सामाजिक सुरक्षाः सभी नागरिकों का कल्याण
राजस्थान में सामाजिक क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की उपलब्धियाँ (2020-21 से 2023-24)
● राजस्थान ने 2020-21 से 2023-24 की अवधि के दौरान सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की प्रगति में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किया है। SDG इंडिया इंडेक्स के अनुसार, राज्य ने गरीबी उन्मूलन, भूख समाप्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
मुख्य उपलब्धियाँ:
1. गरीबी उन्मूलन (SDG लक्ष्य-1)
● राजस्थान ने गरीबी समाप्त करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है।
● राज्य ने इस लक्ष्य में 19 अंकों की वृद्धि दर्ज की है।
● गरीबी उन्मूलन के लिए राज्य सरकार ने रोजगार, स्वरोजगार और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्राथमिकता दी।
2. भुखमरी समाप्ति (SDG लक्ष्य-2)
● खाद्य सुरक्षा और पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए गए।
● इस लक्ष्य में 11 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
● पोषण अभियान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और मध्याह्न भोजन योजना (MDM) को मजबूत किया गया।
3. अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण (SDG लक्ष्य-3)
● स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार किया गया।
● इस लक्ष्य में 3 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
● निःशुल्क दवा और जाँच योजना, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किए गए।
4. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (SDG लक्ष्य-4)
● शिक्षा की पहुँच, गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार हुआ।
● राज्य ने इस क्षेत्र में 3 अंकों की वृद्धि दर्ज की।
● "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ", "मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना" जैसी योजनाओं के तहत शिक्षा को बढ़ावा दिया गया।
5. लैंगिक समानता (SDG लक्ष्य-5)
● महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया।
● इस लक्ष्य में 13 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
● महिला उद्यमिता, कौशल विकास और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली योजनाएँ लागू की गईं।
6. स्वच्छ जल एवं स्वच्छता (SDG लक्ष्य-6)
● पीने के स्वच्छ जल और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार किया गया।
● इस लक्ष्य में 6 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
● जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुँचाया गया।
7. असमानताओं में कमी (SDG लक्ष्य-10)
● समाज में असमानताओं को कम करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए।
● इस लक्ष्य में 4 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
● पिछड़े वर्गों, महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ चलाई गईं।
महिलाओं एवं बालिकाओं का सशक्तीकरण:
● महिलाओं और बालिकाओं को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में सशक्त बनाने के लिए योजनाएँ लागू की गईं:
मुख्य श्रेणियाँ:
● राजस्थान सरकार ने सामाजिक क्षेत्र के विकास को चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया है:
1. शैक्षिक विकास:
● शिक्षा की गुणवत्ता, पहुँच और प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए कदम उठाए गए।
● नई शिक्षण विधियाँ, डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रमुख योजनाएँ:
● बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना: लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लागू।
● मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना: वंचित वर्गों के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना:
● ₹3.90 करोड़ बजट, 51,184 बालिकाओं का जन्मोत्सव मनाया गया।
2. आर्थिक विकास:
