परिवहन
● किसी व्यक्ति, वस्तु, संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने व ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।
परिवहन के प्रकार :-
1. स्थल परिवहन
2. जल परिवहन
3. वायु परिवहन
1. स्थल परिवहन:-
(i) सड़क परिवहन
(ii) रेल परिवहन
(iii) पाइप परिवहन
2. जल परिवहन:-
(i) अन्तर्देशीय
(ii) महासागरीय
3. वायु परिवहन:-
(i) घरेलू वायु सेवा
(ii) अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवा
राजस्थान में परिवहन :-
I. सड़क परिवहन
II. रेल परिवहन
III. वायु परिवहन
IV. पाइप लाइन परिवहन
I. सड़क परिवहन:-
● भारतीय इतिहास में सड़क निर्माता ‘शेरशाह सूरी’ को कहा जाता है।
● शेरशाह सूरी द्वारा 1504 ई. में चटगाँव/ढाका (बांग्लादेश) से काबुल (अफगानिस्तान)/पेशावर तक 2500 कि.मी. तक सड़क का निर्माण करवाया जिसे ‘ग्राण्ड ट्रंक रोड’ कहा जाता है।
● मौर्य काल में ग्राण्ड ट्रंक रोड को उत्तर पथ कहा जाता था। शेरशाह सूरी के समय ग्राण्ड ट्रंक रोड को ‘शाह रोड ए अमीर/आजम’ कहा जाता था।
● मुगल काल में ग्राण्ड ट्रंक रोड को ‘सड़क-ए-आजम’ कहा जाता था।
● ब्रिटिश काल में इस सड़क को ‘ग्राण्ड ट्रंक रोड’ कहा गया।
● विश्व में आधुनिक सड़क का जनक – जॉन लाउडन मैकएडम (मैकाडम) को कहा जाता है जो स्कॉटलैण्ड के निवासी थे।
● राज्य में वर्ष 1949 में सड़कों की कुल लम्बाई 13,553 किमी. थी।
● राज्य में वर्ष 1949 में सड़क घनत्व 3.96 किमी. (प्रति 100 वर्ग किमी.) था।
● वर्तमान राजस्थान में सड़क घनत्व 88.18 किलोमीटर (प्रति 100 वर्ग किलोमीटर)।
● वर्तमान राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क घनत्व 165.23 किलोमीटर (प्रति 100 वर्ग किलोमीटर)।
● वर्तमान राजस्थान में सड़कों की कुल लम्बाई 3,01,810.86 किलोमीटर (आर्थिक समीक्षा 2023-24) है।
● भारत में सड़कों के आधुनिकीकरण हेतु प्रथम सड़क विकास योजना वर्ष 1943-1963 के मध्य बनी जो ‘नागपुर योजना’ के नाम से जानी जाती है जो 20 वर्षीय सड़क विकास योजना थी।
● वर्ष 1953 में पहली बार नागपुर सम्मेलन के अनुसार सड़कों का वर्गीकरण किया गया था।
● नागपुर सम्मेलन को इंजीनियर सम्मेलन भी कहा जाता है।
सड़कों का वर्गीकरण :-
1. एक्सप्रेस-वे
2. राष्ट्रीय राजमार्ग
3. राज्य राजमार्ग
4. मुख्य जिला सड़कें
5. अन्य जिला सड़कें
6. ग्रामीण सड़कें
वर्तमान वर्गीकरण :-
1. एक्सप्रेस-वे :-
● इनका संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
● इनके रख-रखाव व निर्माण का कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाता है।
● Mile Stone (मील का पत्थर) का प्रतीक चिह्न पीला होता है, जिस पर जगह का नाम और दूरी लिखी होती है।
● देश का पहला एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम-जयपुर एक्सप्रेस-वे हैं।
2. राष्ट्रीय राजमार्ग :-
● दो राज्यों की राजधानी, प्रमुख औद्योगिक, धार्मिक, आर्थिक स्थान को जोड़ते हैं।
● इनका संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
● इनके रख-रखाव व निर्माण का कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाता है।
Mile Stone (मील का पत्थर) का प्रतीक चिह्न पीला होता है, जिस पर जगह का नाम और दूरी लिखी होती है।
3. राज्य राजमार्ग :-
● ये राजमार्ग जिला मुख्यालय व प्रमुख स्थानों को जोड़ते हैं।
● इनका संचालन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
● इनके रख-रखाव व निर्माण का कार्य रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ राजस्थान (RIDCOR) द्वारा किया जाता है।
