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निवेश में वृद्धिः खनन एवं औद्योगिक क्षेत्र का त्वरित विकास

निवेश में वृद्धिः खनन एवं औद्योगिक क्षेत्र का त्वरित विकास

राजस्थान में औद्योगिक विकास

मुख्य विशेषताएँ

● राजस्थान में समृद्ध खनिज संसाधन, हस्तशिल्प, हथकरघा और कुशल श्रमिकों की उपलब्धता।

● सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में विशाल संभावनाएँ।

● रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कम्पोनेंट्स, वस्त्र, चमड़ा और पत्थर उद्योगों का मजबूत आधार।

● औद्योगीकीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीति और निवेश वातावरण।

राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको)

● 424 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास।

● 44,560 से अधिक औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत।

● सुगम औद्योगिक वातावरण और बुनियादी ढाँचे का विकास।

राज्य की अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान

सकल मूल्य वर्धन (GVA) में योगदान

● उद्योग क्षेत्र की 2024-25 में वृद्धि दर 5.77%।

● 2011-12 में GVA ₹1.36 लाख करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹2.33 लाख करोड़ (स्थिर मूल्य) और ₹4.26 लाख करोड़ (प्रचलित मूल्य)।

औद्योगिक क्षेत्र का राज्य मूल्य वर्द्धन (जी.एस.वी.ए.) एवं वृद्धि दर:  प्रचलित एवं स्थिर (2011-12) मूल्यों पर 

                                                                   करोड़ रुपये

योगदान

2023-24

2024-25

GSVA  प्रचलित 

              वृद्धि  

395333

426472

13.54%

7.88%

GSVA   स्थिर 

             वृद्धि 

220646

233383

7.95%

5.77%

नोटः-वर्ष 2023-24 संशोधित अनुमान Iवर्ष 2024-25 अग्रिम अनुमान

● सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में उद्योग क्षेत्र का योगदान 27.16%।

औद्योगिक क्षेत्र के उप-क्षेत्रों का प्रचलित मूल्यों पर योगदान-2024-25

उद्योग क्षेत्र के उप-क्षेत्रों की संरचना

प्रतिशत

वृद्धि दर

पिछले वर्ष

की तुलना में 

खनन एवं उत्खनन

12.15

3.59%

विनिर्माण

42.62

4.68%

विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य

उपयोगी सेवाएँ

10.35

5.51%

निर्माण

34.88

8.60%

वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में वृद्धि दर

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)

● औद्योगिक उत्पादन में अल्पकालिक परिवर्तनों को मापने के लिए IIP का संकलन।

● तीन प्रमुख समूह – विनिर्माण, खनन, और विद्युत।

● औद्योगिक प्रदर्शन का मासिक विश्लेषण किया जाता है।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2024 (RIPS-2024)

मुख्य उद्देश्य

● राजस्थान में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना। 

● सतत् आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाना।

● नवाचार, पर्यावरणीय स्थिरता और हरित विकास को प्राथमिकता देना।

प्रमुख विशेषताएँ

● योजना की शुरुआत – 8 अक्टूबर 2024

● 2024-25 में निवेश प्रगति – दिसंबर, 2024 तक ₹36,344.45 करोड़ के 410 इकाइयों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी।

निवेश सब्सिडी –

● विनिर्माण क्षेत्र – ₹50 करोड़ से अधिक निवेश पर 7 वर्षों तक 75% राज्य कर सब्सिडी।

● सेवा क्षेत्र – ₹25 करोड़ से अधिक निवेश (पर्यटन में ₹10 करोड़) पर 75% राज्य कर सब्सिडी।

अतिरिक्त प्रोत्साहन –

● नियोक्ता बूस्टर (10-15%), थ्रस्ट बूस्टर (10%), एंकर बूस्टर (20%)।

● 100% विद्युत शुल्क छूट (7 वर्ष), 100% मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति, स्टांप शुल्क पर 75% छूट।

क्षेत्र आधारित प्रोत्साहन

● 7 मानक पैकेज – विनिर्माण, सेवाएँ, MSME, स्टार्ट-अप, औद्योगिक अवसंरचना, अनुसंधान एवं विकास (R&D), ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC)।

● 3 राज्य प्राथमिकताएँ – हरित विकास, निर्यात संवर्धन, क्षमता वर्द्धन।

● प्लेटिनम पैकेज – ₹3,000 करोड़ से अधिक निवेश पर वार्षिक प्रोत्साहन सीमा में छूट।

