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इनपुट डिवाइस (Input Device)

इनपुट डिवाइस (Input Device)

● Input device  - Computer व User के मध्य सम्पर्क की सुविधा प्रदान करते हैं। Input Device द्वारा दिए गए Data, Instruction और Programmes को कम्प्यूटर इनपुट करता है। ये Devices Character, Numerical तथा अन्य चिह्नों को 0 तथा 1 Bit में Convert करते हैं, जिन्हें कम्प्यूटर समझ सकता है तथा Data Processing कर सकता है। इस डिवाइस के द्वारा Text, Image एवं Audio आदि को कम्प्यूटर पर भेजा जाता है। Input Device सीधे computer के नियंत्रण में रहते हैं। 

Input → Process → Output

इनपुट डिवाइस (Input Devices) :-

Keyboard (की-बोर्ड)

● यह मुख्य प्राथमिक और सुगम Input Device है जिसके द्वारा Data और Programme को Computer में Input किया जाता है। इसके द्वारा User Computer को Command देता है और उसका प्रभाव तत्काल Screen पर पड़ता है। 

● Key Board एक Type Writer के समान Keys वाला उपकरण है, लेकिन इसमें Keys की संख्या Type Writer से अधिक होती है। 

● Key Board के बटन में एक मुख्य बात यह होती है कि किसी बटन को कुछ देर तक दबाए रखने पर वह स्वयं को दोहराता है। यह क्रिया Typematic कहलाती है।  

● एक मानक Key board में कुल 104 Keys होती हैं। 

● Keyboard में QWERTY की बोर्ड का प्रयोग किया जाता है।

● वर्तमान में 108 Keys वाले की बोर्ड भी उपलब्ध हैं।  

● की-बोर्ड को वर्ष 1868 क्रिस्टोफर लॉथम शोल्स द्वारा विकसित किया गया।  

Key Board के निम्नलिखित प्रकार हो सकते हैं-

(a) Standard Keyboard 

(b) Multimedia Keyboard  

(c) Wireless Keyboard 

Key Board की सभी कुंजियों को समूह में बाँटा गया है-

1.  Alphabet Keys (A-Z) Alphabet Keysकी संख्या 26 होती है। Caps Lock ON करने पर अल्फाबेट Capital letter में टाइप होते हैं। 

2.  Numerical Keys (0-9) यह कुंजियाँ की-बोर्ड के दायीं तरफ कुल संख्या 17 होती है। न्यूमेरिक अंकों की कुंजी-10 (0-9) होती है।

3.  Functional (F1-F12)- 

F1 – Help के लिए 

F2 – Rename के लिए

F3 – Search के लिए

F4 – Repeat last action के लिए 

F5 – Refresh के लिए

F6 – वेब ब्राउजर के Address Bar में जाने के लिए

F7 – Spelling & Grammer के लिए

F8 – Window safe mode के Access के लिए

F9 – MS Word में document Refresh करने के लिए

F10 – Menu bar को Activate करने के लिए 

F11 – Window explorer को Full Screen पर देखने के लिए 

F12 – Save As के लिए 

4.  Arrow (->, <-) - यह की-बोर्ड के निचले भाग में स्थित ऊपरनीचेबाएँ एवं दाएँ जाने के 4 दिशात्मक कुंजियाँ होती है।

5.  Symbol Keys - ये कुंजियाँ विशेष अक्षरों या चिह्नों को लिखने के काम आती हैं। जैसे - !, @, $, %, ^, & etc.

6.  Toggle key – की बोर्ड के माध्यम से फंक्शन को चालू या बंद करने के लिए टॉगल की का उपयोग किया जाता है। इसे Lock Key भी कहा जाता है।

जैसे- NumLock key, Caps Lock Key, Scroll lock key 

8.  Modifier Key/Combination key– की बोर्ड के द्वारा शॉर्टकट कमाण्ड देने के लिए इस की प्रयोग किया जाता है। 

जैसे- Alt key, Shift key, Ctrl Key 

● Home key– होम कुंजी दबाने पर कर्सर लाइन के शुरुआत में आ जाता है।

● End key– कर्सर को पंक्ति या दस्तावेज़ के अंत में ले जाता है।

● Page Up– कर्सर को एक पेज ऊपर ले जाता है।

● Page Down– कर्सर को एक पेज नीचे ले जाता है।

● Backspace– कर्सर के बायीं तरफ अक्षरों को मिटाता है।

● Delete– कर्सर के दायीं तरफ अक्षरों को मिटाता है।

● Esc key चालू प्रोग्राम से Exit होने के लिए।

● Spacebar– की-बोर्ड पर सबसे लम्बा बटन जो अक्षरों एवं अंकों के मध्य स्पेस देने के लिए प्रयोग होता है। 

● Print Screen– कम्प्यूटर की स्क्रीन का स्क्रीनशॉट लेने के लिए प्रयोग किया जाता है।

Mouse (माउस) 

