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अर्थव्यवस्था की स्थिति पुनः तेज गति की ओर

अर्थव्यवस्था की स्थिति पुनः तेज गति की ओर

• उद्योग क्षेत्र: 6.2% वृद्धि।
• सेवा क्षेत्र: 7.2% वृद्धि।
• अर्थव्यवस्था में कुल माँग के दृष्टिकोण से, स्थिर मूल्यों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय 7.3 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जो ग्रामीण माँग में पलटाव से प्रेरित है। 
• जीडीपी के भाग के रूप में वर्तमान मूल्य पर  निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCI)  वित्त वर्ष 2023-24 में 60.3 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 61.8 प्रतिशत होने का अनुमान है।

कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन 
• वर्ष 2024-25 के लिए कृषि उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, कुल खरीफ खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 1647. 05 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) होने का अनुमान है, जो वर्ष 2023-24 की तुलना में 5.7 प्रतिशत अधिक है और पिछले पाँच वर्षों में औसत खाद्यान्न उत्पादन से 8.2 प्रतिशत अधिक है। 
• अनुमानित वृद्धि मुख्य रूप से चावल, मक्का, मोटे अनाज और तिलहन उत्पादन में वृद्धि के कारण है। 

अन्य उपलब्धियाँ 
• जमीनी स्तर पर संरचनात्मक सुधारों पर जोर, तथा विनियमन को कम करने से मध्य अवधि वृद्धि क्षमता सुदृढ़ होगी और भारतीय अर्थव्यवस्था की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिलेगा। 
• भू-राजनीतिक तनाव अभी जारी संघर्ष तथा वैश्विक व्यापार नीतिगत जोखिम वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में गंभीर चुनौती बने हुए हैं। 
• खुदरा मुद्रा स्फीति (हेडलाइन) वित्त वर्ष 2024 के 5.4 फीसदी से घटकर अप्रैल-दिसंबर, 2024 में 4.9 प्रतिशत रह गई। 
• पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) में वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 के दौरान निरंतर सुधार हुआ है, आम चुनावों के बाद कैपेक्स में जुलाई-नवंबर, 2024 के दौरान 8.2 फीसदी की वृद्धि (वर्ष दर वर्ष) दर्ज की गई। 
• वैश्विक सेवा निर्यात में भारत की सातवीं सबसे बड़ी हिस्सेदारी, जो क्षेत्र में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा को रेखांकित करती है। 
• अप्रैल से दिसम्बर, 2024 के दौरान गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात 9.1 फीसदी रहा, जो अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत के व्यापारिक निर्यात की सुदृढ़ता को परिलक्षित करती है।
• भारत का सेवा निर्यात सुदृढ़ रहा है, जिसने देश को वैश्विक सेवा निर्यात में सातवाँ सबसे बड़ा हिस्सा प्राप्त करवाया है।
• बैंकिंग प्रणाली में सकल अनर्जक आस्तियाँ (NPA) 12 साल के निचले स्तर पर आ गई है, जो सकल ऋण और अग्रिम का 2.6% है। 
• वित्त वर्ष 2017-18 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में बेरोजगारी दर 6% थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 3.2% हो गई।

भविष्य की संभावनाएँ (2025-26)
• GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3%-6.8% के बीच संभावित। 
• प्रमुख निवेश क्षेत्र: ग्रीन एनर्जी, AI, डिजिटल भुगतान, और मेक इन इंडिया।
• प्रमुख निवेश क्षेत्र: ग्रीन एनर्जी, AI, डिजिटल भुगतान, और मेक इन इंडिया।
• भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अस्थिरता के बावजूद स्थिर बनी रहेगी।
• हाल के वर्षों में, केंद्र सरकार के व्यय में पूँजीगत व्यय का हिस्सा लगातार बढ़ा है।

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