● रोजगार सृजन, उद्यमिता प्रोत्साहन और कौशल विकास पर जोर दिया गया।
● स्वयं सहायता समूहों (SHG) और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया गया।
प्रमुख योजनाएँ:
स्वयं सहायता समूह (SHG) को समर्थन:
● अमृता हाट मेले के माध्यम से 702 स्वयं सहायता समूहों को सहायता दी गई।
● ₹1.50 करोड़ के बजट में से ₹75 लाख का व्यय।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना:
● महिला उद्यमियों को ₹30 करोड़ का बजट।
● 825 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत।
महिला उद्यमिता प्रोत्साहन:
● ₹30 करोड़ का बजट, 825 ऋण आवेदन स्वीकृत।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्द्धन योजना
● महिलाओं को कौशल विकास और प्रशिक्षण।
● ₹26.54 करोड़ व्यय कर 4,142 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम - जॉब वर्क योजना:
● घर से काम करने वाली महिलाओं के लिए 39,721 रोजगार के अवसर।
● 5,049 महिलाओं को अब तक लाभ।
पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान योजना:
● महिला सशक्तीकरण में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है।
3. सामाजिक कल्याण:
● सरकार ने जरूरतमंद और वंचित वर्गों के लिए स्वास्थ्य, आवास और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की।
प्रमुख योजनाएँ:
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
● आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह हेतु वित्तीय सहायता।
● ₹31,000 (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग), ₹41,000 (10वीं पास), ₹51,000 (स्नातक पास)।
● वर्ष 2024-25 में 6,831 कन्याओं को ₹34.56 करोड़ की सहायता।
विधवा विवाह उपहार योजना
● विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह पर ₹51,000 का उपहार।
● 2024-25 में 5 महिलाओं को ₹2.55 लाख वितरित।
एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी योजना
● ₹450 में एलपीजी सिलेंडर (एनएफएसए परिवारों के लिए)।
● सब्सिडी ₹356 सीधे बैंक खाते में।
● 92.96 लाख लाभार्थी, ₹72.65 करोड़ का व्यय।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
● गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ₹5,000 से ₹6,500 तक की सहायता।
● दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को ₹10,000।
● 2.93 लाख महिलाओं को ₹153.73 करोड़ वितरित।
किशोरी बालिका योजना
● 14-18 वर्ष की किशोरियों को शिक्षा एवं सशक्तीकरण।
● 5 आकांक्षी जिलों (बाराँ, करौली, जैसलमेर, धौलपुर, सिरोही) में लागू।
● 42,000 किशोरियों को लाभ, ₹2.76 करोड़ व्यय।
महिला विकास कार्यक्रम
●‘साथिनों’ के माध्यम से महिला अधिकारों और जागरूकता का प्रचार।
● 10,776 साथिनें कार्यरत, ₹55.69 करोड़ व्यय।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना
● विवाह पर खर्च कम करने एवं दहेज प्रथा रोकने हेतु ₹25,000 प्रति जोड़ा।
● 2024-25 में 3,370 जोड़ों को ₹8.70 करोड़ का व्यय।
लाडो प्रोत्साहन योजना
● बालिका जन्म को बढ़ावा देने हेतु ₹1 लाख की सहायता (7 किश्तों में)।
● 1 लाख लाभार्थियों को ₹25 करोड़ की प्रथम किश्त वितरित।
कालीबाई भील उड़ान योजना
● 10-45 वर्ष की महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन।
● 1.22 करोड़ महिलाओं को लाभ, ₹217 करोड़ व्यय।
181 महिला हेल्पलाइन
● महिलाओं को 24x7 सुरक्षा एवं सहायता।
● 7,473 मामलों में सहायता।
कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013
● आंतरिक एवं स्थानीय समितियों का गठन अनिवार्य।
● महिला श्रमिकों को कानूनी संरक्षण।
त्रि-स्तरीय महिला समाधान समिति
● महिला श्रमिकों की सुरक्षा एवं शिकायत निवारण।
● जिला, विभागीय एवं उप-जिला स्तर पर समितियाँ कार्यरत।
कालीबाई भील महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान
● महिला-बाल विकास पर शोध एवं सशक्तीकरण रणनीतियाँ।
● 400 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान।
महिला सशक्तीकरण राज्य हब (मिशन शक्ति योजना)
