
9. राजस्थान में ट्रांसमिशन सिस्टम हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना-द्वितीय नवम्बर, 2022 से अक्टूबर, 2026 | के.एफ.डब्लू. (KFW) |
10. राजस्थान में सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्धन के सुदृढ़ीकरण की परियोजना जुलाई, 2018 से मार्च, 2025 | विश्व बैंक |
11. राजस्थान ग्रामीण जलापूर्ति एवं लोरोसिस निराकरण 11 परियोजना चरण-द्वितीय जुलाई, 2021 से दिसम्बर, 2027 | जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) |
12. बाँध पुर्नवास और सुधार परियोजना-द्वितीय अप्रैल, 2021 से मार्च, 2027 | विश्व बैंक |
13. राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना अप्रैल, 2023 से मार्च, 2031 | एजेंसी फ्रेंचाइच डी डेवलपमेंट (AFD) |
14. राजस्थान जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया और पारिस्थितिकी तंत्र सेवा संवर्धन अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2035 | जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) |
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