मानव संसाधन विकास एवं सबके लिए स्वास्थ्य
राजस्थान में शिक्षा और युवा जनसांख्यिकी
युवा जनसांख्यिकी और शिक्षा
● राज्य की 27.8% आबादी युवा है, जिसे सही रणनीतियों से आर्थिक परिसंपत्ति में बदला जा सकता है।
● शिक्षा बच्चों के बौद्धिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास की नींव रखती है।
स्कूली शिक्षा का विस्तार
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय:
● राजकीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय: 45,531
● राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय: 19,739
● कुल नामांकन: 76.76 लाख
प्रारंभिक शिक्षा पहलें:
● योजनाएँ: एक भारत श्रेष्ठ भारत, परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024, निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति।
● लक्ष्य: शैक्षिक समानता और छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना।
माध्यमिक शिक्षा पहलें:
● उन्नयन: उच्च प्राथमिक विद्यालयों का क्रमोन्नयन, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना।
● सुविधाएं: निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, निःशुल्क साइकिल वितरण, प्रौद्योगिकी सहायता।
● व्यावसायिक शिक्षा: 1,368 उच्च माध्यमिक विद्यालय विशेष रूप से बालिकाओं के लिए।
शिक्षा में सरकारी योजनाएँ
1. प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना:
● अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए कक्षा 6-12 तक।
● प्रति छात्र अधिकतम ₹50,000 तक की सहायता।
● वर्ष 2024-25 में ₹1,023.17 लाख व्यय।
2. निःशुल्क पाठ्यपुस्तक योजना:
● कक्षा 1-12 तक के विद्यार्थियों के लिए।
● 2024-25 में 4.03 करोड़ पाठ्यपुस्तकें वितरित।
3. महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम):
● 3,737 विद्यालय संचालित, कुल नामांकन 4,95,044।
4. गार्गी पुरस्कार योजना:
● माध्यमिक परीक्षा में 75% से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को ₹3,000 व प्रमाणपत्र।
● 2024-25 में 1,87,612 छात्राओं को पुरस्कार।
5. बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार:
● उच्च माध्यमिक परीक्षा में 75% से अधिक अंक लाने पर ₹5,000 व प्रमाणपत्र।
● 2024-25 में 1,52,316 छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा।
6. डिजिटल शिक्षा प्रोत्साहन:
● 75% से अधिक अंक लाने वाले मेधावी छात्रों को निःशुल्क टैबलेट व इंटरनेट कनेक्शन (3 वर्ष)।
● 2024-25 में 33,000 टैबलेट्स स्वीकृत, 23,100 वितरित।
शिक्षा में प्रवृत्तियाँ और चुनौतियाँ
छात्र-शिक्षक अनुपात:
● प्राथमिक: 14:1, माध्यमिक: 22:1 (राष्ट्रीय औसत 30:1 से बेहतर)।
● सकल नामांकन अनुपात (GER):
● प्राथमिक स्तर में 7.7% की कमी, उच्च माध्यमिक में 4.6% की कमी।
राजस्थान में सकल नामांकन अनुपात
वर्ष | प्राथमिक (1-5) | उच्च प्राथमिक (6-8) | प्राथमिक (1-8) | माध्यमिक (9-10) | उच्च माध्यमिक (11-12) |
2022-23 | 102.8 | 93.7 | 99.4 | 80.1 | 66.6 |
2023-24 | 95.1 | 90.9 | 93.6 | 80.2 | 62.0 |
स्त्रोत: रिपोर्ट ऑन यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इंर्फोमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस यूडीआईएसई+ 2022-23 एवं 2023-2024, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार।
राजस्थान में छात्र-शिक्षक अनुपात
वर्ष | प्राथमिक (1-5) | उच्च प्राथमिक (6-8) | माध्यमिक (9-10) | उच्च माध्यमिक (11-12) |
2022-23 | 24 | 13 | 11 | 17 |
2023-24 | 20 | 12 | 11 | 15 |
स्त्रोत: रिपोर्ट ऑन यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इंर्फोमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस यूडीआईएसई+ 2022-23 एवं 2023-2024, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार।
प्रवेश दर:
● माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में 78.1 (2022-23) से बढ़कर 82.6 (2023-24)।
● प्राथमिक से उच्च प्राथमिक में 93.0 (2022-23) से घटकर 90.7 (2023-24)।
ठहराव दर (Retention Rate):
● प्राथमिक स्तर (कक्षा 1-8) में 67.9% से बढ़कर 75.3%
● उच्च माध्यमिक स्तर पर ठहराव दर 48.9% (सुधार की आवश्यकता)।
ड्रॉपआउट दर:
● प्राथमिक स्तर पर 4.4% से बढ़कर 7.6%
● उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.7% से बढ़कर 6.8%
● माध्यमिक स्तर पर 11.9% से घटकर 11.1%
समग्र शिक्षा: समग्र विकास की दिशा
1. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई)
● 62,020 आँगनबाड़ी केन्द्रों में 3-6 वर्ष के 16.18 लाख बच्चे पूर्व-विद्यालय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
● 42,052 आँगनबाड़ी केन्द्रों को राजकीय विद्यालयों के साथ समन्वित किया गया।
● इनमें से 22,746 आँगनबाड़ी केन्द्र विद्यालय परिसर में स्थित हैं, जबकि 19,306 विद्यालय परिसर की 700 मीटर की परिधि में कार्यरत हैं।
2. निपुण भारत मिशन (बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान)
● वर्ष 2026-27 तक कक्षा 2 के अंत तक पठन, लेखन एवं गणितीय दक्षता प्राप्त करने का लक्ष्य।
● वर्ष 2024-25 में 41.66 लाख विद्यार्थियों को लाभ, ₹5,600.88 लाख का व्यय।