● Mile Stone (मील का पत्थर) का प्रतीक चिह्न हरा होता है।
4. मुख्य जिला सड़कें :-
● तहसील व जिले को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ती हैं।
● इनका संचालन व रख-रखाव का कार्य जिला परिषद् द्वारा किया जाता है।
● Mile Stone (मील का पत्थर) का प्रतीक चिह्न काला होता है।
5. ग्रामीण सड़कें :-
● ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ती हैं।
● इनका संचालन व रख-रखाव का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है।
● Mile Stone (मील का पत्थर) का प्रतीक चिह्न लाल होता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक परिवर्तन :-
● सम क्रमांक – जो राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर से दक्षिण की ओर जाएगा उसका सम क्रमांक होगा। पूर्व से पश्चिम की ओर क्रमांक नंबर बढ़ता है।
● विषम क्रमांक – जो राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्व से पश्चिम की ओर जाएगा उसका विषम क्रमांक होगा। उत्तर से दक्षिण की ओर क्रमांक नंबर बढ़ता है।
राजस्थान में राजमार्गों की लम्बाई :- 31.03.2023
पुराना संख्या | नवीन संख्या | मार्ग का नाम | मार्ग में आने वाले जिले | लम्बाई |
| एनई 4सी | जयपुर-बांदीकुई | जयपुर-दौसा | 66.92 |
11/15 | 11 | हरियाणा सीमा – चिड़ावा से म्यांझलार वाया फतेहपुर, रतनगढ़, बीकानेर, बाप, फलौदी, पोकरण, जैसलमेर आदि। | झुंझुनूँ, सीकर, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर | 763.60 |
11 | 21 | उत्तर प्रदेश सीमा – भरतपुर से जयपुर वाया दौसा। | भरतपुर, दौसा, जयपुर | 195.16 |
11 अ वि./11 ब | 23 | कौथून से धौलपुर वाया लालसोट, गंगापुर, करौली, बाड़ी | टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, जयपुर | 244.13 |
14/12 | 25 | ब्यावर से बाड़मेर वाया बर, जैतारण, बिलाड़ा, जोधपुर, पचपदरा, बागूंडी, बायतू। | अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर | 354.16 |
| 25 वि. | बाड़मेर – रामसर – मुनाबाव। | बाड़मेर | 127.00 |
76/14 | 27 | मध्य प्रदेश सीमा – बाराँ से स्वरूपगंज – गुजरात सीमा वाया कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, पिण्डवाड़ा | बाराँ, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, बूँदी | 412.41 |
3 | 44 | उत्तर प्रदेश सीमा – धौलपुर – मध्यप्रदेश सीमा | धौलपुर | 27.00 |
8/79/79ए/76 | 48 | हरियाणा सीमा – बहरोड़ से खैरवाड़ा गुजरात सीमा वाया कोटपुतली, जयपुर, किशनगढ़, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर। | अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूँगरपुर। | 709.91 |
11/12/65 | 52 | हरियाणा सीमा – राजगढ़ से अकलेरा मध्यप्रदेश सीमा वाया चूरू, फतेहपुर, सीकर, रींगस, जयपुर, टोंक, देवली, बूँदी, कोटा, झालावाड़। | चूरू, सीकर, जयपुर, टोंक, भीलवाड़ा, बूँदी, कोटा, झालावाड़ | 793.55 |
| 54 | पंजाब सीमा – हनुमानगढ़-केंचिया। | हनुमानगढ़ | 75.00 |
8/79/113 | 56 | चित्तौड़गढ़ से गुजरात सीमा वाया निम्बाहेड़ा, प्रतापगढ़, बाँसवाड़ा, पाड़ी। | चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ बाँसवाड़ा | 245.96 |
8/65/89 | 58 | फतेहपुर से उदयपुर वाया सालासर, लाडनूँ, नागौर, मेड़ता सिटी, अजमेर, ब्यावर, भीम, देवगढ़, गोमती का चौराहा, राजसमंद | चूरू, नागौर, अजमेर, राजमसंद, उदयपुर | 538.47 |
