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राजस्थान इतिहास: राजस्थान का एकीकरण

राजस्थान का एकीकरण

-     राजस्थान नामकरण (संवैधानिक रूप से) – 26 जनवरी, 1950 

-     वर्तमान स्वरूप – 1 नवम्बर, 1956

-     एकीकरण के चरण – 7 चरण

-     अवधि – 8 वर्ष 7 महीने 14 दिन 

-     एकीकरण के समय – 19 रियासतें, 3 ठिकाने व 1 केन्द्रशासित प्रदेश 

   रियासती विभाग –

-     गठन – 5 जुलाई, 1947 

-     कार्य – रियासतों का एकीकरण करना 

-     नेतृत्व – सरदार वल्लभभाई पटेल 

-     सचिव – वी.पीमेनन 

-     विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम रियासत – बीकानेर

-     विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अंतिम रियासत –धौलपुर

-     धौलपुर शासक उदयभानसिंह ने 14 अगस्त, 1947   को विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए। 

-     एकीकरण पर सर्वप्रथम हस्ताक्षर करने वाले शासक – अलवर महाराजा तेजसिंह

●    राजस्थान में ठिकाने –

1. नीमराणा (अलवर)           

2. कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा)

3. लावा (जयपुर)

-     नीमराणा शासक – राजेन्द्रसिंह

-     लावा शासक – प्रदीपसिंह

-     कुशलगढ़ शासक – हरेन्द्रसिंह

-     सर्वाधिक क्षेत्रफल – कुशलगढ़

-     सबसे छोटा ठिकाना – लावा

●     केन्द्रशासित प्रदेश – अजमेर-मेरवाड़ा

      एकीकरण के 7 चरण –

♦   प्रथम चरण :- मत्स्य संघ 

-     विलय - 18 मार्च, 1948  

-     चार रियासतें व एक ठिकाने का विलय

-      रियासतें – अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करौली

-     ठिकाना – नीमराणा

-      राजधानी – अलवर

-     राजप्रमुख - उदयभानसिंह (धौलपुर)

-     उपराजप्रमुख - गणेशपाल देव (करौली)

-     प्रधानमंत्री - शोभाराम कुमावत (अलवर प्रजामंडल के नेता) 

-     मंत्रिमण्डल - युगलकिशोर चतुर्वेदी, मास्टर भोलानाथ, गोपीलाल यादव, डॉ. मंगलसिंह व चिरंजीलाल शर्मा।

-     मत्स्य संघ नाम की सिफारिश - के.एममुंशी

-     उद्घाटन - नरहरि विष्णु गॉडगिल

      स्थान - लोहागढ़ दुर्ग, भरतपुर

♦   द्वितीय चरण :- राजस्थान संघ/पूर्वी राजस्थान

-     विलय - 25 मार्च, 1948

-     9 रियासतें तथा एक ठिकाने का विलय

-     रियासतें – बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बूँदी, झालावाड़ व कोटा।

-     ठिकाना – कुशलगढ़ 

-     राजधानी - कोटा

-     राजप्रमुख - कोटा महाराव भीमसिंह

-     वरिष्ठ उपराजप्रमुख - बूँदी महाराव बहादुरसिंह

-     कनिष्ठ उपराजप्रमुख - डूँगरपुर महारावल लक्ष्मणसिंह

-     प्रधानमंत्री - गोकुललाल असावा (शाहपुरा) 

-     उद्घाटन - नरहरि विष्णु गॉडगिल, कोटा दुर्ग में किया गया।

-     बाँसवाड़ा शासक चन्द्रवीरसिंह ने एकीकरण विलय पत्र परहस्ताक्षर करते समय कहा था- “मैं अपने डेथ वारन्ट पर हस्ताक्षरकर रहा हूँ।“

♦   तृतीय चरण:- संयुक्त राजस्थान

-     विलय - 18 अप्रैल, 1948 

-     पूर्वी राजस्थान + उदयपुर

-     राजधानी - उदयपुर

-     राजप्रमुख - महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)

-     वरिष्ठ उपराजप्रमुख - महाराव भीमसिंह (कोटा) 

