जीवन की गुणवत्ता में वृद्धिः शहरी, ग्रामीण एवं क्षेत्रीय विकास
वैश्विक शहरीकरण प्रवृत्तियाँ
● वर्तमान में दुनिया की 50% से अधिक जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है।
● वर्ष 2050 तक शहरी जनसंख्या 66.66% तक पहुँचने का अनुमान।
● शहरीकरण वैश्विक GDP में 80% योगदान देता है।
● शहरी केंद्र विकास, नवाचार एवं उद्यमिता के मुख्य हब होते हैं।
भारत एवं राजस्थान में शहरीकरण
● भारत की शहरी आबादी 1961 में 17.97% से बढ़कर 2011 में 31.14% हो गई।
● राजस्थान में शहरी जनसंख्या 1961 में 16.28% से बढ़कर 2011 में 24.87% हुई।
● 2021 में राजस्थान की शहरी जनसंख्या 26.33% और 2031 तक 27.74% हो सकती है।
जनसंख्या वृद्धि और लिंगानुपात
● राजस्थान की कुल जनसंख्या 2001 में 565 लाख से बढ़कर 2031 तक 872 लाख होने का अनुमान।
● शहरी क्षेत्रों में लिंगानुपात 2001 में 890 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष से बढ़कर 2011 में 914 महिलाएँ हुआ।
● ग्रामीण क्षेत्रों में 2011 में लिंगानुपात 933 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष दर्ज किया गया।
बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष आयु वर्ग)
● शहरी क्षेत्रों में 2001 में 887 लड़कियाँ प्रति 1000 लड़के से घटकर 2011 में 874 हो गया।
● ग्रामीण क्षेत्रों में 2001 में 914 लड़कियाँ प्रति 1000 लड़के से घटकर 2011 में 892 रह गया।
साक्षरता दर
● राजस्थान में साक्षरता दर 2001 में 60.40% से बढ़कर 2011 में 66.11% हो गई।
● शहरी क्षेत्रों में 79.70% और ग्रामीण क्षेत्रों में 61.40% साक्षरता दर दर्ज।
प्रमुख शहरी केंद्र
● जयपुर (30.46 लाख), जोधपुर (11.38 लाख), कोटा (10.02 लाख), बीकानेर (6.44 लाख)
● सबसे छोटा शहरी समूह: बाँसवाड़ा (1.01 लाख जनसंख्या)
राजस्थान में नगरीकरण की स्थिति
● सबसे अधिक शहरीकृत जिले: कोटा (60.31%), जयपुर (52.40%), अजमेर (40.08%)
● सबसे कम शहरीकृत जिले: जालोर (8.30%), प्रतापगढ़ (8.27%), बाँसवाड़ा (7.10%)
ग्रामीण से शहरी पलायन के कारण
● पुरुष – 49.16% रोजगार की तलाश में
● महिलाएँ – 59.11% वैवाहिक कारणों से
शहरी आवास और झुग्गी-झोंपड़ी
● राजस्थान में 68.9% घर अच्छी स्थिति में, 29.3% रहने योग्य और 1.8% जीर्ण-शीर्ण अवस्था में।
● झुग्गी क्षेत्रों में 20.68 लाख लोग (12.13% शहरी आबादी) रहते हैं।
● जयपुर में सबसे अधिक झुग्गी निवासी (3.23 लाख, राज्य की 15.64% झुग्गी आबादी)।
● सबसे अधिक स्लम प्रतिशत वाले शहर: पीलीबंगा (74.53%), जहाजपुर (63.79%), केसरीसिंहपुर (61.46%)।
सशक्त शहरी विकास और बुनियादी ढाँचे का विस्तार
शहरी नियोजन संस्थाएँ:
● राज्य सरकार ने शहरी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न विकास प्राधिकरणों और संस्थानों का गठन किया।
● 7 विकास प्राधिकरण: जयपुर, अजमेर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर, बीकानेर और उदयपुर।
● 10 शहरी न्यास: अलवर, आबू, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, पाली, श्रीगंगानगर, सीकर और सवाई माधोपुर।
● राजस्थान आवासन मण्डल एवं जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन सक्रिय रूप से कार्यरत।
रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी, राजस्थान (रेरा)
● 6 मार्च, 2019 को रेरा और रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन।
● रेरा पोर्टल: rera.rajasthan.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन व शिकायतें।