114 | 58 वि. | उदयपुर – कुण्डल – झाड़ोल – गुजरात सीमा | उदयपुर | 108.00 |
14/15/89 | 62 | पंजाब सीमा श्रीगंगानगर से पिण्डवाड़ा वाया सूरतगढ़, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, रोहट, पाली, सिरोही। | श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, पाली, सिरोही, हनुमानगढ़ | 726.58 |
15 | 68 | तनोट – रामगढ़ – जैसलमेर – बाड़मेर – सांचौर – गुजरात सीमा | जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर | 422.27 |
| 70 | मुनाबाव – म्यांझलार – धनाना – घोटारू – तनोट | बाड़मेर, जैसलमेर | 273.87 |
3ए | 123 | धौलपुर – ऊँचा नंगला | धौलपुर, भरतपुर | 63.00 |
114 | 125 | जोधपुर – सैतरवा – डेचू – पोकरण। | जोधपुर, जैसलमेर | 176.33 |
| 125 ए | जोधपुर रिंगरोड | जोधुपर | 104.71 |
11ए/11वि. | 148 | मनोहरपुर – दौसा – लालसोट | जयपुर, दौसा | 96.54 |
| 148ब | NH-48 कोटपुतली से हरियाणा सीमा। | जयपुर | 5.00 |
| 148स | जयपुर रिंग रोड़ (दक्षिण) | जयपुर | 46.40 |
116अ | 148द | भीम-पड़ासोली-गुलाबपुरा-जहाजपुर-हिण्डोली-नैनवा-उणियारा। | राजसमंद, भीलवाड़ा, बूँदी, टोंक | 273.25 |
| 148एन | मध्यप्रदेश सीमा से हरियाणा सीमा वाया लाडपुरा, कापरेन, लाखेरी, कुस्थाला, भाड़ौती, बोरली, दौसा, झिरका, फिरोजपुर। | कोटा, बूँदी, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, भरतपुर, अलवर | 373.63 |
79 | 156 | NH-56 निम्बाहेड़ा से नीमच मध्य प्रदेश सीमा। | चित्तौड़गढ़ | 12.08 |
158 | 158 | लाम्बिया-रास-ब्यावर-मांडल। | राजमसंद, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा | 141.00 |
14 | 162 | बर-सोजत-पाली-पिडवाड़ा-गुजरात सीमा। | पाली, सिरोही | 131.98 |
192अ | 162वि. | पाली-मारवाड़-देसूरी-कुम्भलगढ़-भटेवर। | पाली, राजमसंद, उदयपुर | 233.10 |
| 162अ | NH-162 विस्तार मावली-फतेहनगर-रेलमगरा-खाण्डेल-NH-758 | उदयपुर, राजसमंद | 50.50 |
| 168 | सिरोही-रेवदर-गुजरात सीमा | सिरोही | 72.00 |
| 168अ | सांचौर-धनेरा-गुजरात सीमा। | जालोर | 11.80 |
11स | 248 | चंदवाजी-कुण्डा-जयपुर। | जयपुर | 28.00 |
| 248ए | शाहपुरा-अलवर-रामगढ़-नूह-गुड़गाँव, हरियाणा सीमा। | जयपुर, अलवर | 127.35 |
| 311 | NH-11 सिंघाना-छावसरी-तीतनवार। | झुंझुनूँ | 45.00 |
| 325 | पचपदरा-बालोतरा-सिवाना-जालोर-आहौर-सांडेराव। | बाड़मेर, जालोर, पाली | 157.00 |
79 | 448 | किशनगढ़-अजमेर-नसीराबाद। | अजमेर | 50.00 |
65अ | 458 | लाडनूँ-खाटू-डेगाना-मेड़ता सिटी-लाम्बिया-रायपुर-जस्साखेड़ा। | नागौर, राजसमंद, पाली | 238.76 |
116 | 552 | टोंक-उणियारा-सवाई माधोपुर | टोंक, सवाई माधोपुर | 74.30 |
| 552वि. | सवाई माधोपुर-शिवपुरी मध्यप्रदेश सीमा | सवाई माधोपुर | 42.25 |
| 552जी | NH-52 झालरापाटन-बीन्दा-दावल मध्यप्रदेश सीमा। | झालावाड़ | 29.80 |
| 709वि. | राजगढ़-पिलानी-हरियाणा सीमा | चूरू, झुंझुनूँ | 58.33 |
90 | 752 | बाराँ-कवई-छीपाबड़ौद-अकलेरा। | बाराँ, झालावाड़ | 93.50 |
| 754के | गुजरात सीमा- सांचौर-बालोतरा-नोखा-सांगरिया-पंजाब सीमा। | जालोर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ | 633.20 |
76ब | 758 | राजसमंद-भीलवाड़ा-लाडपुरा | राजसमंद, भीलवाड़ा | 155.00 |
| 911 | गंगानगर-करनपुर-रायसिंहनगर-अनूपगढ़-घड़साना-पूगल-नौखा-बाप। | श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर | 455.50 |
| 911अ | बोरियावाला-पूगल | बीकानेर | 30.81 |
71ब | 919 | रेवाड़ी-सोहाना | अलवर | 5.00 |