● राज्य एवं जिला स्तर पर महिला सशक्तीकरण केंद्र।
● ₹5.70 करोड़ की धनराशि स्वीकृत, ₹3.62 करोड़ व्यय।
4. सामाजिक सुरक्षा:
● सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
प्रमुख योजनाएँ:
● पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान योजना:
● महिला सशक्तीकरण के लिए चार श्रेणियों में पुरस्कार।
● पेंशन योजनाएँ और बीमा सुरक्षा:
● गरीब, वृद्धजनों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता।
1. इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
● लाभार्थी: 40 वर्ष या अधिक आयु की बीपीएल विधवाएँ
पेंशन राशि:
● 40-75 वर्ष: ₹1,150 प्रति माह
● 75 वर्ष और अधिक: ₹1,500 प्रति माह
वित्त पोषण:
● केंद्र सरकार: ₹300 (80 वर्ष से कम आयु) / ₹500 (80 वर्ष से अधिक)
● शेष राशि राज्य सरकार द्वारा
● 2024-25 में व्यय: ₹114.57 करोड़
● लाभार्थी संख्या: 4,09,324
2. मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना
● लाभार्थी: 18 वर्ष से अधिक आयु की विधवा, तलाकशुदा व परित्यक्त महिलाएँ
पेंशन राशि:
● 18-75 वर्ष: ₹1,150 प्रति माह
● 75 वर्ष और अधिक: ₹1,500 प्रति माह
● पात्रता: वार्षिक आय ₹48,000 से कम
● 2024-25 में व्यय: ₹2,719.65 करोड़
● लाभार्थी संख्या: 18,01,265
3. सम्भाग स्तरीय नारी निकेतन / राज्य स्तरीय महिला सदन
● लक्ष्य: संकटग्रस्त महिलाओं को आश्रय, देखभाल और पुनर्वास
● 2024-25 में व्यय: ₹4.53 करोड़
● रहवास संख्या: 172 महिलाएँ व 13 बच्चे (कुल स्वीकृत संख्या 450)
4. शक्ति सदन योजना
● लक्ष्य: घरेलू हिंसा व शोषण पीड़ित महिलाओं को सहायता
● सेवाएँ: कानूनी, स्वास्थ्य और मानसिक सहायता
● 2024-25 में व्यय: ₹1.15 करोड़
● लाभार्थी संख्या: 171
5. महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र (एम.एस.एस.के.)
● संख्या: 41 पुलिस जिलों व 246 पुलिस सर्किलों में स्थापित
● सेवाएँ: काउंसलिंग, कानूनी, पुलिस व चिकित्सा सहायता
● 2024-25 में आवंटित बजट: ₹12.30 करोड़
● 2024-25 में व्यय: ₹2.69 करोड़
● कुल प्रकरण: 23,639 (22,175 निस्तारित)
6. वन स्टॉप सेंटर / सखी केंद्र
● लक्ष्य: हिंसा पीड़ित महिलाओं को 24x7 सहायता
● सेवाएँ: चिकित्सा, पुलिस, कानूनी, परामर्श, आश्रय
● राजस्थान में संचालित केंद्र: 37
● दिसंबर, 2024 तक प्रकरण: 6,770 (5,879 निस्तारित)
7. पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र
● स्थापना: सभी जिला मुख्यालयों पर
● सेवाएँ: महिलाओं व छात्राओं के लिए निःशुल्क परामर्श
● 2024-25 में व्यय: ₹2.35 करोड़
● लाभार्थी संख्या: 1.44 लाख महिलाएँ/छात्राएँ
बच्चों का सशक्तीकरण
● बच्चों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और समाज में सक्रिय बनाने हेतु आवश्यक कौशल और स्वायत्तता प्रदान की जाती है।
● सरकार बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने, शिक्षा और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए नीतियाँ बनाती है।
● बच्चों के विकास और कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।
1. शैक्षणिक विकास
मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना
● पालनहार योजना के लाभार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण और उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता।
● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) ₹6.84 लाख की राशि से 26 लाभार्थी लाभान्वित।
2. सामाजिक कल्याण योजनाएँ
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना
● कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों और विधवा महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सहायता।
● अनाथ बच्चों को:
● ₹1 लाख तत्काल सहायता
● ₹2,500 प्रतिमाह और ₹2,000 वार्षिक सहायता (18 वर्ष तक)
● 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹5 लाख सहायता
● विधवा महिलाओं को:
● ₹1 लाख तत्काल सहायता और ₹1,500 प्रतिमाह पेंशन
l उनके बच्चों को ₹1,000 प्रतिमाह और ₹2,000 वार्षिक सहायता