● दिसंबर, 2024 तक रेरा की प्रगति:
● 3,301 रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण।
● 10,212 रियल एस्टेट एजेंट पंजीकृत।
● 5,335 प्राप्त शिकायतों में से 3,821 शिकायतों का समाधान।
आवास विकास और योजनाएँ
● राजस्थान आवासन मण्डल की स्थापना 24 फरवरी, 1970 को हुई।
● वर्ष 2024-25 में 3,081 आवासीय इकाइयों (2,101 स्वतंत्र आवास और 980 फ्लैट्स) की योजना।
● पहला चरण (15 मार्च 2024): 3,001 फ्लैट्स / आवासों की 12 योजनाएँ लॉन्च।
● दूसरा चरण:
● 80 फ्लैट्स / आवासों की योजना प्रगति पर।
● लागत निर्धारण, मानचित्र स्वीकृति, रेरा पंजीकरण, पंजीकरण पुस्तिका तैयार करने का कार्य जारी।
प्रभावी शहरी शासन और नीति कार्यान्वयन –
● महत्त्व: संसाधनों का कुशल प्रबंधन, सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा।
दीनदयाल अंत्योदय योजना (DAY-NULM):
● 213 शहरी निकायों में लागू।
● शहरी गरीबों के लिए आजीविका सुधार पर केंद्रित।
● शहरी आधारभूत ढाँचा विकास (UIDSSMT):
छोटे और मध्यम कस्बों में बुनियादी सुविधाओं का विकास।
● 12 शहरों में ₹646.24 करोड़ की परियोजनाएँ।
राजस्थान अरबन डेवलपमेंट फंड-II (RUDF-II):
● 25 अगस्त, 2021 में स्थापित, विभिन्न शहरी निकायों से वित्तीय सहायता प्राप्त।
स्मार्ट सिटीज मिशन: (100 शहरों में )
● जयपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर को शामिल किया गया।
● ₹3,740.30 करोड़ की व्यय राशि।
अमृत 2.0 योजना:
● सीवरेज, जल निकाय पुनरुद्धार और जल आपूर्ति के लिए ₹3,552 करोड़ की केंद्रीय सहायता।
एलईडी लाइट परियोजना:
● 191 शहरी निकायों में 12.02 लाख एलईडी लाइटें स्थापित।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 1.0 और 2.0 (अक्टूबर,2021):
● व्यक्तिगत व सामुदायिक शौचालय निर्माण, कचरा प्रबंधन और ओडीएफ लक्ष्य प्राप्ति।
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना:
● ₹8 प्रति प्लेट भोजन, राज्य सरकार द्वारा ₹22 अनुदान।
● प्रदेश में 240 नगरीय निकायों में 1,000 रसोईयों के संचालन हेतु प्रतिवर्ष ₹250 करोड़ व्यय
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):
● स्वीकृत : 2,88,550 मकान -पूर्ण: 1,96,700
राजस्थान परिवहन आधारभूत विकास निधि:
● ₹74,82.77 करोड़ संगृहित, ₹5,083.88 करोड़ व्यय।
आरओबी/आरयूबी परियोजनाएँ:
● 56 स्वीकृत, 47 पूर्ण, 9 निर्माणाधीन।
मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना:
● 6.53 लाख परिवार पंजीकृत, 86.48 लाख मानव दिवस सृजन।
राजस्थान शहरी अवसंरचना विकास परियोजना (RUIDP) चरण-III:
● 12 शहरों में ₹3,930.45 करोड़ की परियोजनाएँ, ₹3,689.79 करोड़ खर्च।
समग्र ग्रामीण विकास और सामाजिक समावेशिता
ग्रामीण विकास का महत्त्व
● ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए आवश्यक।
● पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन।
प्रमुख योनाएँ और कार्यक्रम
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS)
● 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित।
● 2023-24 में ₹9,293.31 करोड़ व्यय, 3,571.92 लाख मानव दिवस रोजगार।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G)
● आवास निर्माण हेतु ₹1.20 लाख की सहायता।
● 2024-25 में 1,55,253 नए आवासों का निर्माण।
● वित्त पोषण: 60:40 (केंद्र व राज्य)
सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY)
● सांसदों द्वारा गोद लिए गए गाँवों का विकास।