● 1,36,261 शिक्षकों को ब्लॉक स्तर पर 3 दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण।
3. पहुँच एवं ठहराव
● स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल: 134 ब्लॉकों में 134 स्कूल, 64,465 विद्यार्थी नामांकित।
● मेवात बालिका आवासीय विद्यालय: 10 विद्यालयों में 722 बालिकाएँ नामांकित।
● आवासीय/गैर-आवासीय प्रशिक्षण शिविर: 237 शिविर, ₹5.41 लाख व्यय।
● सीजनल छात्रावास: 100 विद्यार्थियों के लिए ₹5 लाख व्यय।
● परिवहन वाउचर योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में 9-10वीं की छात्राओं के लिए ₹1,007.10 लाख हस्तांतरित।
4. शिक्षा में आधारभूत ढाँचे का विकास
● प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षा: भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, शौचालय, पेयजल सुविधा के लिए ₹80.24 करोड़ व्यय।
● ज्ञान संकल्प पोर्टल: सीएसआर एवं दानदाताओं के सहयोग से ₹41.60 करोड़ स्वीकृत।
5. गुणवत्ता एवं नवाचार हस्तक्षेप
● जादुई पिटारा: 3-8 वर्ष के बच्चों के लिए खेल-आधारित शिक्षण सामग्री।
● कला उत्सव: 6 श्रेणियों में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता, ₹9.29 लाख व्यय।
● पीएम श्री योजना: 639 विद्यालयों का चयन, ₹366.75 करोड़ का बजट।
6. लैंगिक समानता और बालिका शिक्षा
● केजीबीवी: 342 विद्यालय, 43,543 बालिकाएँ नामांकित, ₹9,047.39 लाख आवंटित।
● किशोरी बालिका सशक्तीकरण कार्यक्रम: 10,259 पीईईओ स्तर पर किशोरी शैक्षिक उत्सव।
● मीना-राजू मंच (कक्षा 6-8) एवं गार्गी मंच (कक्षा 9-12): क्रमशः 18,550 एवं 17,418 विद्यालयों में गठित।
7. समावेशी शिक्षा
● विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) को मुख्यधारा में शामिल करने हेतु समावेशी शिक्षा कार्यक्रम।
● वर्ष 2024-25 में ₹2,905.92 लाख का बजट आवंटन, दिसंबर, 2024 तक ₹938.61 लाख व्यय।
● जयपुर एवं उदयपुर में राज्य मॉडल संसाधन कक्ष स्थापित, जहाँ मुफ्त चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाएँ दी जा रही हैं।
8. शिक्षकों का क्षमता निर्माण
● STARS परियोजना (2020-21 से): शिक्षकों की क्षमता निर्माण एवं विद्यालय प्रशासन सुधार के लिए।
● हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं केरल में कार्यान्वित।
● केन्द्र-राज्य वित्तीय साझेदारी अनुपात 60:40, विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहयोग।
● वर्ष 2024-25 में ₹675.08 करोड़ आवंटित, दिसंबर, 2024 तक ₹121.06 करोड़ व्यय।
9. व्यावसायिक शिक्षा
● राजस्थान में 16 क्षेत्रों में कुल 4,155 व्यावसायिक विद्यालय कार्यरत।
● 1,169 दोहरे क्षेत्रीय विद्यालय, 2,528 एकल क्षेत्रीय विद्यालय, 244 स्पोक विद्यालय, 207 स्टार प्रोजेक्ट विद्यालय।
● कुल नामांकन 3.25 लाख छात्र।
● वर्ष 2024-25 में ₹38,373.26 लाख का बजट आवंटित, दिसंबर, 2024 तक ₹8,836.50 लाख व्यय।
10. आईसीटी और डिजिटल पहल
● शाला दर्पण पोर्टल: स्कूल शिक्षा का ऑनलाइन डेटाबेस प्रबंधन।
● सरकारी योजनाओं (निःशुल्क साइकिल, पाठ्यपुस्तकें, छात्रवृत्ति, आदि) की ऑनलाइन मॉनिटरिंग।
11. सामुदायिक गतिशीलता
● स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) / स्कूल विकास एवं प्रबंधन समिति (SDMC):
● प्रत्येक विद्यालय में 5 अभिभावक + 1 जनप्रतिनिधि।
● दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम।
● वित्तीय वर्ष 2024-25: ₹2,082.03 लाख आवंटित, 69,401 विद्यालयों में लागू।
आजीविका शिक्षा को सशक्त बनाना
1. साक्षरता एवं सतत् शिक्षा को बढ़ावा
● 15+ आयु वर्ग के निरक्षरों को साक्षरता एवं कौशल विकास से जोड़ा जा रहा है।
● नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत 15.25 लाख शिक्षार्थियों एवं 0.89 लाख शिक्षकों का सर्वेक्षण।
● 2024-25 में ₹1,718.62 लाख का बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹219.96 लाख व्यय।
● यू-ट्यूब चैनल (ई-साक्षरता व साक्षर राजस्थान) से ई-क्लासेज़ की सुविधा।
● महात्मा गाँधी पुस्तकालयों की संख्या 8,870 से बढ़ाकर 14,970 की गई।
2. महिला वयस्क साक्षरता कार्यक्रम
● महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा व आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा।
● महिला शिक्षण विहार आवासीय विद्यालय (झालावाड़) में 100 महिलाओं का नामांकन।
● 2024-25 में ₹53.04 लाख का बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹30.31 लाख व्यय।
3. उच्च शिक्षा को सशक्त बनाना
● महाविद्यालयों की संख्या: 7 (आजादी के समय) से 3,210 वर्तमान में हो गई है।
● 2024-25 में ₹1,66,843.61 लाख का बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹65,306.20 लाख व्यय।
नई पहलें:
● 33 नए राजकीय महाविद्यालय, 4 नए राजकीय कृषि महाविद्यालय।
● 12 स्नातक महाविद्यालय स्नातकोत्तर में अपग्रेड।
● 43 नए स्नातक विषय, 33 नए स्नातकोत्तर विषय।
4. जनजातीय वंचित समूहों को आर्थिक सहायता
● जनजाति छात्राओं के लिए ₹2,000 लाख बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹646.07 लाख व्यय।
● सहरिया छात्र-छात्राओं के लिए बी.एड. व उच्च शिक्षा हेतु सहायता।
5. उच्च शिक्षा में समावेश को बढ़ावा
● मुख्यमंत्री बी.एड. संबल योजना: विधवा/परित्यक्ता महिलाओं के लिए।
