सतत एवं हरित विकास
राजस्थान और सतत विकास लक्ष्य (SDG)
राजस्थान का भूगोल और सामाजिक-आर्थिक स्थिति:
● भारत का सबसे बड़ा राज्य (क्षेत्रफल का 10.41%)
● जनसंख्या: राष्ट्रीय जनसंख्या का 5.66%।
● जल संसाधन: देश के कुल जल संसाधनों का मात्र 1.16%
● पशुधन: भारत के कुल पशुधन का 10.6% ।
● थार मरुस्थल: राज्य का 60% से अधिक हिस्सा।
मुख्य चुनौतियाँ:
● जल संकट, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास की आवश्यकता
सतत विकास लक्ष्य (SDG) – वैश्विक परिदृश्य:
● संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में घोषित
● 17 लक्ष्य, 169 टार्गेट्स
● मुख्य क्षेत्र: गरीबी उन्मूलन, असमानता, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, शांति और न्याय
● नीति आयोग की भागीदारी: राज्यों और निजी क्षेत्र को शामिल कर SDG की प्राप्ति में मदद
भारत में SDG की निगरानी:
● सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) → नेशनल इंडिकेटर फ्रेमवर्क (NIF) विकसित।
● 290 संकेतकों के माध्यम से निगरानी।
● स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (SIF) राज्यों के प्रदर्शन को मापने हेतु विकसित।
SDG इंडिया इंडेक्स:
● नीति आयोग द्वारा विकसित
● राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को मापने हेतु 0 से 100 स्कोर
● श्रेणियाँ:
Achiever (100 स्कोर) Front-Runner (65-99 स्कोर)
Performer (50-64 स्कोर) Aspirant (50 से कम स्कोर)
राजस्थान की SDG प्रतिबद्धता और प्रदर्शन:
● समग्र SDG स्कोर: 2020-21 में 60 → 2023-24 में 67
● Performer से Front-Runner की श्रेणी में सुधार
SDG इंडिया इंडेक्स में भारत एवं राजस्थान का लक्ष्यवार तुलनात्मक स्कोर
गोल | 2018 (1.0) | 2019-20 (2.0) | 2020-21 (3.0) | 2023-24 (4.0) | ||||
| भारत | राज. | भारत | राज. | भारत | राज. | भारत | राज. |
1.गरीबी का अंत | 54 | 59 | 50 | 56 | 60 | 63 | 72 | 82 |
2.भुखमरी समाप्त करना | 48 | 45 | 35 | 35 | 47 | 53 | 52 | 64 |
3.आरोग्य एवं कल्याण | 52 | 49 | 61 | 58 | 74 | 70 | 77 | 73 |
4.गुणवत्तापूर्ण शिक्षा | 58 | 73 | 58 | 51 | 57 | 60 | 61 | 63 |
5.लैंगिक समानता | 36 | 37 | 42 | 39 | 48 | 39 | 49 | 52 |
6.शुद्ध जल एवं स्वच्छता | 63 | 43 | 88 | 76 | 83 | 54 | 89 | 60 |
7.किफायती और स्वच्छ ऊर्जा | 51 | 63 | 70 | 61 | 92 | 100 | 96 | 100 |
8.सम्मानजनक कार्य और आर्थिक विकास | 65 | 57 | 64 | 65 | 61 | 57 | 68 | 65 |
9.उद्योग, नवाचार और अवसंरचना | 44 | 62 | 65 | 38 | 55 | 45 | 61 | 53 |
10.असमानताओं में कमी लाना | 71 | 79 | 64 | 70 | 67 | 45 | 65 | 49 |
11.संधारणीय शहर और समुदाय | 39 | 45 | 53 | 61 | 79 | 81 | 83 | 75 |
12.उत्तरदायी उपभोग एवं उत्पादन | - | - | 55 | 30 | 74 | 74 | 78 | 89 |
13.जलवायु कार्रवाई | - | - | 60 | 60 | 54 | 49 | 67 | 62 |
14.भूमि पर जीवन | 90 | 68 | 66 | 75 | 66 | 43 | 75 | 54 |
शांति, न्याय और सुदृढ़ संस्थाएँ | 71 | 81 | 72 | 76 | 74 | 73 | 74 | 70 |
समग्र स्कोर | 57 | 59 | 60 | 57 | 66 | 60 | 71 | 67 |
स्थापना:
राजस्थान SDG इंडेक्स
● राजस्थान में सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्रभावी रूप से लागू करने हेतु आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना भवन में सतत विकास लक्ष्य क्रियान्वयन केंद्र स्थापित किया गया।
