राज्य विधानसभा
● अनुच्छेद-170 के अनुसार प्रत्येक राज्य की एक विधानसभा होगी।
● विधानसभा को निम्न सदन/पहला सदन भी कहा जाता है।
विधानसभा सदस्यों की संख्या (अनुच्छेद-170) :-
● विधानसभा के प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष मतदान से वयस्क मताधिकार के द्वारा निर्वाचित किया जाता है। (फर्स्ट पास्ट द पोस्ट/अग्रता ही विजेता)
● इसकी अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम 60 तय की गई है तथा इनके बीच की संख्या राज्य की जनसंख्या एवं इसके आकार पर निर्भर है।
● अपवाद : सिक्किम (32), गोवा (40), मिजोरम (40), पुडुचेरी (30)
नोट : संसद कानून बनाकर विधानसभा की सीटों में वृद्धि कर सकती है। इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता नहीं होती है।
वर्तमान में सर्वाधिक विधानसभा सीटों वाले राज्य :-
1. उत्तरप्रदेश (403)
2. पश्चिम बंगाल (294)
3. महाराष्ट्र (288)
4. बिहार (243)
नोट : दो केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली एवं पुडुचेरी में विधानसभा है जहाँ क्रमश: 70 एवं 30 सदस्यों की संख्या है। हालाँकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 व 35(A) समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर व लद्दाख) में विभाजित कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर केन्द्रशासित प्रदेश में भी विधानसभा के गठन का प्रावधान किया गया है।
अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए स्थानों का आरक्षण (अनुच्छेद- 332) :-
● संविधान में राज्य की जनसंख्या के अनुपात के आधार पर प्रत्येक राज्य की विधानसभा के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति की सीटों की व्यवस्था की गई है।
● वर्तमान में राजस्थान में अनुसूचित जाति हेतु 34 एवं अनुसूचितजनजाति हेतु 25 सीटें आरक्षित की गई।
विधानसभा का कार्यकाल [अनुच्छेद-172 (1)] :-
● चुनाव के बाद पहली बैठक से लेकर इसका सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। इसके पश्चात् विधानसभा स्वत: ही विघटित हो जाती है।
नोट : राष्ट्रीय आपातकाल के समय में संसद द्वारा विधानसभा का कार्यकाल एक समय में एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है, हालाँकि यह विस्तार आपातकाल खत्म होने के बाद छह महीनों से अधिक का नहीं हो सकता है।
विधानसभा सदस्यों के लिए अर्हताएँ/योग्यताएँ (अनुच्छेद-173) :-
● भारत का नागरिक हो।
● 25 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
शपथ :-
● अनुच्छेद-188 के अनुसार विधानमंडल के सभी सदस्यों को राज्यपाल अथवा उनके द्वारा अधिकृत किए गए व्यक्ति द्वारा शपथ दिलाई जाती है।
● विधानमंडल के सभी सदस्य अनुसूची 3 में दिए गए प्रारूप के अनुरूप संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं।
विधानसभा सचिवालय :-
● अनुच्छेद-187 में यह उल्लिखित है कि प्रत्येक राज्य विधानमंडल के लिए एक सचिवालय होगा।
● यह सचिवालय विधानसभा के प्रशासनिक कार्यों की देखभाल करता है।
● राजस्थान के सन्दर्भ में विधानसभा सचिव इस सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख होता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी को इस पद पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किया जाता है।
राज्य विधानसभा सत्र :-
● अनुच्छेद-174 में राज्य विधायिका के सत्र, सत्रावसान एव उनका भंग होने का उल्लेख है।
1. आहूत करना –
● राज्य विधानसभा के प्रत्येक सदन को राज्यपाल समय-समय पर बैठक का बुलावा भेजता है।
● दो सत्रों के बीच 6 माह से अधिक का समय नहीं होना चाहिए।