l 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) ₹2.46 करोड़ व्यय कर 23,447 लाभार्थी।
समेकित बाल विकास सेवाएँ (ICDS)
● 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थ्य सेवाएँ।
● लक्ष्य: कुपोषण, मृत्यु दर और स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करना।
● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक)
● 36.77 लाख बच्चों, 2.79 लाख गर्भवती और 2.60 लाख स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पूरक पोषण।
● 3-6 वर्ष के 15.42 लाख बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा।
● राज्य में 61,930 आँगनबाड़ी केंद्र संचालित।
आँगनबाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध सेवाएँ | ||
क्र.स. | सेवाएँ | लाभार्थी |
1. | पूरक पोषाहार | 6 माह से अधिक तथा 6 वर्ष तक की आयु के बच्चें, गर्भवती धात्री महिलाएँ एवं 14 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाएँ (केवल 5 आकांक्षी जिले धौलपुर, करोली, जैसलमेर, सिरोही और बाराँ) |
2. | बचपन और शाला पूर्व शिक्षा | 3-6 वर्ष तक की आयु के बच्चे |
3. | पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा | 15-45 वर्ष की महिलाएँ एवं किशोरी बालिकाएँ |
4. | टीकाकरण | 0-6 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाएँ |
5. | स्वास्थ्य जाँच | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती धात्री महिलाएँ एवं किशोरी बालिकाएँ |
6. | सन्दर्भ (रेफरल) सेवाएँ | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती तथा धात्री महिलाएँ |
पी.एम. पोषण योजना (मिड-डे-मील योजना)
● सरकारी विद्यालयों और मदरसों में विद्यार्थियों को पोषणयुक्त भोजन।
● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक)
● `62.64 लाख विद्यार्थी लाभान्वित।
● `भोजन में न्यूनतम 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन।
● बजट प्रावधान ₹1,481.88 करोड़, जिसमें से ₹534.52 करोड़ व्यय।
पन्नाधाय बाल गोपाल योजना
● सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को दूध और चीनी प्रदान कर पोषण स्तर सुधारना।
● प्री-प्राइमरी से 5वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 150 मिलीलीटर दूध।
● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) ₹502.40 करोड़ व्यय।
3. सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
पालनहार योजना
● आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को वित्तीय सहायता।
● अनाथ बच्चों को:
● 0-6 वर्ष: ₹1,500 प्रतिमाह
● 6-18 वर्ष (विद्यालय में नामांकित): ₹2,500 प्रतिमाह
● अन्य श्रेणियों के बच्चों को ₹750-₹1,500 प्रतिमाह
● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) ₹861.37 करोड़ व्यय कर 6,15,098 लाभार्थी।
मिशन वात्सल्य योजना (CPS)
● अनाथ और कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास।
● 40 सरकारी और 85 गैर-सरकारी बाल देखभाल संस्थानों में 3,802 बच्चों की देखभाल।
● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक)
● 52 बच्चे व्यक्तिगत पालन-पोषण, 109 बच्चे सामूहिक पालन-पोषण, 160 प्रायोजन कार्यक्रम, 38 आफ्टर केयर कार्यक्रम में लाभान्वित।
● ₹44.20 करोड़ व्यय।
● बाल हेल्पलाइन के लिए ₹5.33 लाख व्यय।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति
और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण
महत्त्व एवं उद्देश्य
● समाज में समानता एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देना।
● शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में असमानताओं को दूर करना।
● सरकारी नीतियों एवं योजनाओं के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण।
1. शैक्षणिक विकास
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति
● पात्रता: वार्षिक आय ₹2.5 लाख (OBC, SC, ST, SBC) एवं ₹5 लाख (मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा)।