● 2024-25 में ₹48 लाख बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹14.30 लाख व्यय।
● दूरस्थ शिक्षा योजना: दूरदराज की लड़कियों के लिए।
● ₹993.15 लाख बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹268.73 लाख खर्च, 10,144 लाभार्थी।
मुख्यमंत्री हमारी बेटियाँ योजना:
● ₹346.50 लाख बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹120.56 लाख खर्च, 207 लाभार्थी।
कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना:
● ₹31,469.35 लाख बजट।
देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना:
● ₹5,000 लाख बजट।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना:
● ₹5,095 लाख बजट, दिसंबर, 2024 तक ₹1,741.16 लाख खर्च, 27,740 छात्र लाभान्वित।
कुशल एवं नवोन्मेषी कार्यबल तैयार करने के लिए राजस्थान में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने
तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता
● विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ तकनीकी शिक्षा की मांग बढ़ी।
● विशिष्ट व्यापार, हस्तकला और व्यावसायिक ज्ञान प्रदान कर कुशल कार्यबल तैयार करना।
● समाज के सभी वर्गों को उच्च गुणवत्ता एवं अत्याधुनिक तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराना।
इंजीनियरिंग और प्रबंधन शिक्षा
● इंजीनियरिंग कॉलेज: 74 महाविद्यालय (20 राजकीय, 54 निजी), 27,967 वार्षिक प्रवेश क्षमता।
● प्रबंधन संस्थान: 48 संस्थान (06 राजकीय, 42 निजी), 4,095 वार्षिक प्रवेश क्षमता।
● प्रमुख विश्वविद्यालय: राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, आईआईटी जोधपुर, आईआईएम उदयपुर आदि।
पॉलिटेक्निक शिक्षा
● 116 पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, 22,238 छात्रों की प्रवेश क्षमता।
● 39 सहशिक्षा पॉलिटेक्निक (6,397 सीटें), 01 केंद्रीय पॉलिटेक्निक (60 सीटें)।
● 8 महिला पॉलिटेक्निक (1,108 सीटें) – जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर आदि।
● 2024-25 में ₹9,924.52 लाख बजट आवंटन, दिसंबर, 2024 तक ₹4,286.63 लाख व्यय।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) एवं कौशल विकास
● 307 राजकीय ITI, 61,488 सीटें, वर्तमान में 31,155 छात्रों का नामांकन।
● 1,393 निजी ITI, 2,55,386 सीटें, वर्तमान में 71,877 छात्रों का नामांकन।
● 11 महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान – जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा आदि में।
● दस्तकार प्रशिक्षण योजना (CTS) के तहत 45 अभियांत्रिकी व 39 गैर-अभियांत्रिकी व्यवसायों में प्रशिक्षण।
● 2024-25 में ₹40,678.17 लाख बजट आवंटन, दिसंबर, 2024 तक ₹19,201.96 लाख व्यय।
तकनीकी शिक्षा का महत्त्व
● राजस्थान के औद्योगिक विकास, नवाचार और रोजगार बढ़ाने में योगदान।
● अक्षय ऊर्जा, कृषि, डिजिटल परिवर्तन आदि में तकनीकी दक्षता विकसित करना।
● कुशल कार्यबल के माध्यम से राज्य की प्रतिस्पर्धात्मकता और आर्थिक विकास को गति देना।
राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने
चिकित्सा शिक्षा की आवश्यकता
● स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में सुधार और पेशेवरों की कमी को दूर करना।
● ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देना और रोजगार सृजित करना।
● सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर एक स्वस्थ राज्य का निर्माण करना।
मेडिकल कॉलेजों की संख्या और प्रवेश क्षमता
● 43 मेडिकल कॉलेज (6 राजकीय, 12 निजी, 22 राजमेस, 1 ई.एस.आई., 1 आर.यू.एच.एस., 1 एम्स जोधपुर)।
● स्नातक (यूजी) – 6,505 नामांकन (2024-25)।
● स्नातकोत्तर (पीजी) – 2,948 नामांकन (2023-24), सुपर स्पेशियलिटी – 309।
नए मेडिकल कॉलेज और विस्तार
● 15 नए मेडिकल कॉलेज (अलवर, बाँसवाड़ा, बूँदी, जैसलमेर, नागौर आदि) 2019-20 में स्वीकृत।
● प्रति कॉलेज ₹325 करोड़ बजट (60% केंद्र, 40% राज्य)।
● 2024-25 में 5 नए कॉलेज (बाराँ, झुंझुनूँ, नागौर, बाँसवाड़ा, सवाई माधोपुर)।
● 30 राजकीय मेडिकल कॉलेजों की वार्षिक प्रवेश क्षमता
● स्नातक (एमबीबीएस) – 4,330 सीटें।
● स्नातकोत्तर – 1,897 सीटें।
● सुपर स्पेशियलिटी – 202 सीटें।
दंत चिकित्सा शिक्षा
● 15 दंत चिकित्सा कॉलेज (1 राजकीय, 14 निजी)।
● राजकीय कॉलेज में 50 स्नातक और 22 स्नातकोत्तर सीटें।
● निजी कॉलेजों में 1,300 स्नातक और 328 स्नातकोत्तर सीटें।
बजट और व्यय
● 2024-25 में चिकित्सा शिक्षा के लिए ₹24,106.79 लाख आवंटन।
● दिसंबर, 2024 तक ₹15,399.57 लाख व्यय।
● राजमेस के तहत ₹2,46,651.97 लाख आवंटन, ₹1,55,255.93 लाख व्यय।
चिकित्सा शिक्षा एवं जनस्वास्थ्य में योगदान
● 27 राजकीय जिला चिकित्सालयों में 385 सीटों की पोस्ट एमबीबीएस डिप्लोमा।
● जयपुर, जोधपुर, उदयपुर मेडिकल कॉलेज में 25 सीटों का मास्टर्स इन पब्लिक हेल्थ (MPH) कोर्स।
● मेडिकल कॉलेज अस्पतालों द्वारा राजस्थान और अन्य राज्यों के मरीजों की सेवा।
राजस्थान में संस्कृत शिक्षा का पुनरुद्धार
संस्कृत भाषा का महत्त्व
● विश्व की प्राचीनतम भाषा, वैज्ञानिक संरचना और भारतीय संस्कृति का पोषण।
● राजस्थान संस्कृत शिक्षा के लिए अग्रणी राज्य।
संस्थान एवं प्रवेश क्षमता
