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निवेश और अवसंरचना: अनवरत रहे

निवेश और अवसंरचना: अनवरत रहे

• पिछले पाँच वर्षों में सरकार का केन्द्रीय ध्यान अवसंरचना के लिए सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने तथा मंजूरी व संसाधन जुटाने को गति देने पर रहा है। 
• प्रमुख अवसंरचना क्षेत्रों पर केन्द्र सरकार के पूँजीगत परिव्यय  में वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 तक 38.8 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है।  

राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP)
• राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) को एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2024-25 तक लगभग ₹111 लाख करोड़ का अनुमानित अवसंरचना निवेश है। 
• वर्तमान में, इसमें 37 उप-क्षेत्रों में 9,766 से अधिक परियोजनाएँ और योजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं को एकीकृत भारत निवेश ग्रिड (एनआईपी प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) पोर्टल के माध्यम से ट्रैक और समीक्षा की जाती है। 

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP)
• ब्राउनफील्ड आस्तियों में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए, अगस्त 2021 में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) शुरू की गई थी।
• इस पहल ने मुद्रीकरण नीति के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया और वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2024-25 की अवधि के लिए ₹6.0 लाख करोड़ के सांकेतिक मूल्य वाली संभावित मूल आस्तियों की पाइपलाइन की पहचान की।
• वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 की अवधि के लिए, ₹4.30 लाख करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले, मूल आस्ति मुद्रीकरण के तहत् प्रोद्भव या निजी निवेश के मामले में ₹3.86 लाख करोड़ के लेनदेन पूरे किए गए। 
• वित्त वर्ष 2025 के लिए, कुल मुद्रीकरण लक्ष्य ₹1.91 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है। 

भौतिक कनेक्टिविटी

रेलवे
• रेलवे परिवहन सम्पर्क के तहत् अप्रैल-नवंबर, 2024 के दौरान 2,031 किलोमीटर रेल नेटवर्क चालू किया गया।
• अप्रैल से अक्टूबर, 2024 के बीच 17 जोड़ी वंदे भारत ट्रेन शुरू की गई व 228 कोचों का निर्माण किया गया। 

सड़क नेटवर्क
• भारत में कुल 63.4 लाख किमी का सड़क नेटवर्क है, जिसमें 146,195 किमी का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क भी शामिल है। 
• राजमार्ग नेटवर्क सड़क परिवहन नेटवर्क की मुख्य रीढ़ है, भले ही इसमें कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2 प्रतिशत शामिल है, फिर भी यह कुल सड़क माल यातायात का लगभग 40 प्रतिशत वहन करता है।
• सड़क नेटवर्क के तहत् वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर) में 5,853 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ। 
• राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत् चरण-1 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए 383 भू-खंड औद्योगिक उपयोग के लिए आवंटित किए गए, जिनका कुल रकबा 3788 एकड़ है। 

नागर विमानन 
• भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सहित, विमान पत्तन ऑपरेटर और डेवलपर्स वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2025 तक 91,000 करोड़ रुपये से अधिक की पूँजीगत व्यय योजना पर काम कर रहे हैं। 
• इसका लगभग 91 प्रतिशत नवम्बर, 2024 तक हासिल कर लिया गया है। 
• उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के तहत् नए हवाईअड्डों और बेहतर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी ने हवाई कनेक्टिविटी में काफी सुधार किया है।
• क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना-उड़ान के तहत् अब तक 88 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 619 मार्गों को प्रचालित किया जा चुका है, जिसमें दो जल हवाई अड्डे और 13 हेलीपोर्ट शामिल हैं। 
• हवाई अड्डे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता धीरे-धीरे बढ़ रही है, जो वित्त वर्ष 2024 में 8.0 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुँच गई है।

पत्तन एवं पोत परिवहन 
• परिचालन दक्षता में सुधार से प्रमुख पत्तनों पर कंटेनर टर्न अराउंड अवधि में औसतन कमी दर्ज की गई है, यह अवधि वित्त वर्ष 2024 के 48.1 घंटों से घटकर वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-नवंबर) में 30.4 घंटे रह गई है इससे पत्तन की परिवहन सुविधा में सुधार हुआ है। 

विद्युत क्षेत्र 
• विद्युत क्षेत्र का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है, नवंबर, 2024 तक स्थापित क्षमता 7.2 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष-दर-वर्ष 456.7 गीगावॉट  हो जाएगी।

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• दिसंबर, 2024 तक सौर और पवन ऊर्जा की नवीकरणीय ऊर्जा देश की कुल संस्थापित (अक्षय ऊर्जा ) क्षमता साल-दर-साल 15.8 प्रतिशत बढ़कर 209.4 गीगावॉट  हो गई है जो दिसंबर, 2023 में 180.8 गीगावॉट  थी। । 
• भारत की कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 47 फीसदी हो गई है जो स्वच्छ, गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा स्रोतों पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है।