| 921 | महुवा-मण्डावर-राजगढ़ | दौसा, अलवर | 49.00 |
| 925 | बाड़मेर-चौहटन-भाखासर-गुजरात सीमा। | बाड़मेर | 136.52 |
| 925अ | गनभर-सत्ता | बाड़मेर, जालोर | 60.45 |
| 927अ | स्वरूपगंज-कोटड़ा-खैरवाड़ा-डूँगरपुर,-बाँसवाड़ा मध्यप्रदेश सीमा। | सिरोही, उदयपुर, बाँसवाड़ा, डूँगरपुर | 313.00 |
| 954 | बनवाला-हनुमानगढ़ | श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ | 63.70 |
| 968 | भादेसर-सरकारी ताला | जैसलमेर | 67.95 |
महायोग | 10789.072 |
विविध तथ्य :-
● चम्बल नदी पर हैंगिंग ब्रिज का उद्घाटन वर्ष 2017 को किया गया था।
● राजस्थान में सर्वप्रथम सरकारी बस सेवा का संचालन टोंक वर्ष 1952 में किया गया।
● राजस्थान में लोक परिवहन बस सेवा का संचालन वर्ष 2015 से शुरू हुआ।
● राज्य में ग्रामीण रोडवेज बस सेवा की शुरुआत 14 दिसंबर, 2012 (उदयपुर-आगरा) को की गई।
● RSRTC (राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम) की स्थापना 1 अक्टूबर, 1964 को की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है।
● परिवहन विभाग का नाम 1 अक्टूबर, 2021 को बदलकर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग कर दिया गया है।
● राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण – मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 89 के अन्तर्गत राज्य अपीलीय अधिकरण का गठन किया गया है।
● राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन 29 जून, 2016 को किया गया था।
● ‘समर्पित सड़क सुरक्षा कोष’ का गठन 3 अप्रैल, 2017 को किया गया है।
● राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जाँच केन्द्र योजना 4 अक्टूबर, 2017 को लागू की गई थी।
● राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण का गठन 27 अप्रैल, 2015 को हुआ है।
सड़क नीतियाँ :-
प्रथम सड़क नीति (1994) :-
● स्वतंत्र सड़क नीति लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
● इस नीति का उद्देश्य निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
सड़क नीति-2002
● सड़क का निर्माण BOT (Build, Operate, Transfer) (PPP Model) प्रक्रिया के आधार पर किया गया।
राज्य सड़क विकास नीति (2013):-
● भविष्य के यातायात दबाव के अनुसार नीति निर्माण।
● आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता तथा उचित प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से सड़कों का निर्माण।
● सड़क के मार्ग अधिकार की सीमा पर वृक्षारोपण।
● सुरक्षित और कुशल सड़क का विकास
राजस्थान राज्य सड़क सुरक्षा नीति (2017) :-
● 7 दिसम्बर, 2016 को जारी की गई।
● यह राज्य की पहली सड़क सुरक्षा नीति है।
● इस नीति का उद्देश्य 2020 तक राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को 50% कम करना है।
अधिनियम :-
1. राज्य सड़क विकास अधिनियम, 28, अप्रैल, 2002
● 2002 की नई सड़क नीति में 1994 की सड़क नीति को संशोधित किया गया।
● सड़क का निर्माण BOT (Build, Operate, Transfer) (PPP Model) प्रक्रिया के आधार पर किया गया।
● इस नीति के अंतर्गत सर्वप्रथम टॉल टैक्स लगना प्रारंभ हुआ था।
2. राजस्थान राज्य राजमार्ग अधिनियम, 2014
● इस अधिनियम को राज्यपाल महोदय से अनुमति 29 अप्रैल, 2015 को मिल गई थी।
3. राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण
● गठन – 27 अप्रैल, 2015
राजस्थान में सड़क विकास कार्यक्रम में लगी प्रमुख संस्थाएँ :-
1. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) (1988) :-
● कार्य : राजमार्ग, एक्सप्रेस – वे का निर्माण व रख – रखाव
NHAI की परियोजना और राजस्थान –
(A) स्वर्णिम चतुर्भुज योजना –
● यह देश के चार महानगरों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) को जोड़ने की योजना है।
● इसकी कुल लंबाई 5846 किमी. है।
● इस योजना के अंतर्गत राजस्थान के अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूँगरपुर जिले शामिल हैं।
● राजस्थान में इस योजना की कुल लंबाई 722 किमी. है।
● स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत दो गलियारे हैं–
(i) उत्तर से दक्षिण का गलियारा :-
- श्रीनगर से कन्याकुमारी तक का राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर से दक्षिण का गलियारा कहलाता है।
- यह राजस्थान के धौलपुर जिले (लंबाई 28 किमी.) से गुजरता है।
(ii) पूर्व से पश्चिम का गलियारा :-
- पोरबंदर (गुजरात) से सिल्चर (असम) तक जाता है।
- यह राजस्थान के सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूँदी, कोटा और बाराँ (कुल लंबाई 528 किमी.) से गुजरता है।
(B) भारतमाला परियोजना:-
● इस परियोजना के अन्तर्गत व्यावसायिक गलियारा के तहत ग्रीनफील्ड परियोजना :-
● सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत राजस्थान से होकर गुजरने वाले निम्नलिखित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे :-
क्र. सं. | परियोजना | राजमार्ग सं. | लाभान्वित जिले |
1. | दिल्ली-वडोदरा राष्ट्रीय गलियारा (8-लेन अभिगम नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे) | 148N | अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूँदी व कोटा |
2. | संगरिया-सांचौर-संथलपुर व्यावसायिक गलियारा (6-लेन अभिगम नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे) पार्ट ऑफ अमृतसर-जामनगर | 754K | हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर व जालोर |
2. सीमा सड़क संगठन – (BRO) :-
● गठन – 7 मई, 1960
3. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) :-
● मुख्यालय (जयपुर)
● सड़क परिवहन अधिनियम, 1950 के अन्तर्गत एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में 1 अक्टूबर, 1964 को स्थापना की गई।
4. राजस्थान राज्य सड़क विकास व निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDC) - जयपुर :-
● राजस्थान राज्य पुल एवं निर्माण निगम लिमिटेड की स्थापना कम्पनी अधिनियम 1956 की धारा 617 के अधीन सार्वजनिक कम्पनी के रूप में 8 फरवरी, 1979 को स्थापना की गई।
● राजस्थान सरकार के आदेश पर राजस्थान राज्य पुल एवं निर्माण लिमिटेड निगम लिमिटेड का नाम बदलकर 19 जनवरी, 2001 को राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड रखा है।
5. राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड –(जयपुर) :-
● राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड का गठन 6 जून, 1974 को किया गया।
6. RIDCOR (रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफराजस्थान) :-
● स्थापना वर्ष 2004
7. राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी :-
● राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी का गठन एक्ट – 2014 के अनुसार हुआ है।
8. ग्रामीण गौरव पथ :-
● शुरुआत – 2014-15
● यह राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना है।
9. प्रधानमंत्री ग्रामोदय सड़क योजना (PMGSY) :-