● यह स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (SIF) और डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) का विकास एवं अद्यतन करता है।
● राजस्थान सतत विकास लक्ष्य स्टेट्स रिपोर्ट का प्रकाशन करता है।
संस्थागत तंत्र:
● आयोजना विभाग सतत विकास लक्ष्यों के लिए नोडल विभाग है।
● मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति का गठन किया गया।
● जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मॉनिटरिंग समिति बनाई गई।
मॉनिटरिंग एवं प्रकाशन:
● स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (SIF 2.0) में 330 संकेतक शामिल किए गए हैं।
● राजस्थान SDG स्टेट्स रिपोर्ट के 6 संस्करण प्रकाशित किए गए, नवीनतम मार्च 2024 में।
● डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF 2.0) में 226 संकेतक शामिल।
● राजस्थान SDG सूचकांक का 5वाँ संस्करण मार्च, 2024 में जारी, झुंझुनूँ शीर्ष पर (66.44 स्कोर) और जैसलमेर अंतिम स्थान पर (50.63 स्कोर)।
● त्रैमासिक SDG बुलेटिन प्रकाशित किया जा रहा है, पहला लक्ष्य-1 (गरीबी) और दूसरा लक्ष्य-2 (भुखमरी) पर।
बजट एवं वित्तीय प्रबंधन:
● सभी योजनाओं और कार्यक्रमों के बजट प्रावधानों को SDG लक्ष्यों के साथ मैप किया गया।
● IFMS पोर्टल पर ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया गया।
● 2020-21 से राज्य के बजट दस्तावेजों में SDG लक्ष्य-वार बजट आवंटन का विवरण प्रकाशित।
क्षमतावर्धन एवं प्रशिक्षण:
● सरकारी कर्मियों के प्रशिक्षण हेतु कार्यशालाओं का आयोजन।
● शासकीय प्रशिक्षण संस्थानों में SDG पर कम से कम एक सत्र अनिवार्य किया गया।
राजस्थान SDG इंडेक्स:
● SDG पर जिलों के प्रदर्शन को मापने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने हेतु विकसित।
● झुंझुनूँ (66.44 स्कोर) शीर्ष पर, जैसलमेर अंतिम स्थान पर।
● 5वाँ संस्करण (2024) में 14 लक्ष्यों के 95 संकेतक शामिल।
● SDG इंडिया इंडेक्स की पद्धति अपनाई गई।
2020-2024 के दौरान संस्करणवार सुधार:
● 2020: 12 लक्ष्य, 31 संकेतक।
● 2021: 13 लक्ष्य, 55 संकेतक।
● 2022: 14 लक्ष्य, 75 संकेतक।
● 2023: 14 लक्ष्य, 83 संकेतक।
● 2024: 14 लक्ष्य, 95 संकेतक।
मुख्य उपलब्धियाँ:
● SDG-7 (स्वच्छ और किफायती ऊर्जा) – 100 स्कोर
● गरीबी उन्मूलन (SDG-1), उत्तरदायी उपभोग एवं उत्पादन (SDG-12) – सकारात्मक प्रगति
चुनौतियाँ:
● लैंगिक समानता (SDG-5) और असमानता में कमी (SDG-10) पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता
● राज्य स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधाार पर सतत विकास गोल्स के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु 8 सेक्टॉरल वर्किंग ग्रुप्स का गठन किया गया है।
एस.डी.जी. इंडेक्स संस्करण | गोल्स | संकेतक | प्रथम | अंतिम | राज्य समग्र स्कोर |
1.0 (वर्ष 2020) | 12 | 31 | झुंझुनूँ | जैसलमेर | 56.53 |
2.0 (मार्च,2021) | 13 | 55 | कोटा | जैसलमेर | 50.63 |
3.0 (मार्च, 2022) | 14 | 75 | जयपुर | बाराँ | 57.58 |
4.0 (अप्रैल, 2023) | 14 | 83 | सीकर | जैसलमेर | 60.25 |
5.0 (मार्च, 2024) | 14 | 95 | झुंझुनूँ | जैसलमेर | 59.11 |
● राजस्थान एस.डी.जी. इंडेक्स 5.0, 2024 में जिलों का स्कोर –
प्रथम तीन जिले | अन्तिम तीन जिले | ||||
रैंक | जिला | SDI | रैंक | जिला | SDI |
1 | झुंझुनूँ | 66.44 | 33 | जैसलमेर | 50.63 |