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• दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) के अंतर्गत वर्ष 2014 में एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) शुरू की गई और 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत् विभिन्न राज्यों में वितरण अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए लगभग ₹1.85 लाख करोड़ का निवेश किया गया है। 
• परिणामस्वरूप, DDUGJY के तहत् 18,374 गाँवों का विद्युतीकरण किया गया है और 2.9 करोड़ घरों को सौभाग्य के माध्यम से बिजली की सुविधा मिली है।

डिजिटल सम्पर्क

दूरसंचार 
• सरकार की डिजिटल सम्पर्क पहलों, विशेषकर अक्टूबर, 2024 तक सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में 5जी सेवाओं की शुरुआत के साथ पहलों में प्रगति हुई है।
• वर्तमान में, 783 जिलों में से 779 में 5जी सेवाएँ उपलब्ध हैं। देश भर में 4.6 लाख से अधिक 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) लगाए गए हैं।  
• सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (अब डिजिटल भारत निधि) के तहत् दूर-दराज के इलाकों में 4जी मोबाइल सेवाओं की सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे है इसके तहत् दिसंबर, 2024 तक 10,700 गाँवों तक सुविधा मिली है। 

सूचना प्रौद्योगिकी 
• मेघराज के नाम से जानी जाने वाली जीआई क्लाउड पहल भारत की सूचना प्रौद्योगिकी रणनीति का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्य संघ राज्य क्षेत्रों के विभागों को क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से आईसीटी सेवाएँ प्रदान करना है। 
• 30 नवंबर, 2024 तक, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र अपने क्लाउड पर 1,917 अनुप्रयोगों की सहायता करता है। 
• सरकार ने उपयोगकर्ता विभागों की क्लाउड आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 23 सार्वजनिक और निजी क्लाउड सेवा प्रदाताओं को सूचीबद्ध किया है।

ग्रामीण अवसंरचना- ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता
• जल जीवन मिशन के तहत्, योजना की शुरुआत से अब तक 12.06 करोड़ से अधिक परिवारों को नल से पेय जल आपूर्ति की सुविधा मिली है
• स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के चरण-2 के तहत् मॉडल श्रेणी में अप्रैल से नवंबर, 2024 तक 1.92 लाख गाँवों को ओडीएफ +  (ODF +) घोषित किया गया है इससे ओडीएफ + गाँवों की कुल संख्या 3.64 लाख हो गई है। 

शहरी अवसंरचना: स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 
• स्वच्छ भारत मिशन (SBM-U) के माध्यम से खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) राष्ट्र की सफलता के आधार पर, एसबीएम शहरी 2.0 को वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया। 

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• NSS की 78वीं राउंड रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 97 प्रतिशत घरों में शौचालय की सुविधा है। 
• दिसंबर 2024 तक की प्रगति नीचे दी गई है:

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प्रधानमंत्री आवास योजना
• वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू) का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में स्थायी आवास उपलब्ध कराना है। 
• 25 नवंबर, 2024 तक कुल 1.18 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 1.14 करोड़ घरों की नींव रखी गई है और 89 लाख से ज्यादा घर पूरे हो चुके हैं। 
• अतिरिक्त एक करोड़ परिवारों की सहायता के लिए सितंबर 2024 में पीएमएवाई-यू 2.0 शुरू किया गया था। 
• वर्तमान में, 29 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों ने पीएमएवाई-यू 2.0 को लागू करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 में 6 लाख घरों के लिए मंजूरी दी गई है। 

शहरी परिवहन
• भारत भर के 29 शहरों में मेट्रो रेल और रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम प्रचालित हैं या निर्माणाधीन हैं, जिनमें से 23 शहरों में 1010 किलोमीटर वर्तमान में प्रचालित हैं और अतिरिक्त 980 किलोमीटर का काम चल रहा है।
• 5 जनवरी 2025 तक, वित्त वर्ष 2025 में 62.7 किलोमीटर प्रचालित हो गए थे, और दैनिक सवारियों की संख्या 10.2 मिलियन तक पहुँच गई थी। इन प्रणालियों ने उत्सर्जन, समय, वाहन परिचालन लागत, दुर्घटनाओं और बुनियादी फ्रेमवर्क के रखरखाव में काफी बचत की है।

अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत):
• अमृत योजना, 2015 में 500 शहरों में शहरी जल प्रबंधन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शुरू की गई थी।
• परिणामस्वरूप, नल के पानी का कवरेज 70 प्रतिशत तक बढ़ गया है, और सीवरेज कवरेज 62 प्रतिशत तक बढ़ गया है। 
• इस मिशन ने प्रतिदिन 4649 मिलियन लीटर जल उपचार क्षमता का निर्माण या संवर्द्धन किया है और 2.439 पार्क विकसित किए हैं, जिससे 5,070 एकड़ हरित क्षेत्र जुड़ गया है।
• वर्ष 2021 में, अमृत 2.0 को सभी सांविधिक कस्बों और शहरों तक कवरेज का विस्तार करने के लिए शुरू किया गया था, जिसके लिए वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक ₹2.77 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। 
• इस चरण में अब तक ₹1.89 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 8,923 परियोजनाएँ शुरू की गई हैं। 