● 2,368 संस्कृत शिक्षा संस्थान (1,862 राजकीय, 506 निजी)।
● 1.60 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत।
● राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय (1998 में स्थापित)।
संस्कृत शिक्षा के लिए बजट एवं व्यय
● 2024-25 में ₹22,006.86 लाख आवंटन, दिसंबर, 2024 तक ₹16,190.52 लाख व्यय।
● संस्कृत शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (SSIERT) जयपुर संचालित।
● 2024-25 में SSIERT के लिए ₹93.55 लाख आवंटन, ₹74.26 लाख व्यय।
संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के कार्य
● कक्षा 1-12 के लिए पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक निर्माण।
● सेवारत शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण में सक्षम बनाना।
● शिक्षकों को शोध कार्य के लिए प्रेरित करना।
राज्य में भाषा एवं पुस्तकालय शिक्षा को बढ़ावा देना
भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की स्थापना
● हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और सार्वजनिक पुस्तकालयों के प्रबंधन के लिए।
● 323 पुस्तकालय (1 राज्य केन्द्रीय, 7 संभाग स्तरीय, 33 जिला स्तरीय, 6 पंचायत समिति स्तरीय, 276 माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत)।
● नवगठित जिलों एवं पंचायत समितियों में नए पुस्तकालय स्थापित करने की योजना।
बजट और व्यय
● 2024-25 में ₹564.46 लाख आवंटन, दिसंबर, 2024 तक ₹269.52 लाख व्यय।
पुस्तकालयों की सुविधाएं और प्रयास
● पाठकों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन।
● विशेष कॉर्नर – वरिष्ठ नागरिक, महिला, बच्चों, महात्मा गाँधी, नेत्रहीनों के लिए दृष्टि बाधित सुविधा।
● 22,99,238 पुस्तकें उपलब्ध, 15,377 सदस्य पंजीकृत (2024-25)।
● RFID प्रणाली का प्रयोग – जयपुर के महाराजा संभागीय सार्वजनिक पुस्तकालय में लागू।
राजस्थान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना
वैज्ञानिक जागरूकता और एसटीईएम शिक्षा
● छात्रों और आमजन के लिए प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं, सेमिनारों का आयोजन।
● विज्ञान क्लबों को सहायता, विज्ञान केंद्रों और संग्रहालयों की स्थापना।
नवाचार एवं स्टार्ट-अप्स को समर्थन
● 20 जून 2024 – राजस्थान इनोवेशन काउंसिल और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के बीच समझौता।
● 22 अक्टूबर 2024 – पेटेंट फाइलिंग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने हेतु समझौता।
● 12 नवंबर 2024 – राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में स्टार्ट-अप प्री-समिट का आयोजन।
● IIT जोधपुर और परिपत्रम सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ निवेश समझौते।
बजट और व्यय
● 2024-25 में ₹1,529.56 लाख आवंटन, दिसंबर, 2024 तक ₹873.82 लाख व्यय।
सुदूर संवेदन एवं अनुसंधान
● राज्य सुदूर संवेदन अनुप्रयोग केंद्र, जोधपुर – प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन और मानचित्रण।
● अनुसंधान एवं विकास प्रभाग – अनुसंधान परियोजनाओं, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों के लिए वित्तीय सहायता।
● कोटा, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर में नए विज्ञान केंद्रों की स्थापना प्रगति पर।
राजस्थान के स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण -
● स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: गरीब एवं कमजोर वर्गों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए सरकार नीतिगत सुधार कर रही है।
● उन्नत तकनीकों का उपयोग: टेलीमेडिसिन, इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स, एआई आधारित निदान को लागू किया जा रहा है।
डिजिटल स्वास्थ्य मिशन:
● आभा आईडी (ABHA) के माध्यम से डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स को संगृहीत किया जा रहा है।
● दिसंबर, 2024 तक 6.20 करोड़ आभा आईडी बनाई गई और 88.67 लाख स्वास्थ्य रिकॉर्ड जोड़े गए।
● स्वास्थ्य सेवा का अधिकार अधिनियम, 2023: स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की पहल।
स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार:
● नवजात मृत्यु दर (NNMR) – 29.8 (2015-16) से घटकर 20.2 (2020-21) हो गई।
● शिशु मृत्यु दर (IMR) – 41.3 से घटकर 30.3 हो गई।
● पाँच वर्ष से कम उम्र की मृत्यु दर (U5MR) – 50.7 से घटकर 37.6 हो गई।
● संस्थागत जन्म – 84% से बढ़कर 94.9% हो गया।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य:
● गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का प्रतिशत 46.3% से घटकर 46.6% हुआ।
● कुल प्रजनन दर (TFR) 2.4 से घटकर 2.0 हुई, जो जनसंख्या स्थिरीकरण की ओर संकेत करता है।
कुपोषण में सुधार:
● बौनापन 39.1% से घटकर 31.8% हुआ।
● दुबलापन 23% से घटकर 16.8% हुआ।
● कम वजन 36.7% से घटकर 27.6% हुआ।
मातृ मृत्यु दर (MMR):
● 2017-19 में 141 से घटकर 2018-20 में 113 हुई।
● अभी भी राष्ट्रीय औसत (97) से अधिक, जिसे और सुधारने की जरूरत है।
राजस्थान और भारत सरकार के लिए स्वास्थ्य संकेतकों की प्रवृत्ति
संकेतक | राजस्थान | भारत | ||
एनएफएच एस-4 (2015-16) | एनएफएच एस-5 (2020-21) | एनएफएच एस-4 (2015-16) | एनएफएच एस-5 (2020-21) | |
