भारतीय संविधान की विशेषताएँ एवं संविधान के स्रोत
● भारत के संविधान निर्माताओं ने देश की ऐतिहासिक, सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखकर संविधान का निर्माण किया।
● भारत के संविधान की अपनी विशेषताएँ हैं जो विश्व के अन्य संविधानों से अलग करती हैं। यद्यपि इसमें विश्व के महत्त्वपूर्ण संविधान के सर्वश्रेष्ठ गुणों को समाहित किया गया है तथापि इसमें भारतीय परिस्थितियों के अनुसार आवश्यक परिवर्तन के साथ ही अन्य संविधानों के लक्षणों का समावेश भी किया गया।
● भारत के संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि “भारतीय संविधान में व्यावहारिक परिवर्तन की क्षमता है और इसमें शांति काल में, युद्ध काल में देश की एकता को बनाए रखने का भी सामर्थ्य हैं।“
भारत के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. लोकप्रिय प्रभुसत्ता पर आधारित संविधान
● भारत का संविधान लोकप्रिय प्रभुसत्ता पर आधारित संविधान है अर्थात् भारतीय संविधान द्वारा अंतिम शक्ति भारतीय जनता में निहित होती है।
2. उद्देशिका (प्रस्तावना)
● भारत के संविधान के मौलिक उद्देश्य एवं लक्ष्य को संविधान की प्रस्तावना में दर्शाया गया है।
● डॉ. के. एम. मुंशी ने संविधान की प्रस्तावना को राजनीतिक कुंडली तथा इसके महत्त्व के कारण इसे ‘संविधान की आत्मा’ कहा है।
● मूल प्रस्तावना में समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखण्डता शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 के द्वारा जोड़ा गया।
3. विश्व का सबसे विस्तृत व लिखित संविधान
● भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा व लिखित संविधान है। यह बहुत समृद्ध और विस्तृत दस्तावेज है।
● भारत का संविधान विश्व का सर्वाधिक व्यापक संविधान है।
● मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँ (वर्तमान में 12 अनुसूचियाँ) एवं 22 भाग थे।
4. सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य
● संविधान में स्पष्ट किया गया है कि भारत अपने आंतरिक और बाह्य मामलों में संपूर्ण रूप से स्वतंत्र प्रभुसत्ता सम्पन्न देश है।
● देश की प्रभुसत्ता जनता में निहित होती है।
● शासन जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए चलाया जाता है।
● भारत में लोकतांत्रिक पद्धति को अपनाया गया है।
● भारत गणराज्य है क्योंकि यहाँ का राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत नहीं वरन् एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है।
5. संसदीय शासन व्यवस्था
● भारत में इंग्लैंड की वेस्टमिंस्टर प्रणाली को अपनाया गया है।
● इस प्रणाली में कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है।
6. समाजवादी राज्य
● 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारत को ‘समाजवादी गणराज्य’ घोषित किया गया है।
7. पंथ निरपेक्ष राज्य
● धार्मिक मामलों में राज्य ने एक तटस्थ दृष्टिकोण अपनाया है यह न तो किसी धर्म विशेष को ‘राज्य धर्म’ मानता है न ही किसी समुदाय विशेष को धार्मिक आश्रय देता है धर्म के क्षेत्र में प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता प्रदान करता है।
8. कठोरता व लचीलेपन का सम्मिश्रण
● संविधान संशोधन की प्रक्रिया द्वारा उसके कठोर और लचीलेपन का निर्धारण किया जाता है। भारत में दोनों प्रक्रियाओं को अपनाया गया है।
● संविधान के कुछ भागों का संशोधन सरल व कुछ भागों का जटिल है।
9. शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व तथा विश्व भ्रातृत्व का लक्ष्य
● संविधान के अनुच्छेद 51 में उल्लेख किया गया है कि भारत सम्पूर्ण विश्व के कल्याण और शान्ति की कामना करता है तथा आपसी भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
संविधान के स्रोत
● संविधान सभा ने भारतीय संविधान के निर्माण के लिए विश्व के अनेक देशों (लगभग 60 देशों) के संविधान का अध्ययन कर भारत की परिस्थितियों के अनुरूप उनके बेहतर प्रावधानों को भारतीय संविधान में सम्मिलित किया।
● भारतीय संविधान का लगभग दो-तिहाई हिस्सा भारत शासन अधिनियम 1935 से प्रेरित है।
अमेरिका :-
1. मूल अधिकार
2. न्यायपालिका की स्वतंत्रता
3. न्यायिक पुनरवलोकन
4. जनहित याचिका
5. राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया
6. उप- राष्ट्रपति का पद
7. प्रस्तावना की पहली पंक्ति
8. न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया
9. विधियों का समान सरंक्षण
ब्रिटेन :-
1. संसदीय शासन प्रणाली
2. इकहरी नागरिकता
3. विधि का शासन
4. विधि के समक्ष समता
5. रिट अधिकारिता
6. द्विसदनीय व्यवस्था
7. मंत्रिमंडलीय व्यवस्था
8. CAG (नियंत्रक व महालेखा परीक्षक) का पद
9. मंत्रिपरिषद् का सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायित्व
10. First past the post (अग्रता ही विजेता) प्रणाली
कनाडा :-
1. अवशिष्ट शक्तियों का केन्द्र में निहित होना
2. उच्चतम न्यायालय से राष्ट्रपति के परामर्श लेने की शक्ति
3. राज्यपाल की नियुक्ति प्रक्रिया
4. सशक्त केन्द्र के साथ संघीय व्यवस्था
ऑस्ट्रेलिया :-
1. प्रस्तावना की भाषा
2. समवर्ती सूची
3. संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
4. व्यापार, वाणिज्य व समागम
आयरलैण्ड :-
1. राज्य के नीति निदेशक तत्त्व
2. राज्यसभा में सदस्यों का मनोनयन
3. राष्ट्रपति की निर्वाचन पद्धति
दक्षिण अफ्रीका :-
1. संविधान संशोधन की प्रक्रिया
2. राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन
सोवियत संघ रूस :-
1. मूल कर्तव्य
2. सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय
फ्रांस :-
1. गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली
2. स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व
जर्मनी :-
1. आपातकाल के समय मूल अधिकारों का निलंबन
जापान :-
1. विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया
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