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLAD)
● प्रति सांसद ₹5 करोड़ वार्षिक आवंटन।
● 2024-25 में ₹102.07 करोड़ व्यय, 1,922 कार्य पूर्ण।
● राज्य में 25 लोकसभा एवं 10 राज्य सभा सदस्य।
मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (CMREGS)
● MGNREGS के तहत् 100 दिन पूर्ण होने पर 25 दिन अतिरिक्त रोजगार।
मेवात क्षेत्र विकास योजना
● अलवर, तिजारा व डीग जिले के 14 खंडों के 807 गाँव शामिल।
● 2024-25 में ₹50 करोड़ का प्रावधान, 108 कार्य पूर्ण।
महात्मा गाँधी जन-भागीदारी विकास योजना (MGJVY)
● फरवरी, 2020 में गुरु गोलवलकर जन भागीदारी विकास योजना (जीजीजेवीवाई) का नाम महात्मा गाँधी जन-भागीदारी विकास योजना किया गया है।
● यह योजना राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसे केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है।
● सामुदायिक परिसंपत्तियों का निर्माण, 2024-25 में ₹13.10 करोड़ व्यय।
डांग क्षेत्र विकास योजना
● पिछड़े बीहड़ क्षेत्रों में आधारभूत विकास।
● वर्ष 2005-06 में पुन:प्रारंभ ।
● 8 जिलों के 2192 गाँवों को शामिल
● 2024-25 में ₹13.30 करोड़ व्यय, 142 कार्य पूर्ण।
मगरा क्षेत्र विकास योजना
● पहाड़ी क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने हेतु विशेष योजना।
● वर्ष 2005-06 में पुन:प्रारंभ ।
● 1746 गाँवों में क्रियान्वित
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (RAJEEVIKA)
● स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से ग्रामीण आजीविका संवर्धन।
● 48.64 लाख परिवारों को 4.09 लाख SHG से जोड़ा गया।
● बैंकों से ₹8,712.94 करोड़ का ऋण वितरित।
मिशन अमृत सरोवर
● जल संरक्षण हेतु तालाबों का निर्माण।
● 3,138 अमृत सरोवर पूर्ण।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (PM Janman)
● 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) का समग्र विकास।
● 26,671 पात्र परिवारों को आवास सहायता।
● राज्य के बाराँ जिले की सभी 08 पंचायत समितियों में
विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLALAD)
● प्रति विधायक ₹5 करोड़ का आवंटन।
● 2024-25 में ₹673.61 करोड़ व्यय, 11,435 कार्य पूर्ण।
पंचायती राज और ग्रामीण प्रशासन को सशक्त बनाना
पंचायती राज प्रणाली का विकास
● राजस्थान पहला राज्य, जहाँ 2 अक्टूबर, 1959 को पंचायती राज लागू हुआ।
● 24 अप्रैल 1993 को पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा मिला।
● अनुच्छेद 243 (जी) में पंचायतों की शक्तियों और जिम्मेदारियों का उल्लेख।
● राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1953 को 1994 में संशोधित किया गया।
पंचायती राज संस्थाओं को अनुदान (15वाँ वित्त आयोग)
● 2021-26 के लिए पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता।
● राशि का वितरण जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायत को 5:20:75 अनुपात में।
● 40% अनुदान बेसिक अनटाइड और 60% बेसिक टाइड अनुदान।
● 2024-25 के लिए ₹4,100 करोड़ का बजट, ₹2,203.29 करोड़ वितरित।
षष्टम राज्य वित्त आयोग
● 2024-25 के लिए ₹4,000 करोड़ का बजट।
● 55% राशि आधारभूत विकास कार्यों के लिए, 40% प्राथमिकता योजनाओं के लिए।
● 6.75% राज्य कर राजस्व पंचायतों और शहरी निकायों में विभाजित।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
● 31 मार्च, 2018 तक राजस्थान को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषित किया गया।