MSME और स्टार्ट-अप प्रोत्साहन

● MSME प्रोत्साहन –न्यूनतम निवेश आवश्यक नहीं।

● 7 वर्षों तक 3-6% ब्याज अनुदान और 75% SGST प्रतिपूर्ति (10 वर्ष)।

● रोजगार सृजन एवं पूँजी जुटाने हेतु विशेष सब्सिडी।

स्टार्ट-अप प्रोत्साहन –

● महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप हेतु 2 वर्ष तक 100% SGST प्रतिपूर्ति।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रोत्साहन

● औद्योगिक अवसंरचना – वेयरहाउस, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP), कंटेनर फ्रेट स्टेशन।

● नई पहल – पर्यटन, IT/ITES, ड्रोन, रक्षा, कृषि-तकनीक, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, उच्च शिक्षा और कौशल विकास।

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024

मुख्य विशेषताएँ

● उद्देश्य – राजस्थान की निवेश क्षमता और आर्थिक संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना।

● प्रतिभागी देश – 32 देश (17 भागीदार देश)।

● प्रतिनिधि – 20,000+ निवेशक, उद्योग विशेषज्ञ, सरकारी अधिकारी।

प्रमुख आयोजन –

● 8 अंतर्राष्ट्रीय, 2 राष्ट्रीय, 8 विभागीय प्री-समिट बैठकें।

● 13 विषयगत सत्र – नवीकरणीय ऊर्जा, उन्नत विनिर्माण, निर्यात संवर्धन आदि।

● 8 अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी सत्र।

प्रमुख आकर्षण

● प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव – प्रवासी राजस्थानी निवेशकों को प्रोत्साहित करना।

● MSME कॉन्क्लेव – लघु और मध्यम उद्यमों के लिए समर्थन एवं संवाद।

● ग्लोबल बिजनेस एक्सपो – 35,000+ आगंतुक, राजस्थान थीम पवेलियन, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की भागीदारी।

परिणाम एवं निवेश घोषणाएँ

● ₹35 लाख करोड़ के निवेश समझौते (MoU) हस्ताक्षरित।

● राजस्थान के औद्योगिक और आर्थिक विकास के नए युग की शुरुआत।

आधारभूत संरचना का विकास

औद्योगिक विकास एवं निवेश

● 36 जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र और 8 उप-केंद्र कार्यरत।

● रीको द्वारा आधुनिक औद्योगिक पार्क्स और जोन्स का विकास।

● 2024-25 में 1,462.87 एकड़ भूमि अधिग्रहण एवं 5 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित।

● औद्योगिक क्षेत्रों पर ₹309.52 करोड़ व्यय और ₹1,120.74 करोड़ की वसूली।

विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) और अधिनियम

● राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम-2016 के तहत् नियोजित औद्योगिक विकास।

● भिवाड़ी एकीकृत टाउनशिप (BIT) को SIR घोषित।

● जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (JPMIA) विकसित किया जा रहा।

● JPMIA में तीन चरणों में विकास कार्य – भूमि अधिग्रहण और निवेश योजनाएँ।

● खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (KBNIR) को विशेष निवेश क्षेत्र घोषित।

औद्योगिक पार्क और स्पेशल ज़ोन्स

● मेड टेक मेडिकल डिवाइस पार्क (बोरानाडा, जोधपुर) – 274 एकड़ भूमि पर।

● इंटीग्रेटेड रिसोर्स रिकवरी पार्क (जयपुर, जमवारामगढ़) – 48.21 हैक्टेयर पर।

● 4 एग्रो फूड पार्क (जोधपुर, कोटा, अलवर, श्रीगंगानगर)।

● स्पोर्ट्स गुड्स और टॉयज जोन (भिवाड़ी) – 56,576 वर्ग मीटर क्षेत्र।

● रत्न एवं आभूषण क्षेत्र (सीतापुरा, जयपुर) – जेम्स बोर्स की स्थापना।

● सोलर पैनल निर्माण पार्क (काकाणी, जोधपुर)।

● हस्तशिल्प एवं फर्नीचर पार्क (बोरानाडा, जोधपुर)।

अन्य आधारभूत सुविधाएँ

● इनलैण्ड कंटेनर डिपो (ICD) – बासनी से सालावास तक विस्तार।

● एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स (मानसरोवर, जयपुर) निर्माणाधीन।

● यूनिटी मॉल परियोजना – जयपुर फिनटेक पार्क में स्थापित।

● औद्योगिक इकाइयों के लिए 6 अग्निशमन केंद्र स्थापित।

कनेक्टिविटी एवं लॉजिस्टिक्स

● दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) – राजस्थान में KBNIR और JPMIA विकसित।

● वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) – 1,504 किमी में से 38% राजस्थान से होकर।

एम.एस.एम.ई. और संबंधित योजनाएँ

एम.एस.एम.ई. (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) की भूमिका

● औद्योगिक उत्पादन, निर्यात, रोजगार और उद्यमिता सृजन में महत्त्वपूर्ण योगदान।

● 17 सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषदों का गठन; दिसंबर, 2024 तक 754 मामलों का निस्तारण।

● प्रत्येक जिला केंद्र में एम.आई.एफ.सी. (MSME निवेशक सुविधा केंद्र) स्थापित।

राजस्थान एम.एस.एम.ई. नीति 2024

● आर्थिक और सामाजिक सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा देने हेतु लागू, 31 मार्च 2029 तक प्रभावी।

मुख्य प्रावधान:

● ₹50 करोड़ तक के ऋण पर ब्याज सब्सिडी।

● एनएसई/बीएसई लिस्टिंग पर ₹15 लाख तक सहायता।

● उन्नत प्रौद्योगिकी खरीद पर 50% (₹5 लाख तक) सहायता।

● राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन के लिए 50% (₹3 लाख तक) सहायता।

● डिजिटलाइजेशन और ई-कॉमर्स प्रोत्साहन पर 75% तक की सब्सिडी।

राजस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (स्थापना और संचालन की सुविधा) अधिनियम-2019

● लागू- 17 जुलाई,  2019

● राज उद्योग मित्र पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण।

● 'आशय की घोषणा' पर 'पावती प्रमाण पत्र' जारी; 5 वर्षों तक निरीक्षणों से छूट।

● दिसंबर, 2024 तक 1,888 प्रमाण पत्र जारी, जिनमें 954 सूक्ष्म, 576 लघु और 358 मध्यम उद्यम।

एकीकृत क्लस्टर विकास योजना (ICDP)

● 8 दिसंबर, 2024 से लागू, 31 मार्च 2029 तक प्रभावी।

● लक्ष्य: 15 क्लस्टर विकसत करना । 

प्रमुख घटक:

● कौशल विकास, डिज़ाइन, विपणन आदि के लिए ₹50 लाख तक की सहायता।

● कच्चे माल के डिपो संचालन हेतु 8% ब्याज सहायता।

● वार्षिक ई-कॉमर्स बिक्री पर ₹50,000 तक प्रोत्साहन।

● MSME क्लस्टर हेतु ₹10 करोड़ तक की सहायता।

लघु विकास केंद्र एवं MSME क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSECDP)

● ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में औद्योगिक बुनियादी ढाँचा विकसित करने हेतु।

● ₹225.54 करोड़ की 36 परियोजनाओं को स्वीकृति, जिनमें से 34 पूर्ण।

● दिसंबर, 2024 तक ₹172.40 करोड़ व्यय।

पीएम विश्वकर्मा योजना

● कारीगरों एवं श्रमिकों के कौशल, आय और वित्तीय सुरक्षा में सुधार हेतु।

● इस योजना में बढ़ईगीरी, लोहार, मिट्टी के बर्तन, सिलाई और अन्य सहित 18 ट्रेड शामिल हैं।

● लाभ: ₹15,000 तक टूलकिट सहायता।

● 5% ब्याज पर ऋण, दो किस्तों में ₹1 लाख (18 माह) और ₹2 लाख (30 माह) तक बिना गारंटी ऋण। 

● डिजिटल लेनदेन पर ₹1 प्रति ट्रांजेक्शन प्रोत्साहन।

● प्रतिदिन ₹500 के स्टाइपेड के साथ 5-7 दिवस का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिवस का उन्नत प्रशिक्षण

● अब तक की प्रगति:

● 20.57 लाख आवेदन प्राप्त, 2.17 लाख सत्यापित।

● 1.42 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षण।

● 23,473 व्यक्तियों को ऋण स्वीकृत।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY)

● "मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना" 13 दिसम्बर, 2019 को अधिसूचित कर 17  दिसम्बर, 2019 से प्रारम्भ कर दी गई है।

● विनिर्माण, सेवा, व्यापार क्षेत्रों में नए उद्यमों को ₹10 करोड़ तक का ऋण।

● ब्याज सब्सिडी:

● ₹25 लाख तक के ऋण पर 8%।

● ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 6%।

● ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 5%।

● अब तक की प्रगति:

● 3,616 उद्यमियों को ₹1,103.51 करोड़ का ऋण।

● ₹172.92 करोड़ का ब्याज अनुदान।

डॉ. भीमराव अंबेडकर दलित-आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना

● अनुसूचित जाति/जनजाति के गैर-कृषि उद्यमों को प्रोत्साहन।

● ब्याज सब्सिडी:

● ₹25 लाख तक के ऋण पर 9%।

● ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7%।

● ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 6%।

● अब तक की प्रगति:

● 503 लाभार्थियों को ₹131.49 करोड़ का ऋण।

● ₹30.32 करोड़ मार्जिन मनी अनुदान।

● ₹6.17 करोड़ ब्याज सब्सिडी।

मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना

● मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना को दिनांक 19 मई, 2023 को अधिसूचित कर दिनांक 01 अप्रैल, 2023 से लागू की गई थी।

● 18-35 वर्ष के युवा उद्यमियों को ₹1 करोड़ तक का ऋण।

● ब्याज अनुदान: ₹25 लाख तक 8%।

● ₹25 लाख - ₹1 करोड़ तक 6%।

अब तक की प्रगति:

● 287 आवेदकों को ₹74.56 करोड़ का ऋण।

● ₹122.75 लाख ब्याज अनुदान।

● ₹427.49 लाख मार्जिन मनी अनुदान।

एम.एस.एम.ई. पंजीकरण और रोजगार सृजन

● 1 जुलाई, 2020 को 'उद्यम पंजीकरण पोर्टल' लॉन्च।

● दिसंबर, 2024 तक:

● 4,07,381 औद्योगिक इकाइयाँ पंजीकृत।

● ₹8,709.65 करोड़ का निवेश।

● 23,08,337 लोगों को रोजगार की संभावना।

वित्तीय सहायता

● राजस्थान में उद्योगों को विभिन्न योजनाओं के तहत् वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

● रीको ने 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) में ₹14.56 करोड़ का ऋण वितरित और ₹67.23 करोड़ की वसूली की।

● भारत सरकार ने भिवाड़ी औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए ₹146 करोड़ की सहायता दी।

● राजस्थान वित्त निगम (RFC) ने 31 मार्च, 2024 तक 84,595 इकाइयों को ₹8,918 करोड़ का ऋण दिया।

● युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना (YUPY) के तहत् 622 इकाइयों को ₹637.76 करोड़ के ऋण वितरित किए गए।

● राजस्थान लघु उद्योग निगम (RSIC) हस्तशिल्प वस्तुओं के विपणन में सहायता करता है।

● 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) में हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री ₹12.62 करोड़ रही।

● `RSIC ने 2024-25 में 55 औद्योगिक इकाइयों को विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति से लाभान्वित किया।

● खादी वस्त्रों पर 2 अक्टूबर, 2024 से 30 जनवरी, 2025 तक 50% छूट दी गई।

● राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद (REPC) ने 90 निर्यातकों को ₹90 लाख का अनुदान दिया।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

● राज निवेश पोर्टल के जरिए ₹10 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है।

● 2024 में ₹6,348.18 करोड़ के निवेश वाले 98 आवेदन स्वीकृत हुए।

● रीको ने जीएसटी और टीडीएस जैसी सेवाओं के लिए मोबाइल एप लॉन्च किया।

● भूखंडों के लिए जीआईएस प्रणाली लागू की गई।

● विवाद समाधान हेतु राज्य और जिला स्तर पर DRM तंत्र स्थापित किया गया, 2024-25 में 114 बैठकें आयोजित हुईं।

● राजस्थान सरकार व्यापार सुधार कार्य योजना (BRAP) 2024 को लागू कर रही है।

निर्यात महत्त्व

● राज्य सरकार ने आर्थिक विकास के लिए निर्यात को प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना है।

● निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जन के साथ-साथ बाजार अवसरों का विस्तार और तकनीकी उन्नति होती है।

● राजस्थान से इंजीनियरिंग वस्तुएं, रत्न एवं आभूषण, धातु, वस्त्र एवं हस्तशिल्प प्रमुख निर्यातक वस्तुएँ हैं, जिनका कुल निर्यात में 65% से अधिक योगदान है।

● वर्ष 2023-24 में राजस्थान से ₹83,704.24 करोड़ का निर्यात हुआ।

राजस्थान निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024

● निर्यात वृद्धि को बढ़ावा देने और लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) को समर्थन देने पर ध्यान केंद्रित।