● माउस एक प्रकार का प्वॉइंटिंग डिवाइस है। इसे हाथ से पकड़कर काम में लेते हैं। माउस का आविष्कार वर्ष 1964 में डगलस इंजेलबर्ट ने किया था। समतल सतह पर माउस को हिलाने पर इसके नीचे लगी Ball अथवा लाइट घूमती है, जो माउस में लगे छोटे-छोटे रोलर्स को संवेदित करती है। यह संवेदना को Digital Value में बदलकर यह व्यक्त करती है कि माउस किस दिशा में गति कर रहा है। 

● माउस में दो या दो से अधिक बटन होते हैं जिनको दबाने से Screen पर Pointer की सहायता से Screen के अवयव चुने जाते हैं। माउस के बटन को अँगुली से दबाने की क्रिया Click कहलाती है। माउस एक केबल की सहायता से एवं वायरलेस माध्यम से C.P.U. से जुड़ा होता है।

● आजकल Ball वाले Mouse की जगह Optical Mouse का प्रयोग किया जाता है। Mouse पर एक Scroll Button भी होता है जिसका प्रयोग Pages को ऊपर-नीचे करने के लिए किया जाता है।

माउस के प्रकार-

1.  Machenical Mouse– इसमें Pointer को नियंत्रित करने के लिए एक रबड़ की बॉल का प्रयोग किया जाता है। 

2.  Optical Mouse– इस प्रकार के माउस में लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है।

3.  Wireless Mouse– इस प्रकार के माउस में प्रकाश एवं बेतार माध्यम का प्रयोग किया जाता है। 

Track Ball (ट्रैक बॉल) 

● Track Ball भी वही कार्य करती है जो Mouse करता है। यह भी एक प्रकार की प्वॉइंटिंग डिवाइस है। अन्तर यह है कि Mouse को हाथ से घुमाना पड़ता है, जबकि Track Ball को अँगुली या अँगूठे से घुमाकर संचालित किया जाता है। 

● Track ball में ball ऊपर की ओर दिखाई देती है। इसे अधिकांश Laptop Computer में उपयोग करते हैं। Ball को जितना और जिस दिशा में घुमाते हैं, Pointer उतना व उसी दिशा में संचालित होता है। 

● इसका प्रयोग CAD (Computer Aided Design) कम्प्यूटरीकृत वर्क स्टेशनों में किया जाता है।   

● मोशन डाटा को कम्प्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में प्रविष्ट करवाने के लिए ट्रैकबॉल का प्रयोग किया जाता है।

Joystick (जॉयस्टिक) 

● Joy Stick Games खेलने के काम आने वाला Input Device है। यह भी एक प्रकार का प्वॉइंटिंग डिवाइस है। Joy Stick के माध्यम से Screen पर उपस्थित आकृति को इसके Handle से पकड़कर चलाया जा सकता है। 

● जॉयस्टिक सभी दिशाओं में घुमने की अनुमति देता है। आजकल जॉयस्टिक बटन के रूप में भी उपयोग में ली जाती है। इसे 360 डिग्री में घुमाया जा सकता है।   

● रॉबोट को नियंत्रित करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। 

Scanner (स्कैनर) 

● यह एक Input Device है जिसके द्वारा Text, Graphics को सीधे Computer में डाला जाता है। स्कैनर हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलने का कार्य करता है। इसके लिए जिस Text/Graphics को Scan करना है उसे Scanner की Flat सतह पर रखा जाता है। 

● Scanner पर लगे Lens और Light Source के द्वारा चित्र को Binary Code में Change करके Computer की Memory में पहुँचाया जाता है तथा उसे Monitor की Screen पर देखा जा सकता है। Scan की गई फोटो में आवश्यकतानुसार Changes किये जा सकते हैं। 

● Scanner के द्वारा स्कैन किया गया डाटा कम्प्यूटर पर डिजिटल रूप में स्टोर होता है। स्कैन की गई फाइल को JPEG  और PDF (Portable Document Format) में सेव किया जा सकता है।  

● Scanner के द्वारा स्कैन किया गया डाटा कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक इमेज के रूप में प्रदर्शित होता है। स्कैनर स्कैनिंग के लिए फ्लोरोसेन्ट बल्ब का उपयोग करते हैं।   

Scanner के प्रकार-  

1Hand Scanner- हैंडहेल्ड स्कैनर को हाथ से पकड़कर वस्तु या प्रोडक्ट को स्कैन किया जाता है। 

2Flat bed scanner- इस Scanner में Photo को रखकर उसका कवर बन्द करके Operate किया जाता है। यह पूरे Page में अंकित सूचनाओं को एक साथ Scan करता है।

3Drum Scanner- इस स्कैनर में घूमने वाला एक ड्रम होता है। जिसके द्वारा स्कैन किया जाता है।  

Optical Mark Reader (OMR) 

● यह एक ऐसी Input Device है जो किसी कागज पर पेन या पेन्सिल के चिह्न की उपस्थिति को जाँचती हैं, इसमें चिह्नित कागज पर प्रकाश डाला जाता है और परिवर्तित प्रकाश को जाँचा जाता है। जहाँ चिह्न होगा, उस भाग में परावर्तित प्रकाश की तीव्रता कम होगी। इसका उपयोग किसी परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जाँच में होता है।