2. स्थगन –
● बैठक को किसी समय विशेष के लिए स्थगित भी किया जा सकता है। स्थगन का अधिकार सदन के पीठासीन अधिकारी को होता है।
3. सत्रावसान –
● पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष या सभापति) कार्य सम्पन्न होने पर सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगन की घोषणा करते हैं। इसके कुछ दिन बाद राज्यपाल सत्रावसान की अधिसूचना जारी करता है।
कोरम/गणपूर्ति (अनुच्छेद-189) :-
● किसी भी कार्य को करने के लिए सदन में उपस्थित सदस्यों की न्यूनतम संख्या को कोरम कहते हैं। यह सदन में कुल सदस्यों का दसवाँ हिस्सा या 10 (जो भी अधिक हो) होते हैं।
मंत्रियों एवं महाधिवक्ता के अधिकार (अनुच्छेद-177) :-
● प्रत्येक मंत्री एवं महाधिवक्ता को यह अधिकार है कि वह सदन की कार्यवाही में भाग लें, बोलें तथा सदन से संबंधित समिति जिसके वह सदस्य के रूप में नामित है, भाग ले सकता है लेकिन वोट नहीं दे सकता है।
धन विधेयक के संबंध में (अनुच्छेद-198) :-
● धन विधेयक विधान परिषद् में पेश नहीं किया जा सकता है।
● धन विधेयक राज्यपाल की पूर्व स्वीकृति से विधानसभा में ही प्रस्तुत किया जाता है।
● विधानसभा में पारित होने के बाद धन विधेयक को विधान परिषद् को विचारार्थ हेतु भेजा जाता है।
● विधान परिषद् न तो इसे अस्वीकार कर सकती है, न ही इसमें संशोधन कर सकती है।
● विधान परिषद् केवल सिफारिश कर सकती है और 14 दिनों में विधेयक को लौटाना भी होता है।
● विधानसभा विधान परिषद् के सुझावों को स्वीकार भी कर सकती है और अस्वीकार भी।
● यदि विधान परिषद् 14 दिनों के भीतर विधानसभा को विधेयक न लौटाए तो इसे दोनों सदनों द्वारा पारित मान लिया जाता है।
● राज्यपाल धन विधेयक को राज्य विधानमंडल के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता। सामान्यत: राज्यपाल स्वीकृति दे देता है क्योंकि इसे राज्यपाल की पूर्व सहमति से ही लाया जाता है।
राजस्थान के संदर्भ में विधानसभा :-
1. पहली विधानसभा (1952-1957)
● मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास (मनोनीत) के नेतृत्व में जनवरी, 1952 में राज्य में पहला विधानसभा चुनाव हुआ।
● कुल 160 सीटों में से कांग्रेस को 82 सीटे मिली तथा विपक्षी दलों व निर्दलीय विधायकों ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की।
● कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रामराज्य परिषद् थी, जिसको 24 सीटें मिली। भारतीय जनसंघ व हिन्दू महासभा को इस चुनाव में क्रमश: 8 व 2 सीटों पर जीत मिली।
● 23 फरवरी, 1952 को प्रथम विधानसभा का गठन हुआ।
● जयनारायण व्यास ने दो स्थानों जोधपुर तथा जालोर से चुनाव लड़ा लेकिन वे दोनों सीटों से पराजित हो गए।
● प्रथम लोकतांत्रिक सरकार 3 मार्च, 1952 को टीकाराम पालीवाल के नेतृत्व में चुनी गई।
● प्रथम बैठक 29 मार्च, 1952 को जयपुर के सवाई मानसिंह टाउन हॉल में हुई।
● श्री नरोत्तम लाल जोशी (झुंझुनूँ से निर्वाचित) को प्रथम विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया तथा श्री लालसिंह शक्तावत को उपाध्यक्ष चुना गया।
● महारावल संग्रामसिंह राजस्थान के प्रथम प्रोटेम स्पीकर थे।
● जयनारायण व्यास के लिए किशनगढ़ क्षेत्र के विधायक चाँदमल मेहता ने सीट खाली की तथा अगस्त, 1952 में उप-चुनाव जीतकर जयनारायण व्यास विधायक बने।
● 1 नवम्बर, 1952 को जयनारायण व्यास को मुख्यमंत्री एवं टीकाराम पालीवाल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
● राजस्थान विधानसभा की पहली महिला विधायक श्रीमती यशोदा देवी जो 1953 में बाँसवाड़ा से उपचुनाव में निर्वाचित हुई थी।
