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अर्थव्यवस्था: सुशासन से समृद्धि

सुशासन से समृद्धि

1. सुशासन और डिजिटल परिवर्तन

● डेटा-संचालित शासन के माध्यम से सेवाओं को नागरिकों के अनुकूल बनाया जा रहा है।

● आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे के सुधार के लिए किया जा रहा है।

● "पहचान" पोर्टल के माध्यम से जन आधार डेटा का रियल-टाइम अपडेट और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की उपलब्धि सुनिश्चित की जा रही है।

● संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक ने सुशासन को आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता के लिए आवश्यक बताया है।

2. नागरिक केंद्रित सेवा प्रदायगी

● "स्मार्ट" (Service Management with AI & Real-Time System) प्रोजेक्ट के तहत नागरिकों को पात्र सरकारी योजनाओं का लाभ बिना आवेदन के मिलेगा।

● "गोल्डन डेटाबेस ऑफ सिटीजन" तैयार किया जा रहा है, जिससे स्वतः पहचान, आवेदन, अनुमोदन और लाभ वितरण संभव होगा।

3. राजस्थान जन आधार योजना ("एक नंबर, एक कार्ड, एक पहचान")

● परिवारों को 10 अंकों की पहचान संख्या और सदस्यों को 11 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या प्रदान की जाती है।

● महिला सशक्तीकरण हेतु 18 वर्ष से अधिक की महिला को परिवार का मुखिया बनाया जाता है।

● वित्तीय समावेशन – सभी नकद लाभ महिला मुखिया के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं।

● 31 दिसंबर, 2024 तक जन आधार प्लेटफॉर्म के माध्यम से ₹2.71 करोड़ की बचत हुई।

● 175 से अधिक योजनाओं का DBT (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से ₹78,300 करोड़ का हस्तांतरण।

● राशन कार्ड, बीपीएल कार्ड, श्रमिक कार्ड को जन आधार से जोड़ा गया।

● बैंक खातों में नकद हस्तांतरण और गैर-नकद लाभ नागरिकों के घर तक पहुँचाए जा रहे हैं।

4. जन शिकायत निवारण प्रणाली

● राजस्थान सम्पर्क (181) पोर्टल के माध्यम से नागरिक टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

● 2024 में 33.32 लाख परिवादों में से 98% का समाधान।

● राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित की जा रही है।

5. जनसुनवाई प्रणाली

● उद्देश्य: नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान और प्रशासन में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करना।

● तीन स्तर: जिला, उपखंड, ग्राम पंचायत।

● 2024 की प्रगति:

● जिला स्तर: 23,663 में से 23,422 परिवाद निस्तारित।

● उपखंड स्तर: 34,006 में से 33,981 परिवाद निस्तारित।

● ग्राम पंचायत स्तर: 1,83,419 में से 1,83,275 परिवाद निस्तारित।

6. ई-मित्र और ई-मित्र प्लस

● उद्देश्य: नागरिक सेवाओं की त्वरित और सुविधाजनक डिलीवरी।

● ई-मित्र:

● 600+ सरकारी एवं निजी सेवाएँ उपलब्ध।

l 78,000 से अधिक आउटलेट्स।

ई-मित्र प्लस:

● एटीएम जैसे कियोस्क के माध्यम से सेवाएँ।

● 14,891 ई-मित्र प्लस कियोस्क संचालित।

● 93 लाख से अधिक लेनदेन।

7. जन सूचना पोर्टल

● उद्देश्य: सरकारी योजनाओं और सेवाओं की पारदर्शी जानकारी प्रदान करना।

● 2024 की स्थिति: 348  योजनाएँ, 117 विभाग, 743 योजनाओं की जानकारी उपलब्ध।

8. आई-स्टार्ट (स्टार्टअप्स के लिए प्लेटफॉर्म)

मुख्य पहल:

● इनोवेशन चैलेंज & अवॉर्ड, क्यू-रेट रैंकिंग सिस्टम, इनक्यूबेटर, आई-स्टार्ट नेस्ट।

● 2024-25: 870 आवेदन पंजीकृत।

● जयपुर, कोटा, भरतपुर समेत 9 जिलों में कार्यालय।

9. ई-बाजार (ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म)

● 2024 की स्थिति:

● 109 विक्रेता (बी2सी: 28, बी2जी: 81)।

● 1,439 पंजीकृत उत्पाद।

10. सिंगल साइन-ऑन (SSO) सुविधा

● उद्देश्य: एक ही लॉगिन से सभी सरकारी सेवाओं की सुविधा।

● 2024 की स्थिति:

● 521 एप्लीकेशन जुड़े (318 जी2जी, 203 जी2सी)।

l 3.10 करोड़+ पंजीकृत उपयोगकर्ता।

11. राज ई-वॉल्ट (डिजिटल दस्तावेज प्रबंधन)