● नीति के तहत् प्रमुख सहायता:

● माल ढुलाई अनुदान

● विपणन सहायता

● निर्यात दस्तावेजीकरण और प्रमाणन में सहायता

● उत्पाद परीक्षण अनुदान 

● ई-कॉमर्स निर्यात सुविधा

● निर्यात क्रेडिट बीमा

● नीति के प्रमुख लक्ष्य:

● निर्यात-उन्मुख क्लस्टर विकसित करना

● MSME को लक्षित सहायता प्रदान करना

● कौशल विकास और तकनीकी अपनाने को बढ़ावा देना

● अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग बढ़ाना

● सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के माध्यम से निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाना

राजस्थान एक जिला एक उत्पाद (ODOP) नीति 2024

● घोषित 8 दिसंबर, 2024 को, उद्देश्य प्रत्येक जिले को निर्यात केंद्र में परिवर्तित करना।

● बजट 2024-25 के लक्ष्यों को लागू करने हेतु स्थानीय उद्योगों, उत्पाद मूल्य शृंखलाओं और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा।

● वित्तीय सहायता, तकनीकी उन्नयन, गुणवत्ता प्रमाणन, ई-कॉमर्स, अवसंरचना विकास आदि को प्रोत्साहन।

● जिलों के विशिष्ट उत्पादों और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना।

निर्यात अवसंरचना सेवाएँ

● RSIC जयपुर, जोधपुर और भीलवाड़ा में शुष्क बंदरगाह (ICD) और सांगानेर एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स के माध्यम से सेवाएँ प्रदान करता है।

● दिसंबर, 2024 तक कारोबार ₹11.05 करोड़ रहा।

निर्यात संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम

● 2012 में शुरू, निर्यातकों को प्रक्रिया, दस्तावेजीकरण और बाजार जानकारी की ट्रेनिंग प्रदान करता है।

● REPC निर्यात चुनौतियों और प्रशिक्षण के लिए स्थापित।

अन्य पहल

● राजस्थान फाउंडेशन: प्रवासी राजस्थानियों से जुड़ाव और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन।

● भारत में 12 और विदेशों में 12 शहरों में शाखाएँ स्थापित, 14 नई शाखाओं की स्वीकृति।

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024

● विभिन्न देशों और शहरों में निवेश रोड शो और प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन।

● प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव (10 दिसंबर 2024)

● 4,000 प्रवासी राजस्थानियों और विभिन्न संघों की भागीदारी।

● मुख्यमंत्री द्वारा "प्रवासी राजस्थानी दिवस" मनाने, नए विभाग के गठन और "सिंगल पॉइंट कॉन्टैक्ट" केंद्र बनाने की घोषणा।

औद्योगिक और आर्थिक पहल

● औद्योगिक उद्यमिता ज्ञापन (IEM)

● वर्ष 2024-25 (जुलाई 2024 तक) में ₹910 करोड़ निवेश के 9 प्रस्ताव भारत सरकार को प्रस्तुत।

खादी और ग्रामोद्योग (PMEGP योजना)

● 607 नई इकाइयों का लक्ष्य, ₹16.62 करोड़ आवंटित, 6,677 रोजगार सृजित करने का लक्ष्य।

● दिसंबर, 2024 तक 156 इकाइयों को ₹13.31 करोड़ प्राप्त, 2,074 रोजगार सृजन।

साझेदारी फर्म पंजीकरण

● वर्ष 2024-25 (दिसंबर, 2024 तक) में 3,183 फर्म पंजीकृत, ₹9.55 लाख राजस्व संग्रह।

औद्योगिक स्वास्थ्य और सुरक्षा

● 155 कारखानों से 784 वायु प्रदूषण नमूनों का विश्लेषण।

● 3,622 निरीक्षण, 530 नए कारखानों और 113 बॉयलरों का पंजीकरण, 49,306 रोजगार।

● 51 सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम, 1,503 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

अवसरों की खोजः खनन, तेल और गैस विकास

खनन क्षेत्र

● राजस्थान में 81 खनिजों के भंडार, 58 खनिजों का खनन किया जाता है।

● देश में सीसा-जस्ता, सेलेनाइट, वालेस्टोनाइट का एकमात्र उत्पादक, चांदी, कैल्साइट, जिप्सम में अग्रणी।