1. नवजात मृत्यु दर (एनएनएमआर) (प्रति 1000 जीवित जन्म) | 29.8
| 20.2 | 29.5 | 24.9 |
2. शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) (प्रति 1000 जीवित जन्म)
| 41.3 | 30.3
| 40.7 | 35.2 |
3. पाँच वर्ष से कम उम्र की मृत्यु दर (यूऽएमआर) (प्रति 1000 जीवित जन्म) | 50.7
| 37.6 | 49.7 | 41.9 |
4. संस्थागत जन्म (प्रतिशत)
| 84.0 | 94.9 | 78.9 | 88.6 |
5. पूर्ण टीकाकरण (प्रतिशत) | 54.8 | 80.4 | 62.0 | 76.4 |
6. गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता (आयु समूह 15-49 वर्ष) | 46.6 | 46.3 | 50.4 | 52.2 |
7. कुल प्रजनन दर (टीएफआर) (प्रति महिला बच्चों की संख्या) | 2.4 | 2.0
| 2.2 | 2.0 |
8. पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो कद में कम हैं (प्रतिशत) | 39.1 | 31.8 | 38.4 | 35.5 |
9.पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो दुबले हैं (प्रतिशत) | 23.0 | 16.8 | 21.0 | 19.3 |
10. पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो वजन में कम हैं (प्रतिशत) | 36.7 | 27.6 | 35.8 | 32.1 |
*12-23 महीने की आयु के बच्चे पूरी तरह से टीकाकृत माने जाते हैं, यदि यह जानकारी या तो टीकाकरण कार्ड से या माँ की याददाश्त से प्राप्त हो। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)
राज्य स्वास्थ्य अवसंरचना
भौतिक अवसंरचना
● राजस्थान में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक संस्थानों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध।
● शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र और औषधालय संचालित।
● एससीएसपी / टीएसपी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन।
आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) दिसंबर, 2024
क्र.स. | चिकित्सा संस्थान का नाम | संख्या | NUHM के तहत |
1. | चिकित्सालय * | 238 | - |
2. | सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र | 815 | 16 |
3. | प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (ग्रामीण) | 2478 |
|
4. | प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (शहरी) | 57 | 296 |
5. | औषधालय (डिस्पेंसरी) | 183 |
|
6. | मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र | 118 |
|
7. | उप स्वास्थ्य केन्द्र (ग्रामीण) | 15341 |
|
8. | उप स्वास्थ्य केन्द्र (शहरी) | 20 |
|
8. | शैय्याएँ | 72123 | 480 |
l *61 जिला, 108 उप-जिला, 22 सैटेलाइट तथा 47 अन्य चिकित्सालय शामिल हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम)
● स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) रखा गया।
● राज्य में 9,259 एएएम कार्यरत।
● 127 आयुर्वेदिक अस्पताल, 84 ब्लॉक आयुष अस्पताल, 3,577 आयुर्वेदिक औषधालय।
आयुर्वेद एवं अन्य संस्थाएँ (दिसंबर, 2024 तक)
चिकित्सा संस्थान का नाम | शहरी (संख्या में) |
जिला चिकित्सालय | 39 |
आयुर्वेदिक चिकित्सालय | 88 |
ब्लॉक आयुष चिकित्सालय | 84 |
आयुर्वेदिक औषधालय | 3577 |
चल/मोबाइल चिकित्सा इकाई | 14 |
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र | 33 |
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय | 03 |
योग एवं प्राकृतिक औषधालय | 03 |
● होम्योपैथिक विभाग के अंतर्गत राज्य में 07 होम्योपैथिक अस्पताल, 188 औषधालय, 60 एकल चिकित्सा इकाइयाँ, राजकीय 81 ब्लॉक आयुष अस्पताल, 225 ब्लॉक होम्योपैथिक औषधालय और 02 मोबाइल इकाइयाँ कार्यरत हैं।
सभी के लिए स्वास्थ्य
● राजस्थान स्वास्थ्य देखभाल अधिकार अधिनियम-2023 लागू।
● मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत 1.33 करोड़ पंजीकृत परिवार।
● प्रति परिवार ₹25 लाख तक का कैशलेस उपचार उपलब्ध।
● 2024-25 में ₹2,500 करोड़ का अनुमानित व्यय।
मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना
● 1,240 दवाइयाँ, 428 सर्जिकल वस्तुएँ और 156 सूचर्स सूचीबद्ध।
● 2024-25 में 14.93 करोड़ मरीज लाभान्वित।
राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस)
● 13.65 लाख परिवारों को कवर।
● 740 निजी और 35 राज्य के बाहर के अस्पताल सूचीबद्ध।
● 2024-25 में ₹2,370.82 करोड़ व्यय।
आयुष्मान वय वंदन योजना
● 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए ₹5 लाख तक कैशलेस उपचार।
● 22 लाख वरिष्ठ नागरिक पंजीकृत।
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएँ
● आदर्श पीएचसी / मॉडल सीएचसी योजना के तहत 10.33 लाख मरीजों का मासिक इलाज।
● प्रसव सेवाओं के लिए ₹300 लाख की स्वीकृति।
शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान
● 2024 में 28,551 खाद्य नमूनों का परीक्षण।
● 382 नमूने असुरक्षित पाए गए।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम
● 2024 में 29,64,614 रक्त जाँच, जिनमें से 5,497 एचआईवी पॉजिटिव।
● 256 ब्लड बैंक, 28 एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) केंद्र।
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
● 2024-25 में 2,80,703 नए मरीजों का इलाज।
● 954 शिविरों में 16,485 मरीजों का इलाज।
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम
● राजस्थान में 2,288 गाँव फ्लोराइड प्रभावित।