● 2024-25 में अब तक 2,32,716 विद्यार्थियों को ₹251.50 करोड़ वितरित।
छात्रावास सुविधा
● अनुसूचित जाति, जनजाति, OBC, SBC, विमुक्त घुमन्तु, स्वच्छकार, मिरासी, भिश्ती समुदाय को निःशुल्क छात्रावास सुविधा।
● 2024-25 में 36,245 विद्यार्थियों को ₹133.42 करोड़ का लाभ।
आवासीय विद्यालय
● गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले छात्रों के लिए 40 विद्यालय।
● 2024-25 में 11,959 विद्यार्थियों को ₹76.76 करोड़ का लाभ।
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना
● UPSC, RPSC, REET, पटवारी, कॉस्टेबल जैसी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क कोचिंग।
● वार्षिक आय सीमा ₹8 लाख।
● 2024-25 में 17,704 छात्रों को ₹81 करोड़ का लाभ।
अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना
● सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के लिए ₹2,000 प्रतिमाह (10 माह तक) की आर्थिक सहायता।
● 2024-25 में 119 विद्यार्थियों को ₹24.36 लाख का वितरण।
2. सामाजिक कल्याण
● डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना
● SC एवं सवर्ण हिंदू विवाह करने पर ₹10 लाख की प्रोत्साहन राशि।
● 2024-25 में 394 जोड़ों को ₹17.65 करोड़ वितरित।
सहरिया, खैरवा, कथौड़ी जनजाति के लिए खाद्य सुरक्षा
● 250 मि.ली. घी, 500 मि.ली. तेल, 500 ग्राम दाल निःशुल्क।
● 2024-25 में 1,30,069 लाभार्थी।
विशेष केंद्रीय सहायता योजना (PM AJAY)
● SC समुदाय के स्वरोजगार हेतु ₹50,000 तक की सब्सिडी।
● ₹2.5 लाख तक की आय वालों को प्राथमिकता।
आदिवासी क्षेत्र में जनकल्याण
● ₹1,206.50 करोड़ का कुल प्रावधान।
● 2024-25 में ₹595.13 करोड़ का व्यय।
3. सामाजिक सुरक्षा
SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम 1989
● अत्याचार पीड़ितों को ₹85,000 से ₹8.25 लाख तक की सहायता।
● FIR, चालान और दोषसिद्धि के दौरान ₹10,000 की सहायता।
● विधवाओं/आश्रितों को ₹5,000 मासिक पेंशन + महंगाई भत्ता।
● 2024-25 में SC के 4,028 पीड़ितों को ₹28.63 करोड़, ST के 1,121 पीड़ितों को ₹8.93 करोड़ की आर्थिक सहायता।
विशेष योग्यजन व्यक्ति (दिव्यांगजन) सशक्तीकरण
1. शैक्षणिक विकास
● विशेष योग्यजनों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में समावेशी भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल।
● शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा में विशेष नीतियों का क्रियान्वयन।
● राज्य द्वारा सुगमता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उपाय।
शिक्षा और छात्रवृत्ति
● विशेष योग्यजन छात्रवृत्ति योजना:
● कक्षा 1-4: ₹500 प्रतिमाह
● कक्षा 5-8: ₹600 प्रतिमाह
● वर्ष 2024-25 में 130 विद्यार्थियों को ₹6.09 लाख वितरित।
विशेष विश्वविद्यालय:
● बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय, जयपुर
● महात्मा गाँधी दिव्यांग विश्वविद्यालय, जोधपुर
2. आर्थिक सशक्तीकरण
● मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना:
● ₹5 लाख तक का ऋण, जिसमें ₹50,000 तक की अनुदान राशि।
● वर्ष 2024-25 में 190 विशेष योग्यजनों को ₹98.04 लाख का लाभ।
संयुक्त सहायता अनुदान:
● कृत्रिम अंग और उपकरणों के लिए ₹20,000 तक की सहायता।
● 11,918 दिव्यांगजन को ₹24.87 करोड़ वितरित।
पदोन्नति में आरक्षण:
● 4% आरक्षण, आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट, अंकों में 5% छूट।
3. सामाजिक कल्याण योजनाएँ
सुखद दाम्पत्य योजना:
● विवाह पर ₹50,000 की वित्तीय सहायता।
● 80% दिव्यांगता वाले को जीवनसाथी बनाने पर ₹5 लाख सहायता।
● वर्ष 2024-25 में 103 दिव्यांगजन को ₹2 करोड़ वितरित।
आस्था योजना:
● 2 या अधिक दिव्यांगजन वाले परिवारों को बीपीएल समकक्ष सुविधा।
● 21,008 परिवार लाभान्वित।
यूडीआईडी कार्ड योजना:
● 5.69 लाख कार्ड जारी, 2024-25 में 52,837 नए कार्ड।
सिलिकॉसिस पॉलिसी-2019:
● पीड़ितों को ₹3 लाख पुनर्वास सहायता, ₹1,500 मासिक पेंशन।
● मृत्यु पर परिवार को ₹2 लाख सहायता।