● शुरुआत – 25 दिसम्बर, 2000
10. मुख्यमंत्री सड़क योजना :-
● शुरुआत – अक्टूबर, 2005
चेतक परियोजना :-
● सामरिक महत्त्व की सीमावर्ती सड़कों का निर्माण करना।
II. राजस्थान में रेल परिवहन :-
● भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण वर्ष 1951 में किया गया।
● राजस्थान में रेलवे की शुरुआत अप्रैल, 1874 में बांदीकुई (दौसा) से आगरा फोर्ट (उत्तर प्रदेश) के मध्य की गई।
● राजस्थान में कुल रेल मार्ग की लंबाई मार्च, 2021 तक 6019 किमी.थी, जो कि मार्च 2022 के अंत तक 6046 किमी. हो गई है।
● राज्य में रेलमार्ग 68,043 किमी. लंबाई के भारतीय रेलमार्ग का 8.89 % है।
रेलवे का वर्गीकरण :-
1. पटरी के मध्य दूरी के आधार पर :–
A. ब्रॉडगेज – दो पटरियों के मध्य दूरी 1.67 मीटर होती है। राजस्थान में लगभग 89.47% रेलमार्ग इसके अंतर्गत आता है।
B. मीटरगेज – दो पटरियों के मध्य दूरी 1 मीटर होती है। राजस्थान में लगभग 9.05% रेलमार्ग इसके अंतर्गत आता है।
C. नैरोगेज – दो पटरियों के मध्य की दूरी 0.62 मीटर होती है। राजस्थान में लगभग 1.47% रेलमार्ग इसके अंतर्गत आता है। राजस्थान का धौलपुर एकमात्र ऐसा जिला है जिसमें नैरोगेज रेलवे लाइन है।
2. प्रशासनिक वर्गीकरण :-
A. रेलवे ज़ोन – राजस्थान में उत्तरी-पश्चिमी रेलवे ज़ोन का मुख्यालय जयपुर में है।
B. रेलवे मण्डल – अजमेर, जयपुर, जोधपुर और बीकानेर ये मण्डल उत्तरी-पश्चिमी रेलवे ज़ोन के अंतर्गत आते हैं, जबकि कोटा मण्डल पश्चिमी-मध्य रेलवे ज़ोन (जबलपुर) के अंतर्गत आता है।
राज्य में रेलमार्गों का संचालन :-
● राजस्थान में रेलमार्गों का संचालन निम्न जोनों द्वारा किया जाता है-
1. उत्तरी-पश्चिमी रेलवे ज़ोन – इसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है। इसके अंतर्गत 4 रेलवे मण्डल आते हैं – जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और अजमेर।
2. पश्चिमी-मध्य रेलवे ज़ोन – इसका मुख्यालय जबलपुर (मध्य प्रदेश) में स्थित है। इसके अंतर्गत 1 रेलवे मण्डल आता है - कोटा
● राजस्थान में कुल 5 रेलवे मण्डल हैं।
रेल परिवहन :-
तथ्य :-
● रेलवे भर्ती मण्डल अजमेर में स्थित है।
● पश्चिमी क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण केंद्र उदयपुर में स्थित है।
● भारतीय रेल एवं अनुसंधान परीक्षण केंद्र पचपदरा (बाड़मेर) में स्थित है।
● रेलवे ट्रैनिंग स्कूल उदयपुर में स्थित है।
● रेलवे ट्रैक केंद्र नावां (नागौर) में स्थित है।
● रेलवे मॉडल कक्ष उदयपुर में स्थित है।
● एशिया का सबसे बड़ा मीटरगेज यार्ड फुलेरा (जयपुर) में स्थित है।
● राजस्थान में प्रथम रेल बस सेवा की मेड़ता रोड से मेड़ता सिटी (नागौर) की शुरुआत अक्टूबर, 1994 को की गई।
● राज्य का प्रथम महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित रेलवे स्टेशन गाँधीनगर (जयपुर) है।
● राज्य का प्रथम सौर ऊर्जा संचालित रेलवे स्टेशन गोरमघाट (राजसमंद) है।
● राज्य का पहला कैशलेस रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन है।
● राज्य का सबसे बड़ा रेलवे एलिवेटर स्टेशन भगत की कोठी रेलवे स्टेशन (जोधपुर) है।
● भवानी मण्डी (झालावाड़) रेलवे स्टेशन की सीमा राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों से लगती है।
जयपुर मेट्रो :-
● जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (राजस्थान सरकार के उपक्रम के रूप में) कम्पनी अधिनियम-1956 के अन्तर्गत पंजीकरण 1 जनवरी, 2010 को किया गया था।