● 20,757 संदिग्ध मामलों में से 7,680 पुष्ट।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम
● 3,478 शिविरों में 1,36,419 मरीजों की जाँच।
● 12,85,219 मरीजों का इलाज।
परिवार कल्याण कार्यक्रम
● 2024 में 86,379 नसबंदी ऑपरेशन, 4,64,631 आईयूडी प्लेसमेंट।
● कुल प्रजनन दर (TFR) राष्ट्रीय स्तर पर 2.0।
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआईएस)
● 16.66 लाख बीमित व्यक्ति पंजीकृत।
● 2024-25 में ₹14,510.31 लाख चिकित्सा उपचार पर खर्च।
● 03 अस्पताल, 74 औषधालय कार्यरत।
● राज्य के 63 अस्पतालों / चिकित्सालयों में योग्य दंत चिकित्सकों द्वारा दंत सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) -
● एनएचएम का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना है।
● इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) शामिल हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम):
● 2005 में शुरू किया गया।
● आशा कार्यकर्ता समुदाय और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच सेतु के रूप में कार्य करती हैं।
● राजस्थान में 53,923 आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं।
● वर्ष 2024-25 में बजट प्रावधान ₹6,419.98 लाख के विरुद्ध ₹7,789.10 लाख व्यय।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके):
● 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में जन्म दोष और विकास में देरी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की शीघ्र पहचान और उपचार।
● 2024-25 में 45 लाख बच्चों की जाँच, 1.44 लाख बच्चों का इलाज, 673 जटिल सर्जरी।
● बजट ₹4,826.50 लाख में से ₹8,61.50 लाख व्यय।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके):
● 10-19 वर्ष की आयु के किशोरों के समग्र विकास हेतु।
● राजस्थान के 15 जिलों में लागू।
● 332 स्थानों पर "उजाला क्लीनिक्स" कार्यरत।
● 2024-25 में 1,72,172 किशोरों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएँ।
● बजट ₹2,027.79 लाख में से ₹349.56 लाख व्यय।
जननी एक्सप्रेस सेवा:
● गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए निःशुल्क परिवहन सुविधा।
● 2024-25 में 24,325 गर्भवती महिलाओं और 4,325 नवजात शिशुओं को अस्पताल पहुँचाया।
● बजट ₹10,024 लाख में से ₹5,536.52 लाख व्यय।
108 एम्बुलेंस सेवा:
● 2008 में शुरू, वर्तमान में 1,878 एम्बुलेंस कार्यरत।
● 2024-25 में 3,11,338 आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की गईं।
● बजट ₹22,477.09 लाख में से ₹15,274.86 लाख व्यय।
मोबाइल मेडिकल सेवा:
● दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने के लिए।
● 163 मोबाइल मेडिकल वाहन कार्यरत।
● बजट ₹8,707.68 लाख में से ₹1,127.86 लाख व्यय।
ग्राम स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति:
● 43,440 समितियों का गठन।
● 2024-25 में 2,89,545 बैठकें आयोजित।
● बजट ₹1,164.53 लाख में से ₹302.53 लाख व्यय।
आयुष मिशन:
● आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी को बढ़ावा।
● 4,030 आयुष डिस्पेंसरी, 226 अस्पताल, 06 एकीकृत आयुष अस्पताल कार्यरत।
● बजट ₹33,627.66 लाख में से ₹3,553.46 लाख व्यय।
● 21 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 24,85,988 प्रतिभागी।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम):
● प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने हेतु।
● 12 प्रमुख स्वास्थ्य सेवाओं की सूची शामिल।
टेलीमेडिसिन:
● "ई-संजीवनी एचडब्ल्यूसी" पोर्टल के माध्यम से टेली-परामर्श।
● 2024-25 में 21.61 लाख टेली-परामर्श किए गए।
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम):
● शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा।
● 2024-25 में 38,976 शहरी स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस आयोजित।
● 20 शहरी पीएचसी को नेशनल सर्टिफिकेशन प्राप्त।
● बजट ₹205.27 करोड़ में से ₹52.48 करोड़ व्यय।
राजस्थान को सशक्त बनानाः रोजगार को बढ़ावा देना
औद्योगिक वातावरण:
● श्रम विभाग श्रमिकों के हितों की रक्षा और वेतन समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए समर्पित।
● श्रम कानूनों के प्रवर्तन के माध्यम से उद्योगों को प्रोत्साहन।
रोज़गार सुधार व कौशल विकास:
● युवाओं और पिछड़े समुदायों के लिए रोजगार सुधार और नीतियों का क्रियान्वयन।
● व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और उद्योगों के साथ भागीदारी।
● उभरते क्षेत्रों (पर्यावरण, प्रौद्योगिकी) में रोजगार अवसर बढ़ाना।
बेरोज़गारी दर और श्रम बल भागीदारी
● 2023-24 में राजस्थान की बेरोज़गारी दर 4.7% रही, जो पिछले वर्ष 4.9% थी।
● श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 67.6% दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.8% अधिक है।
● कार्यशील जनसंख्या अनुपात (WPR) में वृद्धि से रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
● औद्योगिकीकरण और सेवा क्षेत्र का विस्तार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
| सूचक | राजस्थान | भारत | ||
|
| 2022-23 | 2023-24 | 2022-23 | 2023-24 |
1.