● 2024-25 में 1,03,566 शौचालय निर्माण, 1,238 सामुदायिक स्वच्छता परिसर।
● 32,793 गाँवों को ODF प्लस बनाने का लक्ष्य।
● 11 गोबर-धन परियोजनाएँ स्थापित की गईं।
पंचायत पुरस्कार
● राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार: ग्राम पंचायतों के प्रदर्शन के लिए पुरस्कार।
● 2024 में 8 ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया।
पंचायत विकास योजना (PDP)
● 2025-26 के लिए विकास योजनाओं का निर्माण (GPDP, BPDP, DPDP)।
● 11,194 ग्राम पंचायत विकास योजनाएँ ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड।
स्वामित्व योजना
● 24 अप्रैल, 2020 को शुरू, ड्रोन सर्वेक्षण से भूमि स्वामित्व कार्ड जारी।
● 36,352 गाँवों में से 35,955 में सर्वेक्षण पूरा, 6,85,935 लोगों को स्वामित्व कार्ड।
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना (ग्रामीण)
● 6 जनवरी, 2024 से ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध।
● ₹8 प्रति थाली, ₹22 राज्य सरकार द्वारा वहन।
● 891 रसोई संचालित, अब तक 2.27 करोड़ से अधिक थालियाँ परोसी गईं।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA)
● पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए योजना।
● 2024-25 के लिए ₹162.95 करोड़ स्वीकृत।
विलेज मास्टर प्लान (VMP)
● 2050 तक की आवश्यकताओं के अनुसार गाँवों का नियोजित विकास।
● पहले चरण में 110 गाँवों के लिए एप्लीकेशन विकसित।
ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति भवन निर्माण
● 1,220 ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण पूर्ण।
● 57 नई पंचायत समितियों के लिए भवन निर्माण प्रस्तावित।
अम्बेडकर भवन निर्माण
● बजट घोषणा 2019-20 के तहत् पंचायत समिति मुख्यालयों पर अम्बेडकर भवनों का निर्माण।
● प्रति भवन अनुमानित लागत ₹50 लाख।
● 123 भवनों में से 113 का निर्माण पूरा, 7 निर्माणाधीन, 3 न्यायालीय विवाद के कारण रुके।
"हर घर तिरंगा" कार्यक्रम (2024)
● 13-15 अगस्त, 2024 तक पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजन।
● लगभग 63.53 लाख तिरंगे फहराए गए।
विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू भूखंड/पट्टा आवंटन अभियान
● 2 अक्टूबर, 2024 को 17,156 भूखंड/पट्टे आवंटित।
● वंचित समुदायों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु पहल।
फिट इंडिया फ्रीडम रन 5.0 अभियान
● 2 से 31 अक्टूबर, 2024 तक स्वच्छता एवं स्वास्थ्य थीम पर दौड़।
● 9,556 स्थानों पर 36.99 लाख लोगों की भागीदारी।
● 27,123 किमी दौड़ पूरी की गई।
● राजस्थान को इस अभियान में देश में प्रथम स्थान प्राप्त।
ग्रामीण गैर-कृषि विकास (RUDA)
● 1995 में राजस्थान सरकार द्वारा स्थापना।
● दस्तकारों को स्वरोजगार एवं स्थायी आजीविका प्रदान करने हेतु कार्यरत।
● प्रमुख उप-क्षेत्र: चमड़ा, ऊन एवं वस्त्र, लघु खनिज।
● 2024-25 में 1,500 दस्तकारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य।
● मेलों व प्रदर्शनियों के माध्यम से विपणन सहायता।
राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF)
● 1 अप्रैल 2024 तक कोष में ₹3,493.98 करोड़।
● 2024-25 में ₹914.40 करोड़ की वृद्धि (75% केंद्र, 25% राज्य)।
● कुल उपलब्ध राशि ₹4,408.38 करोड़।
● दिसंबर, 2024 तक ₹1,595.83 करोड़ विभिन्न आपदाओं के लिए आवंटित।
● बिजली गिरने की घटनाओं की रोकथाम हेतु 2,130 संवेदनशील स्थानों की पहचान।
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