● केन्द्र सरकार के द्वारा राजस्थान सरकार की सहमति के बाद मेट्रो रेल्वेज (कन्सट्रक्शन ऑफ वर्क्स) एक्ट, 1978 और मेट्रो रेल्वेज (ऑपरेशन एण्ड मेंटिनेंस) एक्ट, 2002 को जयपुर शहर में 14 जनवरी, 2011 को लागू किया गया।
● इसके निर्माण कार्य का शिलान्यास 24 फरवरी, 2011 को हुआ।
● जयपुर मेट्रो संचालन का उद्घाटन 3 जून, 2015 को किया गया।
● जयपुर मेट्रो का प्रथम संचालन मानसरोवर से चाँदपोल तक किया गया।
● मानसरोवर में भारत का पहला 3 एलिवेटर सिस्टम स्थापित है।
जयपुर मेट्रो चरण :-
प्रथम चरण (पूर्व-पश्चिम गलियारा) :-
फेज-1 A
● मानसरोवर से चाँदपोल के मध्य 9.6 किमी. की दूरी है।
● इसमें कुल 9 स्टेशन (8 एलिवेटेड, 1 भूमिगत) है।
● शिलान्यास – 24 फरवरी, 2011
● संचालन दिनांक – 3 जून, 2015
● क्रियान्वयन एजेंसी – दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
फेज-1 B
● चाँदपोल से बड़ी चौपड़ के मध्य 2.1 किमी. की दूरी है।
● इसमें कुल दो स्टेशन (भूमिगत) है।
● शिलान्यास – 21 सितम्बर, 2013
● संचालन दिनांक – 23 सितम्बर, 2020
● क्रियान्वयन एजेंसी – जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
फेज-1 C (कार्य प्रगतिरत)
● बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर 2.85 किमी. की दूरी है।
● इस परियोजना में एक स्टेशन रामगंज में भूमिगत और ट्रांसफोर्ट नगर में एलिवेटेड स्टेशन का प्रस्ताव है।
फेज-1 D (कार्य प्रगतिरत)
● मानसरोवर से अजमेर रोड चौराहा के मध्य 1.35 किमी. की दूरी है।
● इस परियोजना में अजमेर रोड पर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है।
द्वितीय चरण (उत्तर-दक्षिण गलियारा) :-
फेज-2 (कार्य प्रगतिरत)
● अम्बावाड़ी से सीतापुरा के मध्य 23.51 किमी. की दूरी है।
● इसमें कुल 21 मेट्रो स्टेशन है।
NTES (National Train Enquiry System) :-
● इसकी शुरुआत फरवरी, 2019 को झुंझुनूँ में की गई।
Bullet Train :-
● यह भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित योजना है, जो दिल्ली से मुंबई तक चलाई जाएगी।
III. वायु – परिवहन :-
● 1 अगस्त, 1953 को वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया।
● राजस्थान में वायु परिवहन की शुरुआत वर्ष, 1929 में की गई।
● महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा जोधपुर में फ्लाईंग क्लब की स्थापना वर्ष 1929 में की गई थी।
● 24 अगस्त, 2007 सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनियाँ एयर इंडिया व भारतीय विमान निगम का विलय – नेशनल एविएशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (NACIL) – कंपनी का ब्रांड नाम एयर इंडिया ही है।
नागरिक हवाई अड्डे :-
1. सांगानेर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा :-
● यह जयपुर में स्थित है।
● यह राज्य का पहला अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा व देश का 14वाँ हवाई अड्डा है।
● इस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की अधिसूचना फरवरी, 2006 में जारी की गई।
● इस हवाई अड्डे से प्रथम अंतर्राष्ट्रीय उड़ान वर्ष, 2002 में जयपुर से दुबई के बीच भरी गई।
● इसके संचालन, प्रबंधन और विकास (OMD) के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से 11 अक्टूबर, 2021 से 50 साल की लीज की अवधि के लिए दिया गया।
2. महाराणा प्रताप हवाई अड्डा :-
● यह डबोक (उदयपुर) में स्थित है।
● यह एक प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