| श्रम बल भागीदारी दर | ||||
पुरुष | 78.6 | 81.4 | 83.2 | 83.5 | |
महिला | 50.5 | 54.1 | 39.8 | 45.2 | |
कुल | 64.8 | 67.6 | 61.6 | 64.3 | |
2. | श्रमिक जनसंख्या अनुपात | ||||
पुरुष | 73.9 | 77.4 | 80.2 | 80.6 | |
महिला | 48.9 | 51.7 | 38.5 | 43.7 | |
कुल | 61.6 | 64.4 | 59.5 | 62.1 | |
3. | बेरोजगारी | ||||
पुरुष | 6.0 | 4.8 | 3.6 | 3.5 | |
महिला | 3.2 | 4.5 | 3.2 | 3.4 | |
कुल | 4.9 | 4.7 | 3.4 | 3.5 |
: श्रेणीवार कामगारों का प्रतिशत वितरण (पीएसएसएस) (एनआईसी-2008 का उद्योग अनुभाग) राजस्थान'
| भाग | राजस्थान | भारत |
1. | कृषि एवं वानिकी और मछली पकड़ना | 51.05 | 46.07 |
2. | खनन एवं उत्खनन | 0.47 | 0.23 |
3 | विनिर्माण | 10.95 | 11.44 |
4. | बिजली गैस भाप और एयर कंडीशनिंग आपूर्ति | 0.34 | 0.27 |
5. | जलापूर्ति, सीवरेज अपशिष्ट प्रबंधन और उपचार गतिविधियाँ | 0.23 | 0.27 |
6. | निर्माण | 12.31 | 11.98 |
7. | थोक और खुदरा व्यापार मोटर वाहनों और मोटरसाइकिलों की मरम्मत | 8.61 | 10.23 |
8. | परिवहन एवं भंडारण | 3.71 | 4.28 |
9. | आवास और खाद्य सेवा गतिविधियाँ | 1.89 | 2.00 |
10. | सूचना एवं संचार | 0.58 | 1.35 |
11. | वित्तीय और बीमा गतिविधियाँ | 0.77 | 1.05 |
12. | व्यावयायिक वैज्ञानिक और तकनीकी गतिविधियों | 0.14 | 0.22 |
13. | रियल एस्टेट गतिविधियाँ | 0.82 | 0.67 |
14. | प्रशासनिक और सहायता सेवा गतिविधियाँ, | 0.76 | 0.92 |
15. | लोक प्रशासन और रक्षा अनिवार्य सामाजिक सुरक्षा | 0.95 | 1.42 |
16. | शिक्षा | 2.73 | 3.04 |
17. | मानव स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य गतिविधियों | 1.17 | 1.35 |
18. | कला और मनोरंजन गतिविधियाँ | 0.34 | 0.22 |
19. | अन्य सेवा गतिविधियाँ | 1.47 | 1.67 |
20. | नियोक्ता के रूप में परिवारों की गतिविधियाँ स्वयं के उपयोग के लिए घरों की गतिविधियों का उत्पादन करने वाली अविभाज्य वस्तुएँ और सेवाएँ | 0.70 | 1.31
|
श्रमिक कल्याण योजनाएँ और लाभ
2024-25 के दौरान प्राप्त उपलब्धियाँ:
● 51 नई ट्रेड यूनियनें पंजीकृत हुईं, जिनमें 5,377 सदस्य जुड़े।
● 1,871 श्रम न्यायालय मामलों का समाधान किया गया।
● 884 औद्योगिक शिकायतों का निपटारा किया गया।
● 198 औद्योगिक विवादों को सुलझाया गया।
निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ:
योजना का नाम | लाभ / सहायता राशि | 2024-25 (दिसंबर तक) के लाभार्थी |
शिक्षा और कौशल विकास योजना | कक्षा 6 से आगे के बच्चों के लिए ₹8,000 ₹25,000 छात्रवृत्ति और मेधावी छात्रों को ₹4,000- ₹35,000 तक प्रोत्साहन राशि | 3,00,358 छात्रों को ₹292.02 करोड़ का लाभ |
औजार / टूलकिट योजना | उपकरण खरीदने के लिए ₹2,000 तक की सहायता | 1,471 लाभार्थियों को ₹24.41 लाख |
सामान्य/दुर्घटना मृत्यु व विकलांगता सहायता | सामान्य मृत्यु – ₹2 लाख, दुर्घटना मृत्यु – ₹5 लाख, स्थायी विकलांगता – ₹3 लाख | 1,741 लोगों को ₹13.60 करोड़ |
प्रसूति सहायता योजना | बेटे के जन्म पर ₹20,000, बेटी के जन्म पर ₹21,000 | 3,788 लाभार्थियों को ₹1.62 करोड़ |
सिलिकोसिस सहायता योजना | पीड़ित को ₹3 लाख, मृत्यु होने पर आश्रितों को ₹2 लाख | 160 लाभार्थियों को ₹4.77 करोड़ |
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा उत्तीर्ण सहायता | IAS परीक्षा उत्तीर्ण करने पर ₹1 लाख, RAS परीक्षा उत्तीर्ण करने पर ₹50,000 | 20 लाभार्थियों को ₹5 लाख |
राजस्थान एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और
एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-अक्सआर) पॉलिसी 2024
● सरकार ने राजस्थान को एनीमेशन, गेमिंग, विजुअल इफेक्ट्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए एक नीति लागू की है।
नीति के मुख्य बिंदु:
● वित्तीय प्रोत्साहन:
उत्पादन अनुदान (30% तक प्रतिपूर्ति)।
● कर लाभ और स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता।
बुनियादी ढाँचे का विकास:
● अटल इनोवेशन स्टूडियो, इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना।
● उच्च स्तरीय तकनीकी संसाधनों तक पहुँच।
कौशल विकास:
● विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी।
● व्यापार करने में आसानी:
● समर्पित AVGC-XR कक्ष और एकल खिड़की पोर्टल।
सांस्कृतिक संवर्धन:
● राजस्थानी लोकगीतों पर आधारित कंटेंट निर्माण को प्रोत्साहन।
● अनुसंधान और विकास:
● नवाचार प्रयोगशालाओं और AVGC-XR सैंडबॉक्स का समर्थन।
ई-श्रम पोर्टल
● भारत सरकार ने ई-श्रम पोर्टल 26 अगस्त, 2021 को लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना है।
● 16-59 वर्ष के श्रमिकों के लिए निःशुल्क पंजीकरण।
● प्रवासी और गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और रोजगार लाभ।
● राजस्थान में दिसंबर, 2024 तक 1,43,32,020 श्रमिक पंजीकृत।
रोजगार
1. राजस्थान सरकार की रोजगार नीति और लक्ष्य
● राजस्थान रोजगार सृजन में अग्रणी राज्य बना है।
● सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 15 लाख नौकरियाँ प्रदान करना है।
● राज्य की विकास दर को 10-12% तक बढ़ाने की योजना बनाई गई है।