Bar-Code Reader (BCR) (बार-कोड रीडर)

● BCR द्वारा Printed Lines के समूह को एक डाटा के रूप में पढ़ा जा सकता है। Universal Product Code सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला BCR Code है। जो लगभग सभी Retail वस्तुओं की Packing पर होता है। 

● BCR वास्तव में एक स्कैनर है जो UPC को Laser Beam की सहायता से पढ़ता है। UPC में एक श्रेणी में कई खड़ी लाइनें होती हैं जिनकी चौड़ाई अलग-अलग होती हैं। इन Lines को 10 डिजिट में पढ़ा जाता है। इनमें से प्रथम 5 से निर्माता व Distributor का पता चलता है तथा अन्तिम 5 से Product की जानकारी ज्ञात होती है।

Optical Character Readers (OCR)

● OCR का उपयोग लिखे गए या प्रिंटेड अक्षरों को कम्प्यूटर पर डिजिटल रूप में इनपुट करने के लिए किया जाता है।    

Magnetic Ink Character Recognition (MICR)

● इस उपकरण के द्वारा Input किये जाने वाले Data को एक पेपर पर लिखा जाता है। अक्षरों को लिखने के लिए एक विशेष फॉण्ट होता है। इस Font का प्रत्येक अक्षर Lines में बना होता है। 

● इसमें एक विशेष प्रकार की Magnetic Ink का प्रयोग किया जाता है। जिसमें Iron Oxide नामक चुम्बकीय पदार्थ मिला होता है। यह अधिकतर Banks के चैक व Draft No. पढ़ने के लिए प्रयोग में लिया जाता है। उस चैक को MICR के Reading Head के नीचे से गुजारा जाता है। यह Cheque व DD को पूर्ण शुद्धता से पढ़ता है तथा इसकी Input की गति Fast होती है। 

Digitizer (डिजिटाइजर)   

● यह एक Input Device है। Graphic Tablet में एक Drawing सतह होती हैं। इसके साथ एक Pen जुड़ा होता है, जिसे Stylus कहते हैं। 

● Drawing सतह में (Grid) पतले तारों का जाल होता है जिस पर पेन को चलाने से संकेत कम्प्यूटर में चले जाते हैं व Screen पर Image बन जाती है।

Card Reader (कार्ड रीडर)  

● Memory Card, Flash Drive की तरह ही Permanent Storage Device की तरह प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों; जैसे- Mobile Phone, PDA, Digital Camera आदि और Computer के बीच Data Transmission के लिए विकसित किया गया।

● इन Cards को Electronic उपकरणों के अतिरिक्त Card Reader द्वारा भी Access किया जा सकता है अर्थात् Card Reader में Memory Cards को Insert करने के लिए विभिन्न Slots होते हैं जिनमें Card डालकर Data, Card से Computer में या Computer से Card में Transfer किया जा सकता है।

Voice Recognition System (वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम)

● Voice Recognition System तकनीक से हम कम्प्यूटर में डाटा बिना टाइप किये सीधे ही बोलकर इनपुट करवा सकते है।  

Web Camera (वेब कैमरा)

● वेब कैमरा का प्रयोग विशेषतः कम्प्यूटर के साथ होता है। प्रयोक्ता इसका प्रयोग खास तौर पर ऑनलाइन चैटिंग के समय करते हैं। 

● वेब कैमरा किसी ऑब्जेक्ट पर फोकस करके उसका चित्र लेता है तथा इसे कम्प्यूटर स्क्रीन पर दूसरी ओर ऑनलाइन व्यक्ति (यदि उसके पास भी वेब कैमरा है तब) को देख सकते हैं तथा उससे बातचीत कर सकते हैं। 

Light pen (लाइन पेन)

● यह सामान्य पेन की तरह दिखाई देने वाला डिवाइस होता है। जिसमें Light के माध्यम से स्क्रीन पर लिखा जाता है। 

● यह प्वॉइंटिंग डिवाइस है। जिसका उपयोग ड्रॉइंग बनाने के लिए भी किया जाता है। इसे Electro Optical Device भी कहते हैं।

Biometric Device (बायोमेट्रिक डिवाइस) 

● यह एक प्रकार का इनपुट डिवाइस हैजिसके द्वारा मानव शरीर के अंगों के माध्यम से Data को कम्प्यूटर पर भेजा जाता हैजैसे– अँगुलियों के द्वारा उपस्थिति दर्ज करवाने वाली मशीन। 

Quick Response code Scanner 

● यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का मिश्रित रूप है। जिसके द्वारा वर्गाकार फ्रेम में बहुत सारे dots व लाइनों से मिलकर बने हुए Image को स्कैन करती है तथा उसमें उपस्थित Data को स्क्रीन पर दर्शाता है। इसमें सूचना स्टोर करने के लिए चार बिट का प्रयोग किया जाता है। 

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