● प्रथम विधानसभा काल में 17 क्षेत्रों में उपचुनाव हुए जो आज तक सर्वाधिक उपचुनाव होने का रिकॉर्ड है।
● 13 नवम्बर, 1954 को मोहनलाल सुखाड़िया को मुख्यमंत्री बनाया गया।
● सुखाड़िया के मंत्रिमण्डल में कमला बेनीवाल को उपमंत्री बनाया गया जो पहली महिला मंत्री बनी। (26 वर्ष की आयु में)
● 1957 में राजस्थान विधानसभा की सीटों का पुन: निर्धारण किया गया तथा कुल 176 विधानसभा क्षेत्र बनाए गए। इसके बाद 1967 में 184 तथा 1977 में 200 विधानसभा क्षेत्र स्थापित किए गए जो वर्तमान तक है।
2. दूसरी विधानसभा (1957-1962)
3. तीसरी विधानसभा (1962-1967)
4. चौथी विधानसभा (1967-1972)
5. पाँचवीं विधानसभा (1972-1977)
6. छठी विधानसभा (1977-80) –
● छठी विधानसभा के चुनाव से पूर्व विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया गया तथा इनकी संख्या 184 से बढ़ाकर 200 कर दी गई।
● चुनाव में जनता पार्टी ने 199 स्थानों के लिए अपने प्रत्याशी खड़े किए जिन्होंने 150 स्थानों पर विजय प्राप्त की। 22 जून, 1977 को भैरोंसिंह शेखावत ने राज्य में प्रथम गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
7. सातवीं विधानसभा (1980-1985) –
● प्रथम बार मध्यावधि चुनाव
8. आठवीं विधानसभा (1985-1990)
9. नौवीं विधानसभा (1990-92)
10. दसवीं विधानसभा (1993-1998)
11. ग्यारहवीं विधानसभा (1998-2003) –
● 1 दिसम्बर, 1998 को श्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
● इस चुनाव में कांग्रेस को कुल 197 प्रत्याशियों में से 152 स्थानों पर विजय प्राप्त हुई।
12. बारहवीं विधानसभा (2003-2008) –
● इस चुनाव में सम्पूर्ण राज्य में प्रथम बार इलेक्ट्रॉनिक मशीनों (EVM) से मतदान करवाया गया।
● 8 दिसम्बर, 2003 को श्रीमती वसुंधरा राजे ने राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता की बागडोर संभाली।
● प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री, राज्यपाल और विधानसभाध्यक्ष तीनों पदों पर महिलाओं की नियुक्ति हुई।
13. तेरहवीं विधानसभा (2008-2013) –
● 13 दिसम्बर, 2008 को दूसरी बार अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ग्रहण की।
14. चौदहवीं विधानसभा (2013-2018) –
● इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 163 सीटें जबकि कांग्रेस को 21 सीटें प्राप्त हुई। वसुंधरा राजे ने दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभाला।
15. पन्द्रहवीं विधानसभा (2018-2023) –
● 17 दिसम्बर, 2018 को तीसरी बार अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ग्रहण की।
16. सोलहवीं विधानसभा (2023)
● 16वीं विधानसभा के चुनाव – 25 नवम्बर, 2023 को 199 सीटों पर चुनाव आयोजित हुए क्योंकि करनपुर (श्रीगंगानगर) विधानसभा सीट कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया था। वापस इस सीट पर 05 जनवरी, 2024 को चुनाव सम्पन्न हुआ जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह विजयी हुए।
● 16वीं विधानसभा के मुख्य तथ्य –
– 16वीं विधानसभा कुल मतदान – 75.45% जबकि 15वीं विधानसभा का कुल मतदान 74.72% अर्थात् इस बार 0.73% में वृद्धि हुई।
– पोस्टल बैलेट से मतदान : 0.83%
– EVM से कुल मतदान : 74.62%
– सर्वाधिक मतदान : कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) विधानसभा क्षेत्र (88.13%)
– न्यूनतम मतदान : आहोर (जालोर) विधानसभा क्षेत्र (61.24%)
– सर्वाधिक मत विजेता : दीया कुमारी – 71,365 मतों से विजेता रही। (विद्याधर नगर सीट से)
– न्यूनतम मत विजेता : हंसराज पटेल 321 मतों से विजेता रहें। (कोटपुतली सीट से)
– सबसे युवा विधायक : रवीन्द्र सिंह भाटी (25 वर्ष) – शिव विधानसभा क्षेत्र से
– सबसे बुजुर्ग विधायक :
हरि मोहन शर्मा (83 वर्ष) – बूँदी विधानसभा क्षेत्र से
दीपचंद खैरिया (83 वर्ष) – किशनगढ़, बाराँ विधानसभा क्षेत्र से
● 16वीं विधानसभा में महिला प्रतिनिधित्व –
– 16वीं विधानसभा में 20 महिला विधायक निर्वाचित हुई जिसमें कांग्रेस एवं भाजपा की क्रमश: 9-9 एवं 2 निर्दलीय है।
● 16वीं विधानसभा मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह –
– 15 दिसम्बर, 2023 को रामनिवास बाग, जयपुर में आयोजित किया गया।
– मुख्यमंत्री : श्री भजनलाल शर्मा, सांगानेर, जयपुर सीट से (14वें मुख्यमंत्री व्यक्तिगत क्रमश: 26वें)
– उप-मुख्यमंत्री :
(1) श्रीमती दीया कुमारी (विद्याधर नगर, जयपुर सीट से)
(2) डॉ. प्रेमचन्द बैरवा (दूदू, जयपुर सीट से)
● 16वीं विधानसभा की दलीय स्थिति
(दिसम्बर, 2023 के अनुसार) –
क्र.सं. | दल | सीट |
1. | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 70 |
2. | भारतीय जनता पार्टी | 115 |
3. | राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी | 1 |
4. | भारतीय आदिवासी पार्टी | 3 |
5. | बसपा | 2 |
6. | राष्ट्रीय लोक दल | 1 |
7. | निर्दलीय | 8 |
कुल | 200 |
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव नवम्बर, 2024
● 13 नवम्बर को चुनाव हुए जिनके परिणाम 23 नवम्बर, 2024 को आए।
क्र. सं. | सीट | दल | विधायक |
1. | खींवसर | बीजेपी | रेवत राम डांगा |
2. | झुंझुनू | बीजेपी | राजेन्द्र भांबू |
3. | देवली-उनियारा | बीजेपी | राजेन्द्र गुर्जर |
4. | रामगढ़ | बीजेपी | सुखवंत सिंह |
5. | सलूम्बर | बीजेपी | शांता मीणा |
6. | दौसा | कांग्रेस | दीनदयाल बैरवा |
7. | चौरासी | बीएपी | अनिल कुमार कटारा |
राजस्थान विधानसभा में अध्यादेश एक नज़र
वर्ष | अध्यादेश |
2020 | 8 |
2019 | 5 |
2018 | 6 |
2017 | 4 |
2016 | 4 |
2015 | 8 |
2014 | 2 |
2013 | 30 |
2012 | 13 |
2011 | 9 |
2010 | 6 |
● क्षेत्रीय दल -
(i) भारत आदिवासी पार्टी (BAP)- इसका गठन वर्ष 2023 में चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने किया। चुनाव चिह्न हॉकी-बॉल है।
(ii) राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा)- इसका गठन नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने 29 अक्टूबर, 2018 को किया। चुनाव चिह्न ‘पानी की बोतल’ है।
नोट : इस दल को भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा 7 जून, 2019 को राज्य स्तरीय दल का दर्जा प्रदान किया गया है।
राजस्थान की विधानसभा की समितियाँ :-
● राजस्थान में चार वित्तीय समितियाँ हैं-
(i) लोक लेखा समिति
(ii) लोक उपक्रम समिति
(iii) प्राक्कलन (अनुमान) समिति ‘क’
(iv) प्राक्कलन (अनुमान) समिति ‘ख’
● राजस्थान विधानसभा की सभी समितियों में 15-15 सदस्य होते हैं। केवल पुस्तकालय समिति में ही 10 सदस्य होते हैं।
(i) लोक (जन) लेखा समिति –
● राज्य सरकार पर वित्तीय नियंत्रण एवं निगरानी हेतु विधानसभा की लोक लेखा समिति का प्रथम बार गठन वर्ष 1952 को किया गया था।
● इसके सदस्यों को विधानसभा सदस्यों द्वारा अपने में से एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा प्रतिवर्ष चुनाव किया जाता है।
● इसके सदस्यों की संख्या 15 होती हैं।
● इसका अध्यक्ष विरोधी दल का सदस्य होता है, जिसका चुनाव विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
● कोई मंत्री इस समिति का सदस्य नहीं हो सकता।
● इस समिति का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है।
(ii) लोक उपक्रम समिति –
● सरकारी उपक्रमों पर वित्तीय नियंत्रण स्थापित करने हेतु विधानसभा द्वारा इस समिति का गठन किया जाता है।
● लोक उपक्रम समिति का गठन विधानसभा के 15 सदस्यों को मिलाकर किया जाता है।
● सभी 15 सदस्यों का चुनाव एक वर्ष के लिए होता है।
● समिति के अध्यक्ष का चुनाव विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
(iii) प्राक्कलन (अनुमान) समिति 'क' –
● विधानसभा द्वारा इस समिति का गठन भी अपने सदस्यों में से एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है।
(iv) प्राक्कलन (अनुमान) समिति ‘ख’ – 15 सदस्य
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष
विधानसभा | कार्यकाल | अध्यक्ष |
प्रथम विधानसभा | 1952 से 1957 | नरोत्तम लाल जोशी |
द्वितीय विधानसभा | 1957-1962 | रामनिवास मिर्धा (कांग्रेस) |
तृतीय विधानसभा | 1962-1967 | रामनिवास मिर्धा (सबसे लंबा कार्यकाल) |
चतुर्थ विधानसभा | 1967-1972 | निरंजन नाथ आचार्य, 1967 में पहली बार राष्ट्रपति शासन, पहली बार त्रिशंकु विधानसभा (कांग्रेस) |
पंचम विधानसभा | 1972-1977 | रामकिशोर व्यास, 1977 आपातकाल दूसरी बार राष्ट्रपति शासन (कांग्रेस) |
षष्ठम विधानसभा | 1977-1980 | (अ) लक्ष्मणसिंह (ब) गोपालसिंह आहोर (जनता पार्टी) |
सप्तम विधानसभा | 1980-1985 | पूनमचन्द विश्नोई |
अष्ठम विधानसभा | 1985-1990 | (अ) हीरालाल देवपुरा (कांग्रेस) (ब) गिरीराज प्रसाद तिवाड़ी |
नवम विधानसभा | 1990-1992 | हरिशंकर भाभड़ा, चौथी बार राष्ट्रपति शासन (भाजपा) |
दसवीं विधानसभा | 1993-1998 | (अ) हरिशंकर भाभड़ा (भाजपा) (ब) शांतिलाल चपलोत (स) सम्पतलाल मीणा |
ग्यारहवीं विधानसभा | 1998-2003 | परसराम मदेरणा (कांग्रेस) |
बारहवीं विधानसभा | 2003-2008 | श्रीमती सुमित्रा सिंह, पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष (भाजपा) |
तेरहवीं विधानसभा | 2008-2013 | दीपेन्द्रसिंह शेखावत (कांग्रेस) |
चौदहवीं विधानसभा | 2013-2018 | कैलाश चन्द्र मेघवाल (भाजपा) |
पन्द्रहवीं विधानसभा | 2018-2023 | सी.पी. जोशी (कांग्रेस) |
सोलहवीं विधानसभा | जनवरी, 2024 से लगातार | वासुदेव देवनानी |
राजस्थान विधानसभा भवन :-
● राजस्थान विधानसभा भवन भारत में सबसे आधुनिक विधानमंडल परिसरों में से एक है। यह राज्य की राजधानी जयपुर के ज्योति नगर (लाल कोठी) में स्थित हैं।
● राजस्थान विधानसभा के नए भवन का काम नवंबर, 1994 में शुरू हुआ और मार्च, 2001 में पूरा हुआ।
● आजादी के बाद गठित पहली विधानसभा (वर्ष 1952) से ग्यारहवीं विधानसभा (वर्ष 2000) तक, राजस्थान विधानसभा के लिए सवाई मानसिंह टाउन हॉल का उपयोग किया जा रहा था।
अन्य तथ्य :-
● सुमित्रा सिंह एकमात्र व प्रथम महिला है जो राजस्थान विधानसभा की अध्यक्षा रहीं।
● तारा भण्डारी एकमात्र व प्रथम महिला है जो विधानसभा में उपाध्यक्षा रहीं।
● पूनमचन्द विश्नोई राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष (1980-85) उपाध्यक्ष (1967-71) एवं प्रोटेम स्पीकर (1967, 1985, 1990) रह चुके हैं।
● भैरोंसिंह शेखावत एकमात्र प्रोटेम स्पीकर थे जो बाद में मुख्यमंत्री बने।
● राज्य में अब तक 13 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है जो कि एक बार भी पारित नहीं हुआ। पहली बार 1952 में टीकाराम पालीवाल के खिलाफ, जबकि अंतिम बार 1986 में हरिदेव जोशी के खिलाफ लाया गया था। मोहनलाल सुखाड़िया के विरुद्ध 6 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
● राजस्थान में अविश्वास प्रस्ताव लाने हेतु 40 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
● राज्य में अभी तक 4 गैर-सरकारी विधेयक पारित हुए हैं।
● राजस्थान में अब तक 5 बार विश्वास प्रस्ताव लाया गया। पहली बार 1990 में भैरोंसिंह शेखावत द्वारा लाया गया था। 1990 में दो बार 1993, 2009 जबकि अंतिम बार 2020 में अशोक गहलोत द्वारा लाया गया।
● सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान-
- 2023 – अमीन खान
- 2022 – अनिता भदेल
- 2021 – बाबुलाल मीणा एवं मंजू मेघवाल
- 2020 – संयम लोढ़ा
- 2019 – ज्ञानचन्द पारख
- 2018 – अभिषेक मटोरिया
● पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष- श्रीमती सुमित्रा सिंह (कांग्रेस 12वीं विधानसभा 2003-2008)
● प्रथम गैर-कांग्रेसी विधानसभा अध्यक्ष- लक्ष्मणसिंह (जनता पार्टी)
● रामनिवास मिर्धा (कांग्रेस) दो बार (दूसरी व तीसरी विधानसभा) विधानसभा अध्यक्ष रहे।
● पूनमचंद विश्नोई सर्वाधिक बार प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं।
● हरिदेव जोशी 1952 से लेकर मृत्युपर्यन्त विधानसभा के सदस्य रहे। (प्रथम दस विधानसभा)
● राजस्थान का नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र एक से अधिक जिले में फैला हुआ है।
● राजसमंद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकमात्र ऐसा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जिसका विस्तार चार जिलों – राजसमंद, पाली, अजमेर व नागौर में है।
● राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा हैं। गोविन्दसिंह डोटासरा लक्ष्मणगढ़ (सीकर) से कांग्रेस के विधायक हैं।
● भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी है। सी. पी. जोशी चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के सांसद हैं।
राजस्थान 16वीं विधानसभा के पदाधिकारी (वर्तमान)
1. राज्यपाल – हरिभाऊ किसनराव बागड़े
2. प्रोटेम स्पीकर, राजस्थान विधानसभा – कालीचरण सराफ
3. अध्यक्ष, राजस्थान विधानसभा – वासुदेव देवनानी
4. मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार – भजनलाल शर्मा
5. सरकारी मुख्य सचेतक, राजस्थान विधानसभा – जोगेश्वर गर्ग
6. सरकारी उप-मुख्य सचेतक, राजस्थान विधानसभा – रिक्त
7. नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा – टीकाराम जूली
8. उपनेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा – रामकेश मीणा
राजस्थान सरकार – मंत्रिपरिषद्
क्र.सं. | मंत्री का नाम | विभाग |
मुख्यमंत्री | ||
1. | श्री भजन लाल शर्मा (सांगानेर)
| 1. कार्मिक विभाग 2. आबकारी विभाग 3. गृह विभाग 4. आयोजना विभाग 5. सामान्य प्रशासन विभाग 6. नीति निर्धारण प्रकोष्ठ - मुख्यमंत्री सचिवालय 7. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग 8. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) |
उप मुख्यमंत्री | ||
2. | सुश्री दिया कुमारी(विद्याधर नगर) | 1. वित्त विभाग 2. पर्यटन विभाग 3. कला, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्व विभाग 4. सार्वजनिक निर्माण विभाग 5. महिला एवं बाल विकास विभाग 6. बाल अधिकारिता विभाग |
2. | डॉ. प्रेमचन्द बैरवा(दूदू) | 1. तकनीकी शिक्षा विभाग 2. उच्च शिक्षा विभाग 3. आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा एवं हौम्योपैथी (आयुष) विभाग 4. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग |
कैबिनेट मंत्री | ||
1. | श्री किरोडी लाल (सवाई माधोपुर) | 1. कृषि एवं उद्यानिकी विभाग 2. ग्रामीण विकास विभाग 3. आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग 4. जन अभियोग निराकरण विभाग |
2. | श्री गजेन्द्र सिंह (लोहावट) | 1. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग 2. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ (ईएसआई) |
3. | कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ (झोटवाड़ा) | 1. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग 2. सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग 3. युवा मामले और खेल विभाग 4. कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग 5. सैनिक कल्याण विभाग |
4. | मदन दिलावर (रामगंजमंडी) | 1. विद्यालयी शिक्षा विभाग (स्कूल एजूकेशन) 2. पंचायती राज विभाग 3. संस्कृत शिक्षा विभाग
|
5. | श्री कन्हैयालाल चौधरी (मालपुरा) | 1. जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग 2. भू-जल विभाग |
6. | श्री जोगाराम पटेल (लूणी) | 1. संसदीय कार्य विभाग 2. विधि एवं विधिक कार्य विभाग और विधि परामर्शी कार्यालय 3. न्याय विभाग |
7. | श्री सुरेश सिंह रावत (पुष्कर) | 1. जल संसाधन विभाग 2. जल संसाधन (आयोजना) विभाग |
8. | श्री अविनाश गहलोत (जैतारण) | 1. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग |
9. | श्री सुमित गोदारा (लूणकरणसर) | 1. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग 2. उपभोक्ता मामले विभाग |
10. | श्री जोराराम कुमावत (सुमेरपुर) | 1. पशुपालन एवं डेयरी विभाग 2. गोपालन विभाग 3. देवस्थान विभाग |
11. | श्री बाबूलाल खराड़ी (झाडोल) | 1. जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग 2. गृह रक्षा विभाग |
12. | श्री हेमन्त मीणा (प्रतापगढ़) | 1. राजस्व विभाग 2. उपनिवेशन विभाग |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) | ||
1. | श्री संजय शर्मा (अलवर शहर) | 1. वन विभाग 2. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 3. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग |
2. | श्री गोतम कुमार (बड़ी सादड़ी) | 1. सहकारिता विभाग 2. नागरिक उड्डयन विभाग |
3. | श्री झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर) | 1. नगरीय विकास विभाग 2. स्वायत्त शासन विभाग |
4. | श्री हीरालाल नागर (सांगोद) | 1. ऊर्जा विभाग |
राज्य मंत्री | ||
5. | श्री ओटा राम देवासी (सिरोही) | 1. पंचायती राज विभाग 2. ग्रामीण विकास विभाग 3. आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग |
6. | डॉ. मंजू बाघमार (जायल) | 1. सार्वजनिक निर्माण विभाग 2. महिला एवं बाल विकास विभाग 3. बाल अधिकारिता विभाग |
7. | श्री विजय सिंह (नावां) | 1. राजस्व विभाग 2. उपनिवेशन विभाग 3. सैनिक कल्याण विभाग |
8. | श्री कृष्ण कुमार (के.के.) विश्नोई (गुढ़ामालानी) | 1. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग 2. युवा मामले और खेल विभाग 3. कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग 4. नीति निर्धारण विभाग |
9. | श्री जवाहरसिंह बेढम (नगर) | 1. गृह विभाग 2. गोपालन विभाग 3. पशुपालन एवं डेयरी विभाग 4. मत्स्य विभाग |
संसद में राजस्थान
लोकसभा :-
● प्रथम आम चुनाव में (1952) लोकसभा के लिए राजस्थान में 20 सीटें निर्धारित की गई थी। उस समय अजमेर राज्य का पृथक् अस्तित्व था जहाँ दो सीटें निश्चित की गई। इस प्रकार दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 22 सीटें थी।
● चौथी लोकसभा के चुनाव में सदस्य संख्या 22 से बढ़ाकर 23 कर दी गई।
● छठी लोकसभा के चुनाव में सदस्य संख्या 23 से बढ़ाकर 25 कर दी गई। वर्तमान में यही संख्या है।
● 8वें लोकसभा चुनाव (1984) में कांग्रेस के 25 प्रत्याशियों ने सभी 25 स्थानों पर पहली बार विजय प्राप्त की।
● 16वीं लोकसभा (2014-2019) में राज्य के सभी 25 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की।
● लोकसभा में राजस्थान से SC की 4 सीटें और ST की 3 सीटें आरक्षित हैं।
● राजस्थान से डॉ. बलराम जाखड़ (1980-1989) एवं ओम बिड़ला (जून, 2019-वर्तमान) दो व्यक्ति लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं।
18वीं लोकसभा (जून, 2024-वर्तमान)
● सीटें भाजपा-14, कांग्रेस-08, सीपीआई (एम)-1
● 1 सीट (नागौर) पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तथा 1 सीट भारत आदिवासी पार्टी।
18वीं लोकसभा में राजस्थान से सांसद निम्नानुसार है –
क्र. | नाम | निर्वाचन क्षेत्र | पार्टी |
1. | अर्जुन राम मेघवाल | बीकानेर | भाजपा |
2. | मन्ना लाल रावत | उदयपुर | भाजपा |
3. | भूपेन्द्र यादव | अलवर | भाजपा |
4. | भागीरथ चौधरी | अजमेर | भाजपा |
5. | सी. पी. जोशी | चित्तौड़गढ़ | भाजपा |
6. | राव राजेन्द्र सिंह | जयपुर ग्रामीण | भाजपा |
7. | लुम्बाराम | जालोर | भाजपा |
8. | महिमा कुमारी मेवाड़ | राजसमंद | भाजपा |
9. | दुष्यंत सिंह | झालावाड़-बारां | भाजपा |
10. | गजेन्द्र सिंह शेखावत | जोधपुर | भाजपा |
11. | हनुमान बेनीवाल | नागौर | RLP |
12. | मुरारी लाल मीना | दौसा | कांग्रेस |
13. | उम्मेदा राम बेनीवाल | बाड़मेर | कांग्रेस |
14. | राज कुमार रोत | बाँसवाड़ा | BAP |
15. | भजन लाल जाटव | करौली-धौलपुर | कांग्रेस |
16. | बृजेन्द्र सिंह ओला | झुँझुनूँ | कांग्रेस |
17. | कुलदीप इन्दौरा | गंगानगर | कांग्रेस |
18. | ओम बिरला | कोटा | भाजपा |
19. | पी. पी. चौधरी | पाली | भाजपा |
20. | राहुल कसवां | चूरू | कांग्रेस |
21. | मंजू शर्मा | जयपुर | भाजपा |
22. | संजना जाटव | भरतपुर | कांग्रेस |
23. | दामोदर अग्रवाल | भीलवाड़ा | भाजपा |
24. | हरीश चन्द्र मीना | टोंक-सवाई माधोपुर | कांग्रेस |
25. | अमराराम | सीकर | CPI(M) |
मोदी सरकार 3.0 में राजस्थान के मंत्री :-
18वीं लोकसभा में राजस्थान से केन्द्रीय मंत्री :-
क्र | नाम | निर्वाचन क्षेत्र | पार्टी | विभाग |
1. | गजेन्द्र सिंह शेखावत | जोधपुर | भाजपा | पर्यटन एवं संस्कृति |
2. | भागीरथ चौधरी | अजमेर | भाजपा | कृषि एवं किसान कल्याण |
3. | अर्जुनराम मेघवाल | बीकानेर | भाजपा | कानून, संसदीय कार्य |
4. | भूपेन्द्र यादव | अलवर | भाजपा | पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन |
राज्यसभा :-
● 28 अगस्त, 2003 को डॉ. नारायणसिंह माणकलाव राजस्थान से राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले प्रथम राजस्थानी है।
● राजस्थान से सर्वाधिक बार निर्वाचित राज्यसभा सदस्य श्री रामनिवास मिर्धा थे (4 बार) जबकि महिलाओं में श्रीमती शारदा भार्गव 3 बार चुनी गई।
● राजस्थान में वर्तमान में 10 राज्यसभा सीटें हैं।
● वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा में 5 सदस्य कांग्रेस पार्टी के जबकि 5 सदस्य भारतीय जनता पार्टी के है।
कांग्रेस | भारतीय जनता पार्टी |
(1) श्रीमती सोनिया गाँधी | (1) राजेन्द्र गहलोत |
(2) नीरज डांगी | (2) चुन्नीलाल गरासिया |
(3) रणदीप सिंह सुरजेवाला | (3) घनश्याम तिवाड़ी |
(4) मुकुल वासनिक | (4) मदन राठौड़ |
(5) प्रमोद तिवारी | (5) रवनीत सिंह बिट्टु |
अन्य तथ्य :-
● राजस्थान से राज्यसभा में प्रथम महिला सांसद श्रीमती शारदा भार्गव 1952 में बनी थी।
● राज्य से प्रथम महिला लोकसभा सदस्य महारानी गायत्री देवी (जयपुर) चुनी गई थी।
● श्री नाथुराम मिर्धा (कांग्रेस) राजस्थान से सर्वाधिक बार लोकसभा सदस्य बने।
● श्रीमती वसुंधरा राजे राजस्थान से सर्वाधिक (5 बार) चुनी गई महिला लोकसभा सदस्य है।
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