2. रोजगार कार्यालय और मॉडल कॅरियर सेंटर (MCC)
● पारंपरिक रोजगार कार्यालयों को आईटी-सक्षम मॉडल कॅरियर सेंटर (MCC) में बदला जा रहा है।
● 16 जिलों में MCC स्थापित किए गए:
● बीकानेर, भरतपुर, कोटा, जयपुर, अलवर, दौसा, झालावाड़, झुंझुनूँ, सवाई माधोपुर, सिरोही, पाली, जैसलमेर, जालौर, बाराँ, बाँसवाड़ा और श्रीगंगानगर।
● त्रैमासिक रोजगार सहायता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
● दिसंबर, 2024 तक 95 आयोजन, जिनमें 39,600 उम्मीदवारों को रोजगार मिला।
3. बेरोजगार युवाओं के लिए पहल
● राजस्थान रोजगार संदेश पाक्षिक समाचार पत्र जारी किया जाता है।
● 1.07 लाख व्यक्तियों का पंजीकरण (2024 में), जिसमें शामिल हैं:
● 55,664 महिलाएँ
● 18,864 अनुसूचित जाति (SC)
● 10,914 अनुसूचित जनजाति (ST)
● 58,486 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
● सार्वजनिक क्षेत्र में 9.80 लाख, निजी क्षेत्र में 4.62 लाख लोग नियोजित (जून 2024)।
4. मुख्यमंत्री युवा संबल योजना (बेरोजगारी भत्ता योजना)
● बेरोजगारों को 3 महीने का कौशल प्रशिक्षण + 4 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य।
भत्ता:
● पुरुषों को ₹4,000 प्रति माह
● महिलाओं, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों को ₹4,500 प्रति माह
● 2019 से 2024 तक 7.98 लाख लाभार्थियों को ₹2,856.60 करोड़ वितरित।
● 2024-25 में 1.43 लाख नई स्वीकृतियाँ, ₹313.53 करोड़ वितरित।
5. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सहायता
● 33 जिला पुस्तकालयों में सावित्री बाई फुले अध्ययन केंद्र स्थापित।
● 15,377 छात्रों को कॅरियर मार्गदर्शन मिला।
● ₹93.06 लाख बजट में से ₹46.53 लाख खर्च।
6. संगठित क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा
● EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की 3 योजनाएँ:
● EPF (1952) - कर्मचारी और नियोक्ता के वेतन का हिस्सा भविष्य निधि में जाता है।
● EPS (1995) - वेतन और सेवा अवधि के आधार पर पेंशन।
● EDLI (1976) - कर्मचारी की असमय मृत्यु पर परिवार को बीमा लाभ (₹2.5-₹7 लाख तक)।
● 1.10 लाख से अधिक संस्थाएँ, 95 लाख से अधिक खाते और 2 लाख पेंशनभोगी पंजीकृत।
● Nidhi Aapke Nikat 2.0 अभियान के तहत EPFO का विस्तार।
7. कार्मिक विभाग (DoP) और सरकारी भर्तियाँ
● 2024-25 में 59,236 पदों पर नियुक्ति।
● 1.72 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन।
8. मनरेगा (ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना)
● ₹7,676.98 करोड़ व्यय, 2.30 करोड़ मानव दिवस सृजित (2024-25)।
● 53.28 लाख परिवारों को रोजगार, 1.27 लाख परिवारों ने 100 दिन का कार्य पूरा किया।
9. मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना
● 18-60 वर्ष के शहरी बेरोजगारों को अकुशल श्रम का रोजगार।
● 86.48 लाख मानव दिवस श्रम सृजित।
10. आजीविका संवर्द्धन और कौशल विकास
● राजस्थान आजीविका मिशन (RMOL) → 2012 में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) बना।
● 1,111+ प्रशिक्षण एजेंसियाँ, 8.65 लाख युवाओं को प्रशिक्षण (2024 तक)।
11. केंद्र प्रायोजित योजनाएँ
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY)
● गरीब युवाओं को न्यूनतम वेतन वाली नौकरियों से जोड़ना।
● 2024 में ₹755.93 करोड़ का संशोधित बजट।
● 3,878 युवाओं को प्रशिक्षण, ₹24.67 करोड़ व्यय।
संकल्प योजना
● महिलाओं, SC/ST, दिव्यांगों के लिए कौशल विकास।
12. राज्य प्रायोजित योजनाएँ
● राजकेविक योजना (रोजगार आधारित जन कौशल विकास)
● सक्षम (स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाभियान)
● समर्थ (वंचित समुदायों के लिए कौशल प्रशिक्षण)
मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना (MMYKVY)
● 7 नवंबर, 2019 से शुरू, 45 विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम।
● 90 घंटे सॉफ्ट स्किल्स पर केंद्रित।
13. विशेष पुनर्वास और रोजगार पहल
भोर योजना (भिक्षुक पुनर्वास कार्यक्रम)
● 105 दिन का प्रशिक्षण, ₹225 प्रतिदिन मजदूरी हानि क्षतिपूर्ति।
● 82 भिक्षुकों को रोजगार।
● कैदियों और बाल अपराधियों के लिए प्रशिक्षण
● जयपुर और भीलवाड़ा जेल में कौशल प्रशिक्षण।
● 5,013 कैदियों को प्रशिक्षित किया गया।
14. रोजगार बढ़ाने के लिए सरकारी विभागों का सहयोग
● RSLDC ने 10 विभागों के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए।
● 86,700 युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण।
15. CSR पार्टनरशिप और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
● "कौशल राजस्थान" योजना के तहत कॉर्पोरेट स्किल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस।
● Recruit-Train-Deploy मॉडल अपनाया गया।
● सिंगापुर ITEES के साथ उदयपुर में पर्यटन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित जहाँ 892 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण।
● विदेशी रोजगार के लिए 4,170 युवाओं को प्रशिक्षित।
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