स्मार्ट सिटीज मिशनः
• वर्ष 2015 में शुरू किए गए इस मिशन का उद्देश्य आवश्यक अवसंरचना, जीवन की अच्छी गुणवत्ता और एक स्थायी वातावरण के साथ स्मार्ट शहरों का विकास करना है। 
• 13 जनवरी, 2025 तक की स्थिति के अनुसार, ₹1.64 लाख करोड़ लागत वाली 8,058 परियोजनाएँ प्रस्तावित की गई हैं, जिनमें से ₹1.50 लाख करोड़ की लागत वाली 7,479 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं। 

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स्मार्ट सिटी मिशन की उपलब्धियाँ

एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र

• 100 शहरों में परिचालन। अपराध ट्रैकिंग, सुरक्षा, परिवहन, आपदा प्रबंधन आदि में शहरी प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता है।

सार्वजनिक सुरक्षा

•83,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे, 1,884 आपातकालीन कॉल बॉक्स, सार्वजनिक संबोधन प्रणालियाँ और यातायात प्रवर्तन उपकरण स्थापित किए गए

सार्वजनिक सुरक्षा

• 1200 से अधिक परियोजनाएँ पूरी हुई, 318 किलोमीटर जलमार्ग विकसित किए गए, 

• 484 विरासत स्थलों का संरक्षण किया गया

जलापूर्ति

• 31 शहरों में 17,000 किलोमीटर जल आपूर्ति की निगरानी एससीएडीए के माध्यम से की गई, जिससे जल हानि और रिसाव में कमी आई।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन

•48 शहरों में आईसीसीसीएस और 9,000 आरएफआईडी-सक्षम वाहनों ने अपशिष्ट संग्रहण को अनुकूलित किया।

स्ट्रीट लाइट

• 79 शहरों में 16 लाख सौर/एलईडी स्ट्रीट लाइटें स्थापित की गईं।

गतिशीलता

• 1700 किमी स्मार्ट सड़कें, शेयर्ड साइकिलें (23,000), बसें (1,500+), बस स्टॉप (2,000+), 35 शहरों में आईटीएमएस।

किफायती आवास

• 23 शहरों में 35,000 से अधिक किफायती आवास इकाइयाँ निर्मित की गईं।

स्मार्ट समाधान

•9,400 वाई-फाई हॉटस्पॉट और 83,000 सीसीटीवी कैमरे बनाए गए।

स्वास्थ्य

• 3,100 से अधिक अस्पताल बेड, 172 ई-स्वास्थ्य केंद्र, 155 स्वास्थ्य एटीएम और 300 खेल सुविधाएं जोड़ी गईं।

शिक्षा

• 2,300 स्कूलों में 9,400 स्मार्ट कक्षाएँ, डिजिटल पुस्तकालय और आंगनवाड़ी विकसित की गईं।

पीपीपी परियोजनाएँ

• 50 से अधिक शहरों में 19,200 करोड़ की लागत की 199 परियोजनाएँ क्रियान्वित की गईं।

आर्थिक केंद्र

• इनक्यूबेशन परियोजनाएँ और कौशल केंद्र विकसित किए गए, जिनसे 1,400 से अधिक स्टार्टअप और 20,000 से अधिक विक्रेताओं को सहायता मिली।


रियल स्टेट
• रियल स्टेट (विनियम और विकास) अधिनियम, 2016 ने रियल स्टेट क्षेत्र के विनियमन और पारदर्शिता सुनिश्चित की, जनवरी,2025 तक 1.38 लाख रियल स्टेट परियोजनाएँ पंजीकृत की गई है तथा 1.38 लाख शिकायतों का समाधान किया गया है। 

पर्यटन अवसंरचना 

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• घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की एक और बड़ी पहल स्वदेश दर्शन है, जिसका उद्देश्य थीम आधारित पर्यटन सर्किट सहित पर्यटन स्थलों का एकीकृत विकास करना है।
• इस कार्यक्रम को वर्ष 2022 में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में पुनः नामित किया गया, जिसका उद्देश्य टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है। 
• इस योजना के तहत् 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल फंडिंग ₹793.2 करोड़ है। 

अंतरिक्ष अवसंरचना
• वर्तमान में भारत 56 सक्रिय अंतरिक्ष परिसम्पत्तियों का परिचालन करता है, जिसमें 19 संचार उपग्रह, नौ नेविगेशन उपग्रह, पाँच वैज्ञानिक उपग्रह और 24 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह शामिल हैं।
• न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 72 वनवेब उपग्रहों को पृथ्वी की निचली ऑरबिट में शुरू करने के अपने अनुबंध को सफलतापूर्वक पूरा किया।
• हाल ही में इसने स्पेसएक्स के सहयोग से जीएसएटी-20 उपग्रह भी शुरू किया। 
• भारत के अंतरिक्ष विजन 2047 के भाग के रूप में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है:
1.  गगनयान अनुवर्ती मिशन, जो भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले मॉड्यूल की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा; 
2. चंद्रयान-4 लूनर सैम्पल रिटर्न मिशन; 
3. वीनस ऑर्बिटर मिशन; और 
4. अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल का विकास। 
• इन पहलों का उद्देश्य भारत की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना, उद्योग सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की स्थिति को सुदृढ़ करना है।

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