2 | नागौर | 63.98 | 32 | बाराँ | 51.42 |
3 | सीकर | 63.59 | 31 | बाड़मेर | 51.63 |
● राजस्थान का औसत स्कोर 59.11 रहा है।
हरित विकास
● हरित विकास (ग्रीन ग्रोथ) आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय संधारणीयता को साथ लेकर चलने वाला दृष्टिकोण है।
● स्वच्छ प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, सतत संसाधन प्रबंधन और पर्यावरणीय क्षरण को न्यूनतम करने पर केंद्रित है।
● प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर दीर्घकालिक समृद्धि को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।
विजन (राजस्थान के लिए)
● समृद्ध वन, खुशहाल वन्य जीवन और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देना।
● पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण, पुनर्स्थापन और संवहनीय उपयोग।
● जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अनुकूल रणनीतियों का विकास।
● 2029-30 तक 125 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
हरित विकास की प्रमुख विशेषताएँ
● `आर्थिक और पर्यावरणीय प्रगति को संतुलित रूप से प्राप्त करना।
● प्राकृतिक संसाधनों का संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करना।
● स्वच्छ वायु, स्वच्छ जल और जैव विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देना।
● प्राकृतिक संसाधनों को सीमित और प्रतिस्थापन योग्य मानकर योजनाएँ बनाना।
हरित विकास के लिए राजस्थान की प्रमुख पहलें
1. नीतियाँ एवं योजनाएँ:
● राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 (अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा)। भारत की वर्ष 2070 तक के शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्रतिबद्धता से संबद्ध किया गया है।
● ई-वेस्ट प्रबंधन नीति-2023 (ई-कचरा प्रबंधन)।
● जलवायु परिवर्तन नीति-2023 (प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण)।
● राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2022 (ई-वाहनों को बढ़ावा, ₹200 करोड़ का प्रोत्साहन कोष)।
2. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन क्षेत्र में पहलें:
● वन क्षेत्र: कुल वन क्षेत्र 33,014 वर्ग कि.मी. (राज्य का 9.64%)।
● वृक्षारोपण अभियान: 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत् 5.62 करोड़ पौधे लगाए गए।
● राजस्थान ग्रीनिंग एवं रीवाइल्डिंग मिशन: हर वर्ष 5 करोड़ पौधों का रोपण (1 करोड़ गोचर, 1 करोड़ शहरी क्षेत्रों में, 3 करोड़ घरों व खेतों में)।
● ईको-टूरिज्म: प्रत्येक जिले में 2 "लव-कुश वाटिकाएँ" विकसित की जाएंगी (₹48.26 करोड़ का बजट)।
● बीस सूत्री कार्यक्रम: 2024-25 में 1.18 लाख हैक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण (147.41% लक्ष्य से अधिक)।
● संयुक्त वन प्रबंधन: 6,508 ग्राम वन प्रबंधन समितियाँ, 14.94 लाख हैक्टेयर वन भूमि का प्रबंधन।
● वनस्पति उद्यान: जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में विकसित किए जा रहे हैं।
3. पर्यावरण निगरानी एवं प्रदूषण नियंत्रण:
● 91 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (45 मैनुअल, 46 स्वचालित)।
● लगभग 600 उद्योग ओ.सी.ई.एम.एस. (सतत उत्सर्जन निगरानी) के तहत्।
● जयपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक हेतु पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय।
अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख पहलें और योजनाएँ –
राजस्थान में अक्षय ऊर्जा का महत्त्व
● राजस्थान की भौगोलिक स्थिति सौर एवं पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल।
● राज्य सरकार की नीतियाँ निवेश आकर्षित करने और अवसंरचना के विकास हेतु।
प्रमुख योजनाएँ और पहलें
1. राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति, 2024
● अक्षय ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने और ऊर्जा भंडारण समाधानों को एकीकृत करने पर जोर।
● 500 गीगावॉट राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा लक्ष्य के अनुरूप।
● राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम (RREC) नोडल एजेंसी के रूप में नामित।
● मानव संसाधन विकास, अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा।
● सौर एवं पवन ऊर्जा के हाइब्रिड संयोजन, ऊर्जा भंडारण प्रणाली (ESS) और ग्रीन हाइड्रोजन को प्रोत्साहन।
● विकेन्द्रीकृत सौर उत्पादन (सोलर रूफटॉप सिस्टम) को समर्थन।
वर्ष 2029-30 के लिए राज्य के अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य | |
अक्षय ऊर्जा के प्रकार | लक्ष्य क्षमता (2029-30) |
1. सौर | 90,000 मेगावॉट |
2. पवन और हाइब्रिड | 25,000 मेगावॉट |
3. हाइड्रो, पंप स्टोरेज प्लांट (पी.एस.पी.), बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली | 10,000 मेगावॉट |
कुल | 1,25,000 मेगावॉट |
2. पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
● 1 करोड़ घरों में सौर संयंत्र लगाने का लक्ष्य।
● राजस्थान में 5 लाख घरों को लाभ देने की योजना।
● अधिकतम ₹78,000 की सब्सिडी उपलब्ध।
3. पी.एम. कुसुम योजना
● किसानों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र और ऑफ-ग्रिड सोलर पंप की स्थापना।
● राजस्थान में 307.75 मेगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित।
● ग्रिड-संबद्ध कृषि फीडरों के लिए 4,444 मेगावॉट क्षमता के संयंत्रों को स्वीकृति।
4. राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड (RSMML) की पहल
● जैसलमेर में 106.30 मेगावॉट पवन ऊर्जा उत्पादन।
● प्रति वर्ष 1300 लाख यूनिट बिजली उत्पादन क्षमता।
5. राजस्थान इलेक्ट्रिक वाहन नीति (REVP), 2022
● इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर।
● ₹50 करोड़ का बजट प्रावधान, चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को लाइसेंस मुक्त किया गया।
6. जल संरक्षण और प्रबंधन
● मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत् जल निकायों के संरक्षण को बढ़ावा।
7. हरित विनिर्माण और ग्रीन बजट
● ग्रीन इंडस्ट्रियल प्रथाओं को बढ़ावा।
● वर्ष 2025-26 के लिए ग्रीन बजट पेश करने का निर्णय।
8. ग्रीन रेटिंग स्कीम
● उद्योगों, होटलों और स्वास्थ्य सेवाओं को पर्यावरणीय प्रदर्शन के आधार पर रेटिंग।
9. ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी विकास
● इलेक्ट्रिक बसें, चार्जिंग स्टेशन और हरित स्थलों का विकास।
10. प्रशासनिक सुधार और डिजिटल सुशासन
● "राज-काज" पोर्टल के माध्यम से पेपरलेस प्रशासन।
● 77 विभागों में 56,500 से अधिक कार्यालयों में 9.8 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं की भागीदारी।
● दिसंबर, 2024 तक 28.8 लाख से अधिक फाइलें इसमें बनाई गई।
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