-     कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)

                                    महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर)

-     प्रधानमंत्री - माणिक्यलाल वर्मा (मेवाड़) 

-     उद्घाटन - जवाहरलाल नेहरू

       स्थान - उदयपुर

-     मंत्रिमण्डल – मोहनलाल सुखाड़िया, गोकुललाल असावा, प्रेमनारायण व भूरेलाल बयां, भोगीलाल पण्ड्या, अभिन्न हरि व बृजसुन्दर शर्मा 

♦   चतुर्थ चरण:- वृहत् राजस्थान

-     विलय - 30 मार्च, 1949

-     रियासतें - जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर

-     ठिकाना - लावा  

-     संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर रियासतों और लावा ठिकाने का विलय।  

-     राजधानी - जयपुर

-     महाराज प्रमुख - महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)   

-     राजप्रमुख - सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)

-     वरिष्ठ उपराजप्रमुख - महाराव भीमसिंह (कोटा) 

                             महाराजा हनुवन्तसिंह (जोधपुर)

-     कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)

                             महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर)

-     प्रधानमंत्री - हीरालाल शास्त्री (जयपुर)

-     उद्घाटन – सरदार वल्लभभाई पटेल

       स्थान - जयपुर में

-     पी. सत्यनारायण राव समिति के अनुसार निम्नलिखित  विभागों का आवंटन हुआ- 

             राजधानी - जयपुर

             न्याय विभाग - जोधपुर  

             शिक्षा विभाग - बीकानेर  

             वन विभाग - कोटा  

             कृषि विभाग - भरतपुर  

             खनिज विभाग - उदयपुर

-     मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयां, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर व सिद्धराज ढड्‌ढ़ा।

-     सुमनेश जोशी द्वारा प्रकाशित ‘रियासती’ समाचार पत्र मेंजोधपुर शासक हनुवंतसिंह के पाकिस्तान में मिलने की योजना का पर्दाफाश किया।

-     राममनोहर लोहिया के नेतृत्व में ‘राजस्थान आंदोलन समिति’का गठन कर जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर व मत्स्य संघ को संयुक्त राजस्थान में सम्मिलित कर एक सुदृढ़ इकाई के गठन की मांग की।

-     राजस्थान दिवस – 30 मार्च

♦   पंचम् चरण:- संयुक्त वृहत् राजस्थान

-     विलय - 15 मई, 1949

-     वृहत् राजस्थान + मत्स्य संघ

-     राजधानी - जयपुर

-     महाराज प्रमुख - महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)   

-     राजप्रमुख - सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)

-     वरिष्ठ उपराजप्रमुख - महाराव भीमसिंह (कोटा) 

                             महाराजा हनुवन्तसिंह (जोधपुर)

-     कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)

                     ​​​​​​​        महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर)

-     प्रधानमंत्री - हीरालाल शास्त्री (जयपुर)

-     मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयां, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर, शोभाराम कुमावत व सिद्धराज ढड्‌ढ़ा।

-     शंकरदेव राय समिति की सिफारिश पर मत्स्य संघ काविलय वृहत् राजस्थान में किया गया।

♦   षष्ठम् चरण :- राजस्थान

-     विलय - 26 जनवरी, 1950 

-     सिरोही (आबू व देलवाड़ा को छोड़कर) का राजस्थान में विलय।

-     राजधानी - जयपुर

-     महाराज प्रमुख - महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)   

-     राजप्रमुख - सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)

-     वरिष्ठ उपराजप्रमुख - महाराव भीमसिंह (कोटा) 

                     ​​​​​​​        महाराजा हनुवन्तसिंह (जोधपुर)

-     कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)

                    ​​​​​​​        महारावल लक्ष्मणसिंह (डूँगरपुर)

-     प्रधानमंत्री - हीरालाल शास्त्री (जयपुर)

-     मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयां, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर व सिद्धराज ढड्‌ढ़ा।