● वर्ष 2024-25 में 17,788 पीड़ितों को ₹534.48 करोड़ वितरित।
मांसपेशीय दुर्विकास सहायता योजना:
● जरूरतमंद दिव्यांगों को व्हीलचेयर प्रदान की जाएगी।
4. सामाजिक सुरक्षा
● इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना:
● 18-75 वर्ष: ₹1,150 प्रतिमाह
● 75+ वर्ष: ₹1,250 प्रतिमाह
● 2024-25 में 17,193 लाभार्थियों को ₹5.67 करोड़ वितरित।
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना:
● 75 वर्ष से कम: ₹1,150, 75+ वर्ष: ₹1,250
● सिलिकॉसिस पीड़ितों को ₹1,500 प्रतिमाह पेंशन।
● 2024-25 में 6,24,365 आवेदकों को ₹771.55 करोड़ वितरित।
7. अन्य पहलें
● पोलियो करेक्शन ऑपरेशन शिविर।
● राज्य स्तरीय पुरस्कार और खेल प्रतियोगिताएँ।
● दिव्यांगजन के लिए एकमुश्त वित्तीय सहायता योजनाएँ।
वृद्धजन कल्याण योजनाएँ
वृद्धजन सशक्तीकरण
● वृद्धजन समाज की अनमोल धरोहर हैं, जो अपने अनुभव और ज्ञान से समुदाय को समृद्ध बनाते हैं।
● सरकार द्वारा वृद्धजनों की गरिमा, स्वतंत्रता और जीवन गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
● स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक सुरक्षा और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान।
1. सामाजिक कल्याण
वृद्धजन एवं निराश्रित कल्याण योजना:
● जरूरतमंद एवं निराश्रित वृद्धजनों के लिए सरकार द्वारा संचालित वृद्धाश्रम।
● निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, मनोरंजन और चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध।
● प्रताड़ित बुजुर्गों, संतानहीन, गरीब एवं असहाय वृद्धजनों को प्राथमिकता।
● वर्ष 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹8.76 करोड़ व्यय।
● 44 वृद्धाश्रम एवं 42 मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह संचालित।
2. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएँ
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (2007 से प्रारंभ)
● 60+ वर्ष: ₹1,150 प्रतिमाह (₹200 केंद्र सरकार + शेष राशि राज्य सरकार)।
● 80+ वर्ष: ₹1,150 प्रतिमाह (₹500 केंद्र सरकार + शेष राज्य सरकार)।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹179.65 करोड़ व्यय।
● 8,45,154 लाभार्थी।
मुख्यमंत्री वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना
● महिला (55+ वर्ष) एवं पुरुष (58+ वर्ष)।
● वार्षिक आय ₹48,000 से कम होने पर ₹1,150 प्रतिमाह पेंशन।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹6,658.27 करोड़ व्यय।
● 51.72 लाख लाभार्थी।
सर्वजन कल्याण योजनाएँ
सर्वजन कल्याण का उद्देश्य
● सभी नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना समान अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना।
● दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक समानता को बढ़ावा देना।
● न्यायपूर्ण और समावेशी समाज का निर्माण।
1. आर्थिक विकास
गाड़िया लोहार कच्चा माल क्रय अनुदान सहायता योजना:
● गाड़िया लोहार समुदाय को ₹10,000 की अनुदान राशि।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹5 लाख व्यय, 50 लाभार्थी।
2. सामाजिक कल्याण
अंत्येष्टि अनुदान योजना:
● लावारिस शवों के अंतिम संस्कार हेतु ₹5,000 की सहायता।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹38.85 लाख व्यय, 777 शवों का अंतिम संस्कार।
नवजीवन योजना:
● अवैध शराब से जुड़े समुदायों को वैकल्पिक आजीविका सहायता।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹3.12 करोड़ व्यय, 4,475 लाभार्थी।
गाड़िया लोहार भवन निर्माण योजना:
● ग्रामीण क्षेत्र: 150 वर्गगज, शहरी क्षेत्र: 50 वर्गगज भूमि आवंटन।
● स्वयं के भूखंड पर ₹1,20,000 अनुदान (तीन किश्तों में)।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) ₹99.65 लाख व्यय, 83 लाभार्थी।
3. सामाजिक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA):
● उचित मूल्य की दुकानों से सस्ती दरों पर अनाज वितरण।