● 2024-25 में राजस्व लक्ष्य ₹9,500 करोड़, दिसंबर, 2024 तक ₹6,340.85 करोड़ एकत्र।

राजस्थान खनिज नीति 2024

● टिकाऊ और पारदर्शी खनिज विकास को बढ़ावा।

● 2047 तक 1 करोड़ रोजगार और खनिज निष्कर्षण 58 से 70 तक बढ़ाने का लक्ष्य।

● खनन रियायत क्षेत्र को 2047 तक राज्य की कुल भूमि के 2 प्रतिशत तक बढ़ाना।

● अवैध खनन रोकने हेतु जीपीएस, जियो-फेंसिंग, एआई निगरानी।

● 50 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी और राज्य खनन कंपनी की स्थापना।

राजस्थान एम-सैंड नीति 2024

● नदी रेत के विकल्प के रूप में एम-सैंड को बढ़ावा।

प्रोत्साह

● रॉयल्टी में 50% छूट, निवेश छूट 10 वर्षों तक 75% राज्य कर प्रतिपूर्ति।

● 100% बिजली शुल्क छूट (7 वर्ष), स्टाम्प शुल्क में 75% छूट।

● 2028-29 तक सरकारी परियोजनाओं में एम-सैंड उपयोग 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य।

राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण न्यास

● खनिज पूर्वेक्षण और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा।

● दिसंबर, 2024 तक 711 नमूनों का रासायनिक विश्लेषण और 21 ई-नीलामी ब्लॉक तैयार।

राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड (RSMML)

● औद्योगिक खनिजों के खनन और विपणन में प्रमुख।

● दिसंबर, 2024 तक ₹2,125.46 करोड़ का सकल राजस्व और ₹762.63 करोड़ का कर-पूर्व लाभ।

● चार प्रमुख एस.बी.यू. एवं पी.सी- 

1. स्ट्रेटजिक बिजनेस यूनिट एवं प्रोफिट सेन्टर रॉक फॉस्फेट, झामर कोटडा, उदयपुर। 

2. स्ट्रेटजिक बिजनेस यूनिट एवं प्रोफिट सेन्टर जिप्सम, बीकानेर। 

3. स्ट्रेटजिक बिजनेस यूनिट एवं प्रोफिट सेन्टरलाईम स्टोन, जोधपुर। 

4. स्ट्रेटजिक बिजनेस यूनिट एवं प्रोफिट सेन्टर लिग्नाइट, जयपुर।

सघन खनिज सर्वेक्षण एवं पूर्वेक्षण योजना (IPS)

● 2024-25 में 35 परियोजनाओं का भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण।

● 565 वर्ग किमी क्षेत्रीय सर्वेक्षण, 1,731.50 मीटर ड्रिलिंग।

राजस्थान में तेल और प्राकृतिक गैस

राजस्थान का योगदान:

● भारत के कुल कच्चे तेल उत्पादन में राज्य का 14.95% (4.39 एमएमटीपीए) का योगदान।

● प्राकृतिक गैस उत्पादन 3.50-3.70 एमएमएससीएम प्रतिदिन।

मुख्य पेट्रोलीफेरस बेसिन:

● बाड़मेर-सांचौर (बाड़मेर, सांचौर, जालोर)

● जैसलमेर (जैसलमेर)

● बीकानेर-नागौर (बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू)

● विंध्यन (कोटा, बाराँ, बूँदी, झालावाड़, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़)

2024-25 के प्रमुख आँकड़े (दिसंबर, 2024 तक):

● कच्चे तेल का उत्पादन: 26.36 लाख मीट्रिक टन (केयर्न इंडिया, बाड़मेर-सांचौर)

● प्राकृतिक गैस उत्पादन: जैसलमेर व बाड़मेर-सांचौर बेसिन से 935.83 एमएमएससीएम (केयर्न वेदांता, ओएनजीसी, ऑयल इंडिया)

● जैसलमेर के बाघेवाला क्षेत्र से लगभग 1,55,713 बैरल हैवी क्रूड ऑयल का उत्पादन; वर्तमान में भारी तेल का उत्पादन 580 बैरल प्रतिदिन (बी.ओ.पी.डी.)

● राजस्व अर्जित: ₹2,078.21 करोड़

राजस्थान रिफाइनरी परियोजना (एचआरआरएल, पचपदरा):

● क्षमता: 9 एमएमटीपीए, बीएस-VI मानक उत्पादों का उत्पादन।

● लागत: ₹72,937 करोड़ (74% एचपीसीएल, 26% राजस्थान सरकार)।

● कार्य प्रगति: 84% पूर्ण, 24,000 श्रमिक कार्यरत।

● अब तक व्यय: ₹52,332.50 करोड़।

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