● 2024 की स्थिति:

l75 करोड़+ डिजिटल दस्तावेज संगृहित।

l प्रतिदिन 2 लाख+ दस्तावेज अपलोड।

12. कृषि एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में तकनीकी पहल

● राज-एआईएमएस: डिजिटल कृषि प्रबंधन प्रणाली।

● राजकिसान साथी पोर्टल:

●98 लाख+ किसान जुड़े।

●₹2850 करोड़ की डीबीटी सहायता।

● 2023-24 में "नेशनल अवार्ड फॉर ई-गवर्नेंस (सिल्वर)"।

नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP):

● 4,522 किसानों का पंजीकरण।

● 458 किसान क्रेडिट कार्ड जारी।

13. स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) ऑनलाइन सेवाएँ

सेवाएँ:

● बिल्डिंग प्लान स्वीकृति, ट्रेड लाइसेंस, फायर NOC, सीवर कनेक्शन, संपत्ति कर, मोबाइल टावर अनुमति आदि।

● ई-नीलामी पोर्टल: नगर निकायों की डिजिटल नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना।

राजस्थान सरकार द्वारा सुशासन के लिए प्रशासनिक तंत्र

प्रमुख पहल और उपलब्धियाँ

राज वाई-फाई सेवाएँ

● दिसंबर, 2024 तक 10,686 ग्रामीण और 4,596 शहरी वाई-फाई हॉटस्पॉट।

● 9,447 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन एंड ऑथेंटिकेशन इंजन (डीवीएई)

● 8 विभागों के 14 प्रकार के दस्तावेजों का प्रमाणन।

● 49 लाख से अधिक लेनदेन सफलतापूर्वक पूरे।

राजनेट (राजस्थान स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क - राजस्वान)

● 9,478 से अधिक ग्राम पंचायतों में नेटवर्क कनेक्टिविटी।

● जिला और ब्लॉक स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी रूम) की सुविधा।

स्टेट पोर्टल

● 1,699 सरकारी वेब पोर्टलों से जुड़ा हुआ।

● 62.72 लाख नागरिकों ने इसका उपयोग किया।

स्टेट डेटा सेंटर (एसडीसी)

● भारत का सबसे बड़ा टियर-4 सरकारी डेटा सेंटर।

● 99.99% अपटाइम गारंटी के साथ 800 रैक क्षमता।

राज-काज (ई-ऑफिस सिस्टम)

● 77 प्रशासनिक विभागों और 433 संगठनों में लागू।

● 28.8 लाख ई-फाइलें डिजिटल रूप से संचालित।

राज ई-साइन

● 8.62 करोड़ से अधिक दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर।

राजमेल (निःशुल्क ई-मेल सेवा)

● 56.78 लाख से अधिक उपयोगकर्ता जुड़े।

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (अभय)

● 7 संभागीय मुख्यालयों और 26 जिलों में स्थापित।

● 11,892 सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी।

कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज (सीओएस)

● 2024 में कुल 25 बैठकें आयोजित।

सूचना का अधिकार (आरटीआई) ऑनलाइन पोर्टल

● 948 आरटीआई आवेदन और 68 अपीलें दर्ज।

राजस्थान अनुप्रयोग विकास केंद्र (राजकैड)

● 82 से अधिक मॉड्यूल के लिए डैशबोर्ड विकसित।

● 18 वेब पोर्टल और 7 मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च।

भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली

● जयपुर नगर निगम और अन्य संस्थानों के लिए डेटा साझेदारी।

ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली

● 93,208 निविदाओं की प्रक्रिया पूरी, कुल राशि ₹1,82,845 करोड़।

डेटा एनालिटिक्स पहल

● वाणिज्यिक कर, परिवहन, आबकारी, पंजीयन, खनन विभागों में कार्यान्वित।

आईटी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

● 1,564 सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को आईटी प्रशिक्षण।

● आरकेसीएल और एमसीए द्वारा प्रमाणित डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम।

सुशासन के लिए वित्तीय प्रबंधन

वित्तीय प्रशासन का महत्त्व

● पारदर्शी और कानूनी रूप से सशक्त सार्वजनिक वित्त प्रणाली सुशासन का अनिवार्य हिस्सा है।

● सरकार वित्तीय लेन-देन, निगरानी, प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।

● प्रभावी वित्तीय प्रबंधन से बजट प्रक्रियाएँ कुशल और जवाबदेही बढ़ती है।

आईएफएमएस (Integrated Financial Management System)

● राजस्थान सरकार ने आईएफएमएस के स्वचालित प्लेटफॉर्म को लागू किया।

● वित्तीय प्रशासन पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।

● आईएफएमएस (IFMS) से बजट, लेखांकन और वित्तीय लेन-देन स्वचालित हुआ।

● नकदी प्रवाह, ई-भुगतान, डीबीटी, ट्रेजरी कार्य में कुशलता बढ़ी।

● एआई एकीकरण से तेज निर्णय और सटीकता में सुधार।

● राजस्थान में वित्तीय प्रशासन अधिक पारदर्शी, कुशल और डिजिटल बना।

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