3. जोधपुर हवाई अड्डा :-
● यह जोधपुर जिले में स्थित है।
4. कोटा हवाई अड्डा :-
● यह कोटा जिले में स्थित है।
5. किशनगढ़ हवाई अड्डा :-
● यह किशनगढ़ (अजमेर) में स्थित है।
● इसको ग्रीन फिल्ड हवाई अड्डा भी कहा जाता है।
6. जैसलमेर हवाई अड्डा :-
● यह जैसलमेर जिले में स्थित है।
● यह मूल रूप से सेना का हवाई अड्डा है।
7. बीकानेर हवाई अड्डा :-
● यह बीकानेर जिले में स्थित है।
Note :-
● उड़ान योजना के तहत परिचालित हेलीपोर्टो/वॉटरएयरोड्रामो– बीकानेर, जैसलमेर व किशनगढ़ हवाई अड्डा है।
सैन्य हवाई अड्डे :-
● राजस्थान में सैन्य हवाई अड्डे हैं, जो निम्न हैं –
1. सूरतगढ़ सैन्य हवाई अड्डा – यह सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) में स्थित है।
2. नाल हवाई अड्डा – यह बीकानेर जिले में स्थित है। यह एशिया का सबसे अच्छा भूमिगत हवाई अड्डा है।
3. जैसलमेर हवाई अड्डा – यह जैसलमेर जिले में स्थित है।
4. उत्तरलाई हवाई अड्डा – यह बाड़मेर में जिले में स्थित है।
5. जोधपुर हवाई अड्डा – यह जोधपुर जिले में स्थित है।
6. फलोदी हवाई अड्डा – यह फलोदी (जोधपुर) में स्थित है।
हवाई पट्टियाँ :-
● निम्न हवाई पट्टियाँ निजी क्षेत्र में है, अन्य सभी हवाई पट्टियाँ सरकारी क्षेत्र में है–
निजी पट्टियाँ –
1. बाराँ – इसका संचालन अडानी ग्रुप द्वारा किया जाता है।
2. कांकरोली (राजसमंद) – इसका संचालन जे.के. ग्रुप द्वारा किया जाता है।
3. पिलानी (झुंझुनूँ) – इसका संचालन बिरला ग्रुप द्वारा किया जाता है।
4. निवाई (टोंक) – इसका संचालन वनस्थली विद्यापीठ द्वारा किया जाता है।
ग्रीन फिल्ड हवाई अड्डा (प्रस्तावित) :-
● नीमराणा एयरपोर्ट – अब इसे कोटकासिम (अलवर) में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह एक एयरोट्रोलिस एयरपोर्ट होगा।
IV. पाइप-लाइन परिवहन :-
1. जामनगर (गुजरात) से लोनी (उत्तर प्रदेश) तक :-
● यह एक GAIL (Gas Authority of India Limited) कंपनी की पाइप-लाइन है।
● इस पाइप-लाइन के द्वारा रसोई गैस का परिवहन किया जाता है।
● इस पाइप-लाइन द्वारा जयपुर व अजमेर में रसोई गैस की आपूर्ति की जाती है।
2. हजीरा (गुजरात), बीजापुर (मध्यप्रदेश), जगदीशपुर (उत्तर प्रदेश) पाइप-लाइन :-
● यह एक GAIL (Gas Authority of India Limited) कंपनी की पाइप-लाइन है।
● इस पाइप-लाइन के द्वारा प्राकृतिक गैस का परिवहन किया जाता है।
● राजस्थान में आपूर्ति –
i. अंता (बाराँ) में गैस विद्युत ग्रह
ii. कोटा में चंबल फर्टीलाइजर
iii. कोटा में सेमकोर ग्लास वर्क्स
● वर्तमान में इसका विस्तार कोटा, भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ तक है।
3. पाइप-लाइन परिवहन (कोटा) :-
● घरेलू गैस कनेक्शन पायलट परियोजना के तहत संचालित है।
V. जल-परिवहन :-
● राजस्थान में कोई भी समुद्र तट न होने की वजह से राजस्थान का जल परिवहन शून्य है।
● राजस्थान का निकटतम बंदरगाह – दीनदयाल बंदरगाह (काण्डला) गुजरात में स्थित है।
● प्रस्तावित बंदरगाह – बाड़मेर जालोर जिले को गुजरात के समुद्री रास्ते से जोड़ने की योजना है। प्रदेश का यह पहला सूखा बंदरगाह होगा।
● जल सुरंग :
1. मानसी वाकल – राजस्थान सरकार व हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की संयुक्त योजना है। जिसमें 70% जल का उदयपुर 30% जल का उपयोग हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड करेगा।
2. सेई राजस्थान की पहली जल सुंरग – उदयपुर से पाली।
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