● वर्तमान में 32 श्रेणियाँ योजना के अंतर्गत।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना:
● अंत्योदय राशन कार्डधारी: 35 किग्रा गेहूँ प्रति माह।
● अन्य पात्र लाभार्थी: 5 किग्रा गेहूँ प्रति व्यक्ति निःशुल्क।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) 19.19 लाख मीट्रिक टन उठाव, 19.13 लाख मीट्रिक टन वितरण।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना:
● लाभार्थियों को पूरे भारत में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन उपलब्ध।
● राजस्थान में 4.25 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ा गया।
PoS मशीनों के माध्यम से वितरण:
● उचित मूल्य दुकानों पर बायोमेट्रिक सत्यापन द्वारा राशन वितरण।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) 19.14 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न, 438.75 लाख लाभार्थी।
उपभोक्ता संरक्षण एवं विवाद समाधान
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019:
● राज्य आयोग: 4 जयपुर में, 2 जोधपुर में।
● 37 जिला आयोग और 6 क्षेत्रीय शाखाएँ।
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक)
● राज्य आयोग: 1,323 नए मामले, 1,475 मामलों का निस्तारण।
● जिला आयोग: 10,602 नए मामले, 9,398 मामलों का निस्तारण।
● लोक अदालतों द्वारा 1,835 मामलों का समाधान।
● राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800-180-6030)
● 2024-25 में (दिसम्बर, 2024 तक) 4,812 शिकायतें, 91% का निस्तारण।
अल्पसंख्यकों का कल्याण:
समावेशी विकास और सशक्तीकरण
● अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण पर बल।
● शिक्षा, रोजगार और संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करने की पहल।
● राज्य सरकार द्वारा विशेष योजनाएँ और नीतियाँ लागू की गईं।
1. शैक्षणिक विकास
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:
● आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक छात्रों को वित्तीय सहायता।
● पात्रता: वार्षिक आय ₹2 लाख से कम और पिछली परीक्षा में 50% अंक अनिवार्य।
मैरिट कम मीन्स (MCM) छात्रवृत्ति:
● तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों हेतु वित्तीय सहायता।
● पात्रता: वार्षिक आय ₹2.50 लाख से कम और 50% अंक अनिवार्य।
छात्रावास सुविधा:
● अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को निःशुल्क छात्रावास उपलब्ध।
● ₹3,000 प्रति माह की मैस सहायता (9.5 माह तक)।
● वर्ष 2024-25 में 2,224 विद्यार्थियों को लाभ।
2. आर्थिक विकास
राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम (RMFDCC)
● बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को रियायती दरों पर ऋण।
● वर्ष 2024-25 में 66 लाभार्थियों को ₹1.90 करोड़ के ऋण वितरित।
3. सामाजिक कल्याण
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK)
● अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बुनियादी विकास पर केंद्रित।
● 16 जिलों, 2 मुख्यालयों, 15 खंडों और 17 नगरों में लागू।
● 1 अप्रैल 2022 से पूरे राज्य में विस्तार।
मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना
● मदरसों में डिजिटल और भौतिक संसाधनों की आपूर्ति।
● प्राथमिक मदरसों को ₹15 लाख, उच्च प्राथमिक मदरसों को ₹25 लाख तक की सहायता।
● दिसंबर, 2024 तक 294 मदरसों को लाभ।
राजस्थान राज्य हज समिति
● हज यात्रा 2025 हेतु 3,802 आवेदन प्राप्त।
पर्यावरण संरक्षण के प्रयास
● वृक्षारोपण अभियान: 12,555 वृक्ष उचित मूल्य दुकानों के पास लगाए गए।
● अल्प वन उत्पाद वृक्षारोपण: आदिवासी क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर आजीविका संवर्धन।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम:
● 10,723 ग्राम पंचायतों में 1,37,234 पौधों का रोपण।
समेकित बाल विकास सेवाएँ:
● आम, अमरूद, नींबू, नीम आदि के वृक्षारोपण से पर्यावरण संवर्धन।
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