-     1 फरवरी, 1948 को सरदार पटेल ने सिरोही का विलय गुजरात में किया।

-     बलवंतसिंह मेहता एवं गोकुल भाई भट्ट के आंदोलन के कारण 26 जनवरी, 1950 को सिरोही को राजस्थान में शामिलकिया गया लेकिन आबू व देलवाड़ा क्षेत्र को गुजरात में शामिलकर दिया गया।

-     हीरालाल शास्त्री ने पटेल को पत्र लिखा कि – “सिरोही काअर्थ गोकुल भाई भट्ट है इनके बिना हम राजस्थान नहीं चलासकते।”

-     26 जनवरी, 1950 को राजस्थान को राजस्थान शब्द कीसंवैधानिक मान्यताएँ प्राप्त हुई।

♦   सप्तम् चरण:- वर्तमान राजस्थान

-     विलय - 01 नवम्बर, 1956

-     राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों पर अजमेर-मेरवाड़ा, माउंटआबू, देलवाड़ा का राजस्थान में विलय।

-     मध्यप्रदेश के सुनेल टप्पा का राजस्थान में और सिरोंज कामध्यप्रदेश में विलय किया गया।

-     राजधानी - जयपुर।

-     मुख्यमंत्री – मोहनलाल सुखाड़िया

-     राज्यपाल – सरदार गुरुमुख निहालसिंह

-     राजप्रमुख पद को समाप्त कर राज्यपाल का पद सृजितकिया गया और राज्यों की श्रेणी अ, ब तथा स को समाप्त करदिया गया।

            महत्त्वपूर्ण तथ्य :-

●     राज्य पुनर्गठन आयोग : – 

-     स्थापना- 22 दिसम्बर, 1953

-     अध्यक्ष – फजल अली   

-     सदस्य –   सरदार पणिक्कर

        हृदयनाथ कुंजरू

-     कार्य – भाषा संबंधी समस्याओं का अध्ययन कर रिपोर्टकेन्द्र सरकार को सौंपना।

-     आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 पारित कर संविधान ने 7वाँ संशोधन किया गया।

    7वाँ संविधान संशोधन के तहत :–

-     आबू-देलवाड़ा व अजमेर-मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय

-     राज्यों की श्रेणियाँ समाप्त कर दी गई।

-     A श्रेणी – ऐसे राज्य जो यथास्थिति में थे।

-     B श्रेणी – ऐसे राज्य जिनका निर्माण एकीकरण से हुआ।

-     C श्रेणी – ऐसे राज्य जो ब्रिटिश सत्ता में चीफ कमीश्नरीस्टेट थे।

   संघ बनाने का प्रयास करने वाले शासक – 

-     राजपूताना संघ – सवाई मानसिंह द्वितीय

-     वागड़ संघ – लक्ष्मणसिंह

-     मेवाड़ संघ – भूपालसिंह

-     हाड़ौती संघ – कोटा शासक भीमसिंह

-     जाट झण्डा खतरे में – मानसिंह

-     प्रथम स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 1947) भरतपुर में नहींमनाया गया।

चरण

चरण का नाम

विलय

रियासतें/ठिकाना

प्रथम

मत्स्य संघ

18 मार्च, 1948

अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली व नीमराणा

द्वितीय

पूर्वी राजस्थान /राजस्थान संघ

25 मार्च, 1948

कोटा, बूँदी, झालावाड़, किशनगढ़, बाँसवाड़ा, टोंक, डूँगरपुर, शाहपुरा, प्रतापगढ़ व कुशलगढ़

तृतीय

संयुक्त राजस्थान

18 अप्रैल, 1948

पूर्वी राजस्थान + उदयपुर

चतुर्थ

वृहत् राजस्थान

30 मार्च, 1949

संयुक्तराजस्थान + जयपुर, जोधपुर,जैसलमेर,बीकानेर व लावा

पंचम

संयुक्त वृहत् राजस्थान

15 मई, 1949

वृहत् राजस्थान + मत्स्य संघ

षष्ठ

राजस्थान

26 जनवरी, 1950

सिरोही (आबू वदेलवाड़ाकोछोड़कर)

सप्तम्

राजस्थान

1 नवम्बर, 1956

अजमेर - मेरवाड़ा, माउंटआबू, देलवाड़ाव